Mung Urad MSP: मध्यप्रदेश में किसानों को बड़ा तोहफा, मूंग-उड़द की MSP पर होगी खरीदी: जानें पूरी प्रक्रिया

MP में मूंग और उड़द की MSP पर खरीदी के लिए 19 जून से होंगे पंजीयन।
Mung Urad MSP Procuration: मध्यप्रदेश में मूंग उत्पाद किसानों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार, 13 जून को बताया कि केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्रालय को इसके लिए प्रस्ताव भेजा है। मंजूरी मिलते ही खरीरी शुरू कर दी जाएगी।
पंजीयन 19 जून से शुरू
समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द खरीदी के लिए किसान पंजीयन की प्रक्रिया 19 जून 2025 से शुरू किए जाएंगे। सीएम मोहन यादव ने बताया कि संबंधित विभागों और एजेंसियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। हालांकि, कांग्रेस इसे अपनी उपलब्धि बता रही है।
पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज
- किसान की फसल का विवरण
- आधार नंबर
- बैंक खाता संख्या व IFSC कोड
- भू-अधिकार ऋण पुस्तिका की स्व-प्रमाणित प्रति
- सिकमी/बटाई काश्तकारों के लिए अनुबंध की प्रति
उड़द और मूंग की MSP और बाजार कीमत
सरकार ने मूंग का समर्थन मूल्य ₹8,682 प्रति क्विंटल औ उड़द का ₹7,400 प्रति क्विंटल निर्धारित कर रखा है, लेकिन ओपन मार्केट में किसानों को इसकी उपज महज 5 हजार प्रति क्विंटल मिलती है। इससे प्रति क्विंटल उन्हें 3 हजार नुकसान हो रहा है। इस पर किसान, किसान संगठन और कांग्रेस ने मुखर होकर विरोध किया। किसान कांग्रेस ने सीहोर में मूंग दल कर विरोध प्रदर्शन किया था।
उड़द और मूंग की MSP दरें (वर्ष 2025-26)
फसल | MSP | बोवनी क्षेत्र (लाख हेक्टेयर) | संभावित उत्पादन (लाख मीट्रिक टन) | कटाई अवधि | |
मूंग | ₹8,682 प्रति क्विंटल | 14.35 | 20.23 | मई के तीसरे सप्ताह से जून के पहले सप्ताह तक | |
उड़द | ₹7,400 प्रति क्विंटल | 0.95 | 1.24 | मई के तीसरे सप्ताह से जून के पहले सप्ताह तक |
उड़द और मूंग खरीदी के लिए जिम्मेदार एजेंसियाँ
- सहकारी संस्थाएं
- म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ
- म.प्र. वेयरहाउसिंग लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन
- कृषि, खाद्य, सहकारिता, राजस्व विभाग
- इन संस्थाओं के मैदानी अमले को फसल की गुणवत्ता पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
परिवहन व भुगतान व्यवस्था
- उपार्जन केंद्र से गोदाम तक मूंग-उड़द का परिवहन नियुक्त एजेंसियों द्वारा किया जाएगा।
- उपार्जन केंद्र पर कम्प्यूटरीकृत रसीद किसानों को दी जाएगी जिसमें बैंक खाते का विवरण और भुगतान राशि होगी।
- यदि परिवहन एजेंसी विफल होती है तो वैकल्पिक व्यवस्था जिला स्तर पर की जाएगी और पेनाल्टी लगाई जा सकती है।
उपार्जन केंद्रों में किसानों को मिलेंगी ये सुविधाएं
- छायादार प्रतीक्षालय
- पीने का पानी, शौचालय और प्राथमिक चिकित्सा
- लैपटॉप, प्रिंटर, बैटरी सहित तकनीकी सुविधा
- फसल गुणवत्ता जांच हेतु आवश्यक उपकरण
- भुगतान की जानकारी के साथ बैनर डिस्प्ले