भारतीय महिला कुश्ती को झटका: रोहतक की पहलवान रीतिका, मुस्कान व नीतिका DOPING में फंसीं, NADA ने लगाया बैन

रोहतक की अंतरराष्ट्रीय पहलवान रीतिका हुड्डा की डोप टेस्ट रिपोर्ट आई पॉजीटिव।
भारतीय महिला कुश्ती को झटका : भारतीय कुश्ती जगत को उस समय बड़ा झटका लगा, जब देश की तीन महिला इंटरनेशनल पहलवानों के डोप टेस्ट में फेल होने की पुष्टि हुई। नतीजतन, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने इन खिलाड़ियों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। तीनों महिला पहलवान रीतिका हुड्डा, मुस्कान नांदल और नितिका हरियाणा के रोहतक जिले की रहने वाली हैं और देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत चुकी हैं।
सैंपल में यह केमिकल व दवा मिली
इन खिलाड़ियों के सैंपल्स हाल ही में अलग-अलग प्रतियोगिताओं और प्रशिक्षण शिविरों के दौरान लिए गए थे। जांच में इन सैंपल्स में प्रतिबंधित दवाओं के अंश पाए गए। रीतिका का नमूना मार्च में हुए चयन ट्रायल के दौरान लिया गया था, जिसे अंतरराष्ट्रीय प्रयोगशाला में जांचा गया। रिपोर्ट में रीतिका के शरीर में प्रतिबंधित सल्फोन की पुष्टि हुई। मुस्कान नांदल का सैंपल 13 मई को दिल्ली में चल रहे नेशनल कैंप के दौरान 'आउट ऑफ कंपीटिशन' लिया गया था। उनकी रिपोर्ट में GW1516 नामक प्रतिबंधित पदार्थ की मौजूदगी सामने आई है, जो स्टेमिना और फैट बर्निंग बढ़ाने वाले तत्वों में आता है। वहीं, नितिका भी इसी सूची में शामिल हैं, जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है।
अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियन व ओलंपियन रह चुकी हैं रितिका
तीनों खिलाड़ी अपने-अपने भार वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। रीतिका हुड्डा को खासकर इसलिए जाना जाता है क्योंकि वह अंडर-23 कैटेगरी में वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान रही हैं। उन्होंने हेवीवेट (76 किलो) कैटेगरी में पेरिस ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई भी किया था। इस साल होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप में उसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है। रीतिका ने कहा कि उन्हें जांच एजेंसी पर पूरा भरोसा है। संभावना जताई जा रही है कि वे बी नमूना दे सकती हैं। आरोप सही पाए जाने पर उन पर चार साल का बैन लग सकता है।
समय-समय पर लिए जाते हैं सैंपल
डोपिंग खेल की नैतिकता के खिलाफ माना जाता है और विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) के तहत इसे गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जाता है। खिलाड़ियों को प्रतियोगिता से पहले और दौरान नियमित रूप से डोप टेस्ट से गुजरना होता है।
NADA के समक्ष रखना होगा अपना पक्ष
ऐसे मामलों में सस्पेंशन के बाद विस्तृत सुनवाई होती है, जहां खिलाड़ी अपने बचाव में दलील दे सकते हैं। फिलहाल तीनों पहलवानों को कुश्ती से बाहर रखा गया है और उन्हें NADA की अनुशासनात्मक समिति के समक्ष अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। यदि प्रतिबंध बरकरार रहता है, तो यह न केवल उनके करियर के लिए बड़ा झटका होगा बल्कि भारतीय कुश्ती संघ के लिए भी एक चेतावनी होगी कि एंटी-डोपिंग जागरूकता पर और अधिक गंभीरता से काम किया जाए।