Rhinoceros Skin : क्या गैंडे की खाल से बनती है बुलेटप्रूफ जैकेट? इतनी मजबूत होती है चमड़ी

Rhinoceros Skin : क्या गैंडे की खाल से बनती है बुलेटप्रूफ जैकेट? इतनी मजबूत होती है चमड़ी
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आपने अक्सर कई लोगों के मुंह से सुना होगा की उसकी खाल तो गैंड़े जैसी हो गई है। कहने का तत्पर्य यह है कि गैंड़े जैसी खाल होने से उस पर कोई असर नहीं होता। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर लोग गैंड़े की खाल की ही क्यों बात करते है। दुनिया में अन्य जानवर भी है उनकी खाल की बात क्यों नहीं करते?

Rhinoceros Skin : आपने अक्सर कई लोगों के मुंह से सुना होगा की उसकी खाल तो गैंड़े जैसी हो गई है। कहने का तत्पर्य यह है कि गैंड़े जैसी खाल होने से उस पर कोई असर नहीं होता। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर लोग गैंड़े की खाल की ही क्यों बात करते है। दुनिया में अन्य जानवर भी है उनकी खाल की बात क्यों नहीं करते?

दरअसल, आपको जानकर हैरानी होगी की गैंड़े की खाल काफी मजबूत और कठोर होती है। गैंडे की खाल इतनी मजबूत होती है कि किसी बड़े वाहन के टकराने पर भी गैंड़े को कुछ नहीं होता। कई लोगों का यह भी मानना है कि गैंड़े की खाल से बुलेटप्रुफ जैकेट भी बनाई जाती है। आखिर क्या सही में गैंड़े की खाल से बुलेटप्रुफ जैकेट बनाई जाती है। आइए जानते है सच्चाई।

शाक्तिशाली होते हैं गैंड़े

सबसे पहले हमे गैंडे के बारे में जानना जरूरी होगा। आपको बता दें कि गैंड़ा एक शाक्तिशाली जानवर होता है। कहा जाता है कि अगर गैंड़े को गुस्सा आ जाए तो तवाही मचा के रख देता है। आपको जानकर हैरानी होगी की गैंड़े की पांच प्रजातियां होती है। कई गैड़ों के दो सींग तो कई का एक सींग होता है। गैंड़े के वजन की बात करे तो एक गैंड़ा करीब हजार किलो से अधिक का होता है। लेकिन एक स्वस्थ्य और तंदुरुस्त गैंडे का वजन 3500 किलो के आसपास होता है। यह भी बात दें कि वैसे तो हाथी को जंगल का सबसे ताकतवर जानवर माना जाता है लेकिन गैंडा, हाथी से कही ज्यादा ताकतवर होता है, बस दोनों में उंचाई का फर्क होता है।

2 इंच मोटी होती है गैंड़ों की चमड़ी

आपको बता दें कि गैंडों की चमड़ी 2 इंच मोटी होती है। इनकी चमडी इतनी कठोर होती है कि इन पर गोली का भी असर नहीं होता। इनकी चमड़ी कई लेयर में होती है। 3 एमएम की बुलेट का भी इनकी चमड़ी को भेद नहीं पाती है।

बुलेटप्रुफ जैकेट में काम आती है इनकी चमड़ी?

आपको बता दें कि गैंड़े की चमड़ी का बुलटप्रुफ जैकेट बनाने में इस्तेमाल नहीं किया जाता है। लेकिन गैंड़े की चमड़ी काफी मजबूत होती है। हालंाकि एके-47 राइफल से निकली गोली से यह बच नहीं पाते है। सबसे बड़ी बात यह है कि गैंड़े कभी आग से नहीं डरते है।

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