NEET-UG 2025: MP हाईकोर्ट ने खारिज की रि-एग्जाम की मांग, अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे छात्र

NEET-UG 2025: रि-एग्जाम की मांग खारिज, सुप्रीम कोर्ट जाएंगे छात्र
High Court rejects NEET re-exam : इंदौर हाईकोर्ट ने NEET UG 2025 परीक्षा दोबारा कराने की मांग खारिज कर दी। 75 से अधिक छात्रों ने NEET के दौरान बिजली गुल होने और उससे हुई परेशानी का हवाला देकर रि-एग्जाम कराने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी सभी याचिका खारिज कर दी। सोमवार, 14 जुलाई को सुनवाई करते हुए कहा, मामले में पुनः परीक्षा की जरूरत नहीं है। वहीं याचिकाकर्ता छात्र अब सुप्रीम कोर्ट जाने को तैयार हैं।
इंदौर हाईकोर्ट कोर्ट ने क्या कहा?
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने विशेषज्ञ समिति से जांच कराने के बाद पुनः परीक्षा कराने की मांग को खारिज कर दिया था। अब हाईकोर्ट भी उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया। कहा, छात्रों को यदि एक-दूसरे पर नजर रखने और बिजली गुल होने जैसी परिस्थितियों में परीक्षा देनी पड़ी तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन रि-एग्जाम का कोई औचित्य नहीं बनाता।
इंदौर हाईकोर्ट कोर्ट ने NTA और जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि भविष्य में ऐसी अव्यवस्था न हो। NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में बिजली समस्या से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करके रखें।
क्या था मामला?
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 4 मई 2025 को देशभर में NEET-UG परीक्षा कराई, लेकिन इंदौर और उज्जैन के कुछ परीक्षा केंद्रों में बिजली गुल हो गई, जिससे छात्रों प्रश्न पत्र हल करने में काफी परेशानी हुई।
छात्रों के वकील ने कोर्ट को बताया कि बिजली गुल होने से न सिर्फ परीक्षार्थियों की एकाग्रता भंग हुई, बल्कि समय भी खराब हुआ है। इससे उनके भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
हाईकोर्ट ने पहले रि-एग्जाम कराने का आदेश दिया था, लेकिन NTA ने जब एक्स्पर्ट कमेटी की रिपोर्ट पेश की तो हाईकोर्ट ने उस आदेश को पलट दिया।
किसने क्या कहा?
- एडवोकेट मृदुल भटनागर (याचिकाकर्ता छात्रों के वकील) ने कोर्ट को बताया कि बिजली कटौती के समय जनरेटर तक की व्यवस्था नहीं थी। छात्रों को अंधेरे में पेपर देना पड़ा। ये उनके भविष्य को प्रभावित करता है।
- एडवोकेट विवेक शरण ने कहा, 5 मिनट के लिए एसी बंद हो जाने पर लोग असहज महसूस करने लगते हैं। ऐसे में परीक्षा के दौरान बिजली बंद होने से छात्रों पर क्या बीती होगी? यह अपने आप में विचारणीय सवाल है।
- सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा, 22 लाख छात्रों ने परीक्षा दी, केवल कुछ केंद्रों पर बिजली समस्या हुई है। वहां भी बैकअप के इंतजाम थे। री एक्जाम कराना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं।
कोर्ट ने क्या प्रक्रिया अपनाई?
हाईकोर्ट में 10 जुलाई को दो घंटे चली बहस के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। इस दौरान जज ने कोर्ट रूम की बिजली बंद कराकर पेपर पढ़ने का प्रयास किया। साथ ही छात्रों को हुई परेशानी अनुभव करने की कोशिश की। सोमवार को जारी आदेश कहा, छात्रों की असुविधा तो हुई है, लेकिन पुनः परीक्षा नहीं कराई जा सकती।