'महाकुंभ में नहीं आने वाले देशद्रोही': कहने पर बुरे फंसे धीरेंद्र शास्त्री, 20 मई को कोर्ट में हाजिर होने का नोटिस

Dhirendra Krishna Shastri: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भड़काऊ एवं असंवैधानिक बयान देना बागेश्वर बाबा को महंगा पड़ गया। शहडोल जिला न्यायालय ने गुरुवार (15 मई) को धीरेंद्र शास्त्री को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने 20 मई को सुबह 11 बजे कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। आइए जानते हैं आखिर क्या है पूरा मामला।
जानिए पूरा मामला
यूपी के प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 को प्रयागराज महाकुंभ का शुभारंभ हुआ था। 26 फरवरी 2025 को महाकुंभ का समापन हुआ। धीरेंद्र शास्त्री ने 27 जनवरी को महाकुंभ में बयान दिया कि 'महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए। जो नहीं आएगा, वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा। बयान के बाद शहडोल के सीनियर एडवोकेट संदीप कुमार तिवारी ने 4 फरवरी को धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ शहडोल के सोहागपुर थाने में शिकायत दी थी।
पुलिस ने नहीं सुनी तो कोर्ट में शिकायत
संदीप ने धीरेंद्र कृष्णा पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। शिकायत पर कोई कार्रवाई न होने पर संदीप ने 3 मार्च 2025 को जिला कोर्ट में परिवाद दायर किया था। प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट सीताशरण यादव की कोर्ट ने परिवाद स्वीकृत करते हुए अब धीरेंद्र शास्त्री को नोटिस जारी कर 20 मई को बुलाया है।
संदीप ने जताई आपत्ति
शहडोल के अधिवक्ता संदीप तिवारी ने बयान पर आपत्ति जताई है। संदीप का कहना है कि बयान संविधान की मूल भावना और धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध है। इससे विभिन्न समुदायों में मतभेद की आशंका उत्पन्न हुई है। यह भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराध भी है। संदीप ने सवाल उठाया है कि क्या सीमा पर तैनात सैनिक, डॉक्टर, पुलिसकर्मी या अन्य कर्तव्यरत नागरिक जो कुंभ में नहीं आ पाते, उन्हें देशद्रोही कहा जा सकता है?।