Haryana Right to Service Commission: छोटे से काम के लिए एक साल तक चक्कर कटवाए, अब अधिकारी अपने वेतन से देगा 5 हजार मुआवजा

Haryana Right to Service Commission : हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने रोहतक के बिजली उपभोक्ता की शिकायत पर सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया। आयोग ने संबंधित लेखाधिकारी पर एक हजार रुपये का प्रतीकात्मक जुर्माना व 5 हजार रुपये का मुआवजा उपभोक्ता को दिए जाने का आदेश दिया है। आयोग ने जांच में पाया कि उपभोक्ता के मीटर परिवर्तन आदेश को सिस्टम में अपडेट करने में लगभग एक वर्ष की देरी हुई। उसे नाजायज रूप से कई चक्कर कटवाए गए।
कई शिकायत करने के बावजूद ठीक नहीं हुआ बिल
रोहतक के उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि आयोग के अनुसार विभाग द्वारा 11 जून 2023 को मीटर परिवर्तन आदेश अपडेट कर दिया गया था, फिर भी उपभोक्ता के बिल में त्रुटि बनी रही। इससे उन्हें बार-बार शिकायतें दर्ज करानी पड़ी और कार्यालय के चक्कर लगाने पड़े। बाद में मई 2024 में संड्री एडजस्टमेंट तैयार हुआ, परंतु गणना में गलती होने के कारण यह 29 नवंबर 2024 को ही स्वीकृत हो सका। यह त्रुटि अंतत: आयोग के हस्तक्षेप से ही सुधरी।
आयोग ने वापस दिलवाए 16 हजार रुपये
हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया कि इतने सरल मामले का समाधान प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी अथवा द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकारी स्तर पर नहीं हो सका। यह केवल हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग द्वारा शुरू की गई ऑटो अपील प्रणाली के कारण संभव हो पाया कि एक अशिक्षित उपभोक्ता व उसका बारहवीं पढ़ा पुत्र, बिना किसी अतिरिक्त खर्च के घर बैठे ही अपनी शिकायत आयोग तक पहुंचा सके और उन्हें कुल 15 हजार 838 रुपये और 16 हजार 330 रुपये की धनवापसी प्राप्त हो सकी, जिसमें से 16 हजार 330 रुपये की राशि आयोग के हस्तक्षेप के फलस्वरूप ही प्राप्त हुई।
लेखाधिकारी के वेतन से कटेंगे 6 हजार रुपये
आयोग ने आदेश दिया है कि संबंधित लेखाधिकारी के जून 2025 के वेतन से 6 हजार रुपये की राशि काटकर 1 हजार रुपये राज्य कोष में जमा की जाए तथा 5 हजार रुपये उपभोक्ता के बिल में समायोजित अथवा उसके बैंक खाते में स्थानांतरित की जाए। उपभोक्ता से बैंक विवरण प्राप्त कर यह भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त आयोग ने द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकारी-कम-एक्सईएन एवं प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी के रूप में कार्य कर रहे कनिष्ठ अभियंता को भी परामर्श दिया है कि वे उपभोक्ता शिकायतों को प्राथमिक स्तर पर ही गंभीरता से लें एवं समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करें ताकि आम नागरिकों को आयोग तक न आना पड़े।
तय समय में काम करने के लिए बाध्य हैं अधिकारी
हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग एक वैधानिक निकाय है जो राज्य में सेवा का अधिकार अधिनियम 2014 को लागू करने और निगरानी करने के लिए बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी सेवाओं का तय समय में उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाना है। इसमें 2021 में ऑटो अपील सिस्टम भी लागू किया गया है। जिसके तहत ऑनलाइन शिकायत व ट्रैकिंग का प्रावधान है। हरियाणा सरकार ने लगभग हर सरकारी सुविधा को करने का समय तय किया हुआ है। यदि अधिकारी नाजायज तरीके से उससे ज्यादा समय लगाता है तो यहां शिकायत की जा सकती है।