गर्मी व उमस से बेचैन हुए जानवर: कलेसर के जंगल छोड़कर खेतों में घुसा हाथियों का झुंड, 15 एकड़ फसल की बर्बाद

यमुनानगर में हाथियों का कहर : हरियाणा के यमुनानगर के कलेसर नेशनल पार्क से सटे गांवों में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक ग्रामीणों की नींद उड़ा रहा है। लगातार हो रही बारिश और बढ़ती उमस के चलते जंगली हाथी पहाड़ी जंगलों से निकलकर मैदानी इलाकों की ओर बढ़ने लगे हैं। अराईयावाला गांव के खेतों में शनिवार रात हाथियों के एक झुंड ने जबरदस्त उत्पात मचाया। ग्रामीणों के अनुसार, हाथियों ने कई एकड़ में खड़ी गन्ना, धान और अन्य फसलों को रौंद डाला। कुछ किसानों की पोपलर की बागवानी भी पूरी तरह तबाह हो गई। हाथियों के इस हमले से सैकड़ों पेड़ उखड़ गए और खेतों की मिट्टी भी खराब हो गई, जिससे आने वाली फसल की संभावनाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।
फसल को भारी नुकसान, किसान आक्रोशित
ग्रामीणों ने बताया कि रात लगभग 2 बजे खेतों से जानवरों की आवाजें आने लगीं। जब वे टॉर्च लेकर बाहर निकले तो हाथियों का झुंड फसलों को कुचलता दिखाई दिया। उन्होंने शोर मचाकर और पटाखे फोड़कर हाथियों को भगाने की कोशिश की, मगर तब तक काफी नुकसान हो चुका था। ग्रामीणों के अनुसार, इस हमले में करीब 10 से 15 एकड़ की फसल नष्ट हो चुकी है। कई किसानों की साल भर की मेहनत कुछ ही मिनटों में मिट्टी में मिल गई। किसानों ने वन विभाग पर समय रहते उपाय न करने का आरोप लगाया है।
वन विभाग की टीम ने लिया घटनास्थल का जायजा
घटना की जानकारी मिलते ही वन्य प्राणी संरक्षण विभाग की टीम मौके पर पहुंची। विभाग के कर्मचारी सुमित ने घटनास्थल का निरीक्षण कर कहा कि मौजूदा मौसम की स्थिति, विशेषकर लगातार बरसात और अत्यधिक उमस, हाथियों को मैदानी इलाकों की ओर आकर्षित कर रही है। उन्होंने बताया कि हाथियों के व्यवहार को देखते हुए यह कोई असामान्य बात नहीं है, लेकिन ग्रामीणों की सुरक्षा और फसलों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
जानवरों पर हमला न करने की अपील
वन विभाग ने ग्रामीणों को हाथियों से निपटने के लिए कुछ प्राथमिक उपाय अपनाने की सलाह दी है, जैसे खेतों के आसपास प्रकाश की व्यवस्था करना, शोर मचाना, टीन के ड्रम बजाना और रात्रि पहरे की व्यवस्था करना। साथ ही यह भी चेताया गया कि किसी भी सूरत में जंगली जानवरों पर हमला न करें, क्योंकि इससे वे आक्रामक हो सकते हैं।