Exclusive: सुनील गावस्कर जब पहली बार सत्य साई से मिले, तो हुआ कुछ ऐसा, खुद बताया किस्सा, देखें VIDEO

Sunil Gavaskar Exclusive interview: क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने Inh 24x7 और हरिभूमि के  एडिटर-इन-चीफ हिमांशु द्विवेदी से खास बातचीत में सत्य साई संजीवनी ट्रस्ट को लेकर किए कई दावे। देखें Video

Sunil Gavaskar Exclusive interview: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील मनोहर गावस्कर समाज सेवा में भी सक्रिय हैं। पूर्व क्रिकेटर हाल ही में आयोध्या स्थित सत्य साई संजीवनी ट्रस्ट के अस्पताल में पहुंचे। इस मौके पर सुनील गावस्कर ने Inh 24x7 और हरिभूमि के एडिटर-इन-चीफ हिमांशु द्विवेदी से खास बातचीत की। सुनील गावस्कर ने इस दौरान पहली बार सत्य साई बाबा से मुलाकात की कहानी भी साझा की। पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने बताया कि अयोध्या में सत्य साई संजीवनी अस्पताल के तीन सेंटर हैं और यह तीनों सेंटर हजारों लोगों की जिंदगी बचा चुके हैं।

मेरे सिर पर सत्य साई बाबा का हाथ रहा है
सुनील गावस्कर ने बताया कि पहली बार मेरी सत्य साई बाबा से मुलाकात 1978 में हुई। गावस्कर ने बताया कि मेरे सिर पर पहले दिन से ही भगवान सत्य साई बाबा का हाथ। पचास साल से हमारे परिवार के लोग सत्य साई बाबा के श्रद्धालु रहे हैं। गावस्कर ने कहा कि खेल के मैदान पर भी कई बार मुझे इस बात का अनुभव हुआ कि सत्य साई बाबा का आशीर्वाद मेरे साथ है। कई बार जब आप मैदान पर होते हैं तो अंपायर कुछ ऐसे फैसले लेते हैं जिसकी उम्मीद नहीं होती। खासकर ऐसे मौकों पर मुझे लगा कि यह सब कुछ सत्य साई बाबा के आर्शीवाद से हुआ है। मेरा परिवार सत्य साई बाबा को भगवान की तरह मानता है।

पहली बार सत्य साई से मिलने का किस्सा बताया
सुनील गावस्कर ने बताया कि पहली बार मैं जब सत्य साई बाबा से मिला वो मुझे आज भी याद है। मैंने उन्हें दूर से देखा। उस मौके पर चेन्नई के उनके श्रद्धालुओं के लिए मीटिंग हो रही थी। उस समय में मेरे साथ भारतीय क्रिकेटर गुंडप्पा विश्वनाथ और वेस्ट इंडिज के कप्ताल ऑलविन कालीचरण भी मेरे साथ गए थे। उस समय मैंने जब उनको देखा तो ऐसा लगा कि उनके पांव जमीन पर नहीं पड़ रहे और वह हवा में आ रहे हैं।

सत्य साई अस्पताल से जुड़ना मेरी तीसरी पारी
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील मनोहर गावस्कर ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद सत्य साई हॉस्पिटल के साथ जुड़ने का मौका मिला। यह मेरे लिए ब्लेसिंग है, इसे मैं तीसरी पारी कहता हूं। पहली पारी तो क्रिकेटर के नाते थी। दूसरी पारी बिजनेसमैन मोडिया पर्सन की थी और यह मेरी तीसरी पारी है। मेरे लिए जो वह तीसरी पारी है वह सबसे फुलफिल हैं। छोटे बच्चे, जो दिल के मरीज हैं। ऑपरेशन के बाद जब डॉक्टर्स बाहर आकर परिजनों को ऑपरेशन सक्सेसफुल होने की बात कहते हैं, तो ये देखकर इतनी खुशी मिलती है, वो काफी सुकून देता है।

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