Unstable Pakistan: पाकिस्तान के 2 'शरीफ' भाइयों और 2 सेनाध्यक्षों की कहानी, क्या फिर होगा तख्तापलट?

पाकिस्तान के 2 शरीफ भाइयों और 2 सेनाध्यक्षों की कहानी, क्या फिर होगा तख्तापलट?
X

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उनके भाई नवाज शरीफ, वर्तमान पाक सेनाध्यक्ष असीम मुनीर, पूर्व सेनाध्यक्ष परवेज मुशर्रफ। 

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरिफ को अपने भाई नवाज शरीफ की तरह सत्ता गंवानी होगी या परवेज मुशर्रफ के 'शार्गिद' असीम मुनीर तख्तापलट करेंगे? जानिये पूरी कहानी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को अपने भाई नवाज शरीफ की तरह तख्ता पलट का सामना करना पड़ेगा या फिर पाक सेनाध्यक्ष असीम मुनीर को अपनी कुर्सी गंवानी होगी? इस सवाल का जवाब पूरी दुनिया जानना चाहती है। आज की खबर में हम न केवल इस सवाल का जवाब देने का प्रयास करेंगे बल्कि पाक सेना अध्यक्ष कैसे चुना जाता है, पाक में कब-कब तख्तापलट हुए जैसे सवालों का भी जवाब देंगे। सबसे पहले बताते हैं कि नवाज शरीफ की तरह शहबाज शरीफ के लिए बड़ी चुनौती क्या है?

पाकिस्तान सरकार और सेना में तालमेल नहीं

पाकिस्तान के सैन्य अध्यक्ष असीम मुनीर पर लोकप्रियता हासिल करने के लिए भारत के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला कराने की शजिश रचने का आरोप है। वहीं, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ लगातार धमकी देते रहे कि अगर भारत ने पहलगाम का बदला लेने के लिए हमला किया तो हम भी जवाब देंगे। पाकिस्तान की इस गीदड़ भभकी के बाद भारत ने 6 और 7 मई की रात को पाक और पाक के कब्जे वाले इलाके में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर दी।

इसके बाद पाकिस्तान सरकार की ओर से अपील की गई कि अगर आगे हमला नहीं होता है, तो हम पलटवार नहीं करेंगे। लेकिन, भारत सरकार का रूख था कि आतंकवादियों और उनके आलाकमानों से किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा। इस बीच अचानक पाकिस्तान सेना ने भारत के रिहायशी इलाकों में गोले बरसाने शुरू कर दिए। तीन दिन में पाकिस्तान घुटने पर आ गया और चौथे दिन सीजफायर की गुहार करने लगा।

ये भी पढ़ें: भारत पाकिस्तान सीजफायर के बीच ऑपरेशन सिंदूर रहेगा जारी, पढ़ें इंडियन एयर फोर्स का पूरा बयान

भारत ने इस अपील को स्वीकार कर लिया, लेकिन सीजफायर के पांच घंटे बाद ही दोबारा से पाकिस्तानी सेना ने हमला कर दिया। इस हमले ने दर्शा दिया कि पाकिस्तान सरकार और सेना के बीच तालमेल नहीं है। हालांकि भारतीय सेना ने पाकिस्तान सेना को तगड़ा जवाब देते हुए 11 एयरबेस ध्वस्त कर दिए, जिससे असीम मुनीर के पांव तले जमीन खिसकना तय था। अब खासी फसीहत के चलते अपने 'गुरू' परवेज मुशर्रफ की राह पर चल सकते हैं।

असीम मुनीर चल रहे परवेज मुशर्रफ की राह?

पहलगाम आतंकी हमले से पहले भी भारत में कई आतंकी हमले हुए और भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को धूल चटाने का काम किया। लेकिन, पाकिस्तान सेना ने इतना दुस्साहस नहीं किया, जितना इस बार करने का प्रयास किया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या असीम मुनीर परवेज मुशर्रफ की राह चल रहे हैं। दरअसल, परवेज मुशर्रफ उन सैन्य शासकों में शामिल हैं, जिन्होंने नवाज शरीफ की सरकार का तख्तापलट किया था।

बात 1999 की है, जब नवाज शरीफ और भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी लाहौर घोषणा के साथ कश्मीर समेत अन्य मुद्दों को सुलझाना चाह रहे थे। बाजपेयी जी प्रतिनिधिमंडल के साथ वाया बस लाहौर पहुंचे थे। नवाज शरीफ ने उनका भव्य आदर सत्कार किया, लेकिन उनकी पीठ के पीछे जरनल परवेज मुशर्रफ की कमान में पाकिस्तानी सैनिक कारगिल की पहाड़ियों में काबिज हो चुके थे।

भारतीय सेना जब सर्दी का सीजन खत्म होने के बाद वापस कारगिल की पहाड़ियों पर स्थित अपनी पोस्ट पर जाने लगे तो पाकिस्तानी सेना ने हमला कर दिया। इसके बाद भीषण युद्ध हुआ, लेकिन जुलाई 1999 में भारतीय सेना ने कारगिल की पहाड़ियों पर फिर से तिरंगा फहरा दिया। इसके बाद परवेज मशर्रफ ने चार महीने के भीतर यानी अक्टूबर 1999 नवाज शरीफ की सरकार का तख्तापलट कर दिया। चूंकि 7 से 10 मई के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच जिस तरह से युद्ध की स्थिति रही, उसके मुद्देनजर 'असफल' असीम मुनीर तख्तापलट कर सकते हैं।

असीम मुनीर इस वजह से कर सकते हैं तख्तापलट

बताया जाता है कि जनरल परवेज मुशर्रफ ने तख्तापलट करने से पहले शहबाज शरीफ को सरकार की कमान संभालने का न्यौता दिया था, लेकिन उन्होंने अस्वीकार कर दिया। साथ ही, अपने भाई को भी सचेत किया। बावजूद इसके नवाज परिवार इस तख्तापलट को रोक नहीं सका। वर्तमान में शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री हैं, वहीं जनरल असीम मुनीर स्वयं को मुशर्रफ के वैचारिक उत्तराधिकारी साबित कर रहे हैं। वे अक्सर अपने भाषणों में कश्मीर के लिए उत्तेजक बयान देते हैं।

ये भी पढ़ें: भारत ने पहला हमला किया... पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का बड़ा झूठ आया सामने

हाल में उन्होंने कहा था कि हिंदू और मुस्लिम एक नहीं हो सकते हैं। वहीं एक अन्य बयान में कहा था कि कश्मीर हमारे गले की नस है और हम इसे भूला नहीं सकते हैं। जानकारों का कहना है कि भारत ने जिस तरह से पाकिस्तान की नकेस कसी है, उसकी झटपटाहट से बचने के लिए शहबाज शरीफ की सरकार का तख्तापलट हो सकता है।

पाकिस्तान में कैसे चुना जाता है सेनाध्यक्ष

पाकिस्तान में भी सेनाध्यक्ष का चयन प्रधानमंत्री करते हैं। प्रधानमंत्री सीनियर मोस्ट अफसर के नामों की सिफारिश करते हैं। इसके बाद आर्मी चीफ की बैटन टॉप चार अधिकारियों में से किसी को सेना की कमान सौंप दी जाती है। सेना प्रमुख का कार्यकाल तीन साल का होता है। कई बार सेना प्रमुख का कार्यकाल भी बढ़ा दिया जाता है, जिस तरह से कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल बढ़ाया गया था।

पाकिस्तान में कब कब हुआ तख्तापलट

पाकिस्तानी सेना वहां चुनी गई सरकार पर भारी पड़ती नजर आई है। 1977 से पहले 1953-54 में जनरल गुलाम मोहम्मद ने ख्वाजा नजीमुद्दीन की सरकार बर्खास्त कर दी थी। दूसरा तख्तापलट 1958 में हुआ था। पाक के राष्ट्रपति मेजर जनरल इस्कंदर अली मिर्जा ने फिरोज खान नून की सरकार बर्खास्त कर दी थी। तीसरा तख्तापलट 1977 में हुआ, जब जनरल जियाउल हक ने जुल्फिकार अली भुट्टो की सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया। चौथा तख्तापलट परवेज मुशर्रफ ने 1999 में किया, जिसकी वजह से नवाज शरीफ को विदेश भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story