भारत-पाक सीजफायर: डोनाल्ड ट्रम्प 10 मई के बयान से पलटे, बोले- 'मैंने मध्यस्थता नहीं कराई, मदद की है'

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प

Indo-Pak ceasefire: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 10 मई को कहा था कि भारत-पाकिस्तान को रातभर समझाया और दोनों देशों को युद्धविराम के लिए राजी किया। अब अपने उसी बयान से डोनाल्ड ट्रम्प पलट गए हैं।

Indo-Pak ceasefire: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 10 मई को कहा था कि भारत-पाकिस्तान को रातभर समझाया और दोनों देशों को युद्धविराम के लिए राजी किया। अब अपने उसी बयान से डोनाल्ड ट्रम्प पलट गए हैं। उन्होंने कतर में गुरुवार को आयोजित एक कार्यक्रम कहा, 'मैंने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता नहीं कराई। मैंने सिर्फ तनाव को कम करने में मदद की है।'


ट्रम्प ने कहा, 'मैं ये नहीं कहता कि ये मैंने किया, लेकिन ये पक्का है कि पिछले हफ्ते भारत-पाकिस्तान के बीच जो हुआ, मैंने समस्या को सुलझाने में मदद की। भारत-पाकिस्तान के बीच हालात भयंकर रूप ले सकते थे। दोनों देशों की तरफ से हमले किये जा रहे थे और हमने ऐसा नहीं करने के लिए समझाया। '

मुझे उम्मीद है कि मैं यहां से बाहर नहीं निकलता और दो दिन बाद पता चलता कि मामला सुलझा नहीं है, लेकिन मामला सुलझ गया। मैंने दोनों से व्यापार को लेकर बात की। मैंने कहा कि युद्ध के बजाय व्यापार करें। पाकिस्तान बहुत खुश था, भारत बहुत खुश था। मुझे लगता है कि वे सही रास्ते पर हैं।

भारत-पाकिस्तान 1000 साल से लड़ रहे: डोनाल्ड ट्रम्प
उन्होंने कहा, वे (भारत-पाकिस्तान) बीते 1000 साल से लड़ रहे हैं। मैंने कहा कि मैं समझौता करा सकता हूं और मैंने समझौता करा दिया। मैंने कहा कि मुझे इसे निपटाने दो। चलो, उन सभी को एक साथ लाते हैं। आप एक हजार सालों से लड़ रहे हैं और कितना लड़ते रहेंगे। मैं समझौते को लेकर विश्वस्त नहीं था। ये बहुत मुश्किल था। वे लंबे समय से लड़ रहे थे। यह वास्तव में नियंत्रण से बाहर होने जा रहा था।'



डोनाल्ड ट्रम्प ने 10 मई को क्या कहा?
'मेरे प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्ण और तत्काल युद्ध विराम कराने में मदद की, मुझे लगता है कि यह स्थायी युद्धविराम था, जिससे दो राष्ट्रों के बीच एक खतरनाक संघर्ष समाप्त हुआ, जिनके पास बहुत सारे परमाणु हथियार थे और वे एक-दूसरे पर बहुत अधिक आक्रमण कर रहे थे और ऐसा लग रहा था कि यह रुकने वाला नहीं था। मुझे आपको यह बताते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि भारत और पाकिस्तान का नेतृत्व अडिग, शक्तिशाली था, लेकिन स्थिति की गंभीरता को पूरी तरह से जानने और समझने की शक्ति, बुद्धि और धैर्य भी था।'

ट्रंप के दावे को भारत ने किया था खारिज
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अमेरिका और भारत के शीर्ष नेताओं में व्यापार के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई। भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को सिरे खारिज किया था, जिसमें उन्होंने न्यूक्लियर (परमाणु हथियारों से संपन्न) देशों के बीच संघर्ष रोकने के लिए व्यापार डील का इस्तेमाल किया है। भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच 10 मई को हुए युद्धविराम समझौते की घोषणा सबसे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ही की थी। उन्होंने कहा था कि अमेरिका की मध्यस्थता पर देर रात चली चर्चा के बाद दोनों देश सीजफायर के लिए राजी हो गए हैं।

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