डिनर पर सियासत: रेवाड़ी में राव इंद्रजीत ने तोड़ी चुप्पी, बोले- 'जैसे चलता आया हूं, वैसे ही चलूंगा'

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह।
हरियाणा की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से एक डिनर पार्टी को लेकर मचे सियासी घमासान पर अब केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। गुरुवार को रेवाड़ी में मीडिया से बातचीत करते हुए राव ने दो टूक कहा कि उनकी बेटी आरती राव (जो हरियाणा सरकार में मंत्री हैं) का घर पहली बार हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में बना है, तो उन्होंने 'अपने लोगों' को बुला लिया। उन्होंने कहा जैसे किसी का नया घर बनता है, तो वह अपने लोगों को बुलाता ही है।
राव इंद्रजीत ने स्पष्ट किया जैसे मैं चलता आया हूं, वैसे ही चलता रहूंगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा की तरफ से किसी को यह पूछने के लिए नहीं बुलाया गया कि आप 'डिनर डिप्लोमेसी' पर क्यों गए थे। राव ने कहा कि आगे भी लोग ऐसा करते रहेंगे।
राव ने उठाए सवाल- सिर्फ मेरे मिलने पर ही सवाल क्यों?
राव इंद्रजीत सिंह ने उन सवालों पर भी पलटवार किया, जिनमें उनके इस डिनर को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा था। उन्होंने कहा सिर्फ मेरे मिलने पर ही सवाल क्यों होता है? बाकी सारे लोग अपॉइंटमेंट से मिलते हैं, मेरे यहां तो खुला दरबार है। मेरे पिता (पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह) का भी खुला दरबार होता था। 20 साल से मुलाकात चली आ रही है। पहले दिल्ली और रामपुरा हाउस में भी डिनर देते रहे हैं। यह बयान राव के राजनीतिक रसूख और पुरानी कार्यशैली को दर्शाता है, जिसे वह किसी भी विवाद से ऊपर मानते हैं।
राव की ओर से सफाई देने के 3 बड़े कारण
इस डिनर पार्टी के बाद सियासी गलियारों में इतनी हलचल क्यों मची कि राव इंद्रजीत को खुद सामने आकर सफाई देनी पड़ी, इसे तीन मुख्य बिंदुओं में समझा जा सकता है :
1. डिनर में शामिल विधायकों को CM हाउस में देनी पड़ी सफाई : अटेली से विधायक और मंत्री आरती राव के चंडीगढ़ स्थित सरकारी आवास पर दक्षिण हरियाणा के 11 विधायक डिनर में शामिल हुए थे। सूत्रों के अनुसार, इस डिनर के बाद इनमें से 6 विधायकों को मुख्यमंत्री आवास पर जाकर सफाई देनी पड़ी। राव इंद्रजीत ने खुद माना कि उनके पास 2-3 विधायकों के फोन आए, जिनमें उन्होंने बताया कि उनका नाम उछाला जा रहा है और उनसे पूछा जा रहा है कि वे डिनर पर क्यों गए थे। हालांकि, राव ने यह भी दावा किया कि किसी भी भाजपा नेता ने उनसे सीधे इस कार्यक्रम को लेकर सवाल नहीं किया।
2. आरती राव को लेकर हाईकमान में गलत संदेश न जाए : आरती राव पहली बार विधायक बनते ही मंत्री बनी हैं और सूत्र बताते हैं कि वह अभी तक मुख्यमंत्री नायब सैनी की 'गुड बुक' में हैं। इस डिनर के बाद छिड़े सियासी बवाल से कहीं भाजपा हाईकमान में आरती राव को लेकर कोई गलत संदेश न चला जाए, इसी आशंका के चलते राव इंद्रजीत ने खुद आगे आकर इस डिनर के औचित्य पर सफाई देना उचित समझा।
3. भाजपा नहीं चाहती नई सरकार को लेकर कोई गलत धारणा बने : इस डिनर के बाद से विपक्ष भी चुटकियां लेने लगा था, जिससे नई नायब सैनी सरकार की स्थिरता पर सवाल उठने लगे थे। यही नहीं, भाजपा के केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, प्रदेश सरकार में मंत्री राव नरबीर सिंह, राज्यसभा सांसद सुभाष बराला समेत कई नेताओं को भी सार्वजनिक तौर पर यह कहना पड़ा कि पार्टी एकजुट है और नायब सैनी के नेतृत्व में सरकार चट्टान की तरह मजबूत है। हालांकि, कैबिनेट मंत्री अनिल विज जैसे कुछ नेताओं ने राव के डिनर को सही ठहराया। पार्टी नहीं चाहती थी कि नई-नई सरकार को लेकर कोई भी गलत धारणा बने, खासकर लोकसभा चुनावों के बाद जब पार्टी को कुछ झटके लगे थे।
राव इंद्रजीत ने कई और अहम बातों का खुलासा किया
• अचानक रखे गए डिनर के औचित्य पर राव ने कहा कि दिल्ली में ऐसे डिनर होते रहते हैं और अब यह असर हरियाणा में भी पहुंच रहा है। उन्होंने भाजपा के 'कमल सखी' जैसे कार्यक्रमों का उदाहरण दिया, जहां पति-पत्नी को बुलाया जाता है और मीटिंग के बाद खाना भी होता है। उन्होंने कहा, "कमल सखी जैसे प्रोग्राम अगर भाजपा के आदेश पर होते हैं, तो मेरी बेटी का घर राजधानी के अंदर बना है तो अपने लोगों को बुला लिया।
• सिर्फ दक्षिण हरियाणा के विधायकों को बुलाने पर राव ने स्पष्ट किया कि दक्षिणी हरियाणा के लोग और विधायक उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। उन्होंने विधायकों को यह कहते हुए बुलाया था कि अगर उन्हें विधायक हॉस्टल में खाना न हो, तो उनके बेटी के घर आकर खा लिया करें, पानी और हुक्का पी लिया करें, क्योंकि यह उनका ही घर है।
• डिनर के बाद शुरू हुई सियासी बयानबाजी पर राव ने इस तरह की बयानबाजी को "बकवासबाजी" करार दिया। उन्होंने कहा कि वहां ऐसा कुछ नहीं हुआ था। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भाजपा की तरफ से ही आदेश हैं कि आपस में अपने कुनबे को बढ़ाओ और भाईचारा बढ़ाओ। वह पहले से ऐसा करते आए हैं और अब बेटी को घर मिल गया है, तो चंडीगढ़ में भी करेंगे। वह रामपुरा हाउस में भी ऐसा करते रहे हैं।
• रेवाड़ी धन्यवाद रैली में सीएम के सामने रखी मांगों पर: राव इंद्रजीत ने रेवाड़ी में 14 जून को हुई धन्यवाद रैली में सीएम से सार्वजनिक रूप से कहा था हमने आपकी सरकार बनवाई, अब हमारे काम होने चाहिए। इस पर सीएम का जवाब था कि यह किसी एक जाति की सरकार नहीं, पूरे हरियाणा की है। इस पर राव ने आज कहा कि अपने इलाके के लिए मांग रखना उनका फर्ज है।
• नायब सैनी राज में मनोहर के बाबुओं की चलती है, इस बात पर अब भी कायम राव इंद्रजीत। उन्होंने एक बार फिर इस बात को दोहराया कि वह आज भी इस बात पर कायम हैं कि भले ही नायब सैनी सीएम हों, लेकिन अभी भी सरकारी बाबुओं में पूर्व सीएम मनोहर लाल की चलती है। दरअसल, जिस दिन चंडीगढ़ में राव ने डिनर रखा था, उसी दिन उनका एक पॉडकास्ट इंटरव्यू भी रिलीज़ हुआ था, जिसमें उन्होंने यह बात कही थी।
• मुझसे हारे लोगों के मन में जहर भरा, मुझे गोली मार सकते हैं। आखिर में राव इंद्रजीत ने बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि सिर्फ उनके मिलने पर ही सवाल क्यों होता है, जबकि बाकी लोग अपॉइंटमेंट से मिलते हैं। उन्होंने कहा मुझसे या मेरी पार्टी से हारे लोगों के मन में इस कदर जहर भरा हुआ है कि मुझे गोली भी मार सकते हैं। मुझे एहतियात बरतना पड़ेगा। यह बयान उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता और राजनीतिक विरोधियों के प्रति उनकी धारणा को दर्शाता है।