साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2025: झारखंड की पार्वती तिर्की 'फिर उगना' कविता संग्रह के लिए सम्मानित, 23 लेखकों को मिला अवार्ड, देखें सूची

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पार्वती तिर्की को मिला साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2025

झारखंड की पार्वती तिर्की को उनके पहले कविता संग्रह 'फिर उगना' के लिए साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया। जानिए उनके जीवन और साहित्यिक योगदान के बारे में।

Jharkhand: झारखंड की कवयित्री डॉ. पार्वती तिर्की को उनके हिंदी कविता संग्रह ‘फिर उगना’ के लिए साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2025 के लिए चुना गया है। बुधवार को साहित्य अकादमी की ओर से पुरस्कार विजेताओं की सूची जारी की गई, जिसमें कुल 23 युवा लेखकों के नाम शामिल हैं।

पार्वती तिर्की झारखंड के कुडुख आदिवासी समुदाय से आती हैं और फिलहाल राम लखन सिंह यादव कॉलेज, रांची विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं।

29 वर्षीय पार्वती का जन्म झारखंड के गुमला जिले में हुआ था। उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय, गुमला से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और फिर काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से हिंदी साहित्य में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। उनका शोध विषय था – ‘कुडुख आदिवासी गीत: जीवन राग और जीवन संघर्ष’।

उनका पहला कविता संग्रह ‘फिर उगना’ वर्ष 2023 में राधाकृष्ण प्रकाशन से प्रकाशित हुआ था। इससे पूर्व उन्हें ‘विष्णु खरे युवा कविता सम्मान 2025’ से भी नवाजा जा चुका है।

डॉ. तिर्की ने बताया: "मैंने कविताओं के ज़रिए संवाद की कोशिश की है। मुझे खुशी है कि इस संवाद को सम्मान मिला है। विविध जनसंस्कृतियों के बीच भरोसे और तालमेल का रिश्ता बनाना लेखन का उद्देश्य है।"

पार्वती तिर्की को कविताओं, लोकगीतों और कहानियों में विशेष रुचि है। उनकी रचनाएं हिंदी की कई प्रतिष्ठित प्रिंट और डिजिटल पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं।

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