Cm flying raid: सिरसा मंडी में यूरिया की कालाबाजारी, नकली ग्राहक भेजकर पकड़ा दुकानदार

सिरसा अनाजमंडी में यूरिया की कालाबाजारी की जांच करती सीएम फ्लाइंग टीम।
Cm flying raid : हरियाणा के सिरसा में सीएम फ्लाइंग टीम ने अनाज मंडी में रविवार को रेड मारकर एक दुकानदार को ब्लैक में खाद बेचते रंगे हाथों पकड़ा। सीएम फ्लाइंग टीम ने किसानों की शिकायत पर यह कार्रवाई की है। टीम ने बोगस ग्राहक बनाकर दुकान पर भेजा और उसे जो नोट दिए उनका नंबर नोट कर लिया। जैसे ही दुकानदार ने ग्राहक को ब्लैक में खाद बेची तो इशारा मिलते ही टीम ने दुकानदार को दबोच लिया।
भारतीय किसान एकता संगठन ने जताया रोष
भारतीय किसान एकता के प्रधान लखविंदर सिंह ने कहा कि कुछ दुकानदार बेखौफ होकर खाद की कालाबाजारी कर रहे हैं। किसानों को 1800 रुपये प्रति बैग डीएपी और 350 रुपये प्रति बैग तक यूरिया बेची जा रही है। मजबूर व लाचार किसानों को लुटवाने के लिए अनाज मंडी के कई आढ़ती भी दुकानदारों से मिले हुए हैं। गांवों के कुछ दुकानदार भी छोटे किसानों को ब्लैक में डीएपी व यूरिया खाद बेचकर लूट रहे हैं। निम्न क्वालिटी के फर्टिलाइजर, बायोफर्टिलाइजर व पेस्टिसाइड्स की खाद के साथ टैगिंग की जा रही है।
10 कट्टे यूरिया 3200 में बेची
औलख ने कहा कि नई अनाज मंडी सिरसा में स्थित दुकान से बार-बार शिकायत आ रही थी कि किसानों को ऊंचे रेटों पर डीएपी व यूरिया खाद बेची जा रही है। कई किसानों को खाद के साथ निम्न क्वालिटी के उत्पादों की टैगिंग की जा रही है, जिस पर संज्ञान लेते हुए सीएम फ्लाइंग को शिकायत की गई। सीएम फ्लाइंग द्वारा नोटों के नंबर नोट करके आज एक ग्राहक भेजा गया, जिसको उक्त दुकानदार ने 320 रुपये प्रति बैग के हिसाब से 10 कट्टे यूरिया 3200 रुपये में बेची। सीएम फ्लाइंग ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट परमजीत सिंह व सब इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह सीएम फ्लाइंग हिसार व लोकल पुलिस के साथ मौके पर पहुंचकर दुकानदार को रंगे हाथों 3200 रुपये में 10 कट्टे बेचते हुए पकड़ा। शनिवार 12 जुलाई को भी एक किसान को 7 कट्टे यूरिया 320 रुपये के हिसाब से बेची गई थी।
नहरी पानी की समस्या से भी घिरे किसान
किसान नेता ने कहा कि किसानों को चौतरफा मार झेलनी पड़ रही है। कई महीनो तक नहरों में पानी ना आने की वजह से हजारों एकड़ में फसलों की बिजाई नहीं हुई है। अब नकली निम्न क्वालिटी के बीज, खाद, बायोफर्टिलाइजर व पेस्टीसाइड्स बनाने वाली कई कंपनियां रंग-बिरंगी पैकिंगों में उत्पाद बनाकर बाजार में किसानों को बेचकर लूट रही है।