water drainage dispute: राजस्थान का गंदा पानी हरियाणा में छोड़ने का विरोध, पीएम को भेजी शिकायत

रेवाड़ी के साहबी बैराज में छोड़ा गया प्रदूषित पानी।
water drainage dispute : रेवाड़ी जिला प्रशासन की ओर से राजस्थान के भिवाड़ी के दूषित पानी को साहबी बैराज में छोड़े जाने की योजना का विरोध होना शुरू हो गया है। बैराज में लंबे समय से जमा दूषित पानी के कारण पहले से ही ग्रामीण परेशान हैं। शनिवार को गांव खरखड़ा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश यादव ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, मुख्यमंत्री नायब सैनी व जिला उपायुक्त को पत्र भेजकर समस्या के समाधान की मांग की है।
औद्योगिक क्षेत्र का केमिकलयुक्त पानी छोड़ रहे
प्रकाश यादव ने कहा कि भिवाड़ी एक औद्योगिक कस्बा है, जहां की फैक्ट्रियां, रिहायशी कॉलोनियों और नालों से दशकों से अत्यधिक प्रदूषित, रसायन युक्त और जहरीला पानी छोड़ा जा रहा है। यह पानी धारूहेड़ा व खुशखेड़ा के रास्ते साहबी बैराज में पहुंचकर व्यापक जल प्रदूषण फैला रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से अब इस गंदे पानी को साफ बताकर साहबी बैराज में डालने की योजना बनाना क्षेत्र के किसानों के साथ अन्याय है। बरसात के समय साहबी बैराज का पानी ओवरफ्लो होकर आसपास के रास्तों व खेतों तक पहुंच जाता है, जिससे अनेक बीमारियां फैलती हैं।
एनजीटी में चल रही बैराज मामले की सुनवाई
यादव ने बताया कि इस विषय पर पहले से ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानि एनजीटी में सुनवाई चल रही है, जिसमें रेवाड़ी जिले के विभिन्न सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स और औद्योगिक इकाइयों से छोड़े जाने वाले अपशिष्ट जल की जांच व नियंत्रण को लेकर कार्यवाही जारी है। सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि साहबी बैराज में पहले से ही जलभराव के कारण आसपास के कई गांवों की सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि बर्बाद हो चुकी है और किसान आर्थिक रूप से तबाह हो रहे हैं। इसके बावजूद जिला प्रशासन केवल योजनाओं और बैठकों में उलझा हुआ है और जमीनी स्तर पर कोई राहत नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन इस दिशा में संवेदनशीलता नहीं दिखाता और बिना वैज्ञानिक परीक्षण व शुद्धिकरण के भिवाड़ी के पानी को साहबी बैराज में प्रवाहित करता है तो जन आंदोलन शुरू किया जाएगा। 11 जुलाई को भिवाड़ी में हरियाणा व राजस्थान के प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में यह कहा गया था कि बारिश और सीवरेज के दूषित पानी की अलग-अलग प्लानिंग की जाएगी और साफ पानी को अब बांधों में छोड़ा जाएगा।
सीएम ने दूषित पानी को लेकर बताई थी योजना
गत 15 जून को सीएम नायब सिंह सैनी जब रेवाड़ी में आए थे तब उन्होंने बताया था कि बैराज में दूषित पानी जाने से रोकने के लिए सरकार ने एक व्यापक योजना बनाई है। योजना के तहत यहां पर एसटीपी लगाए जाएंगे और पानी को साफ करके ही बैराज में छोड़ा जाएगा। साफ पानी को कृषि में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसी संदर्भ में कुछ दिनों पहले रेवाड़ी और भिवाड़ी प्रशासन की बातचीत भी हुई थी। बताया गया था कि पानी को रोकने को लेकर परियोजना पर कार्य चल रहा है।
साहबी बैराज को बनाना था पर्यटन स्थल
साहबी बैराज को पर्यटन स्थल बनाने के बारे में तत्कालीन सीएम मनोहरलाल खट्टर ने योजना बताई थी। 2017 में बैराज में 66 दिन तक 20 हजार फीट नहरी पानी पानी भरा गया था। 2018 में भी बैराज में 24 हजार फीट तक पानी भरा गया था। उस समय यमुना का भी अतिरिक्त पानी बैराज में पहुंचाया गया था। सीएम मनोहर लाल ने कहा था कि इसे पर्यटन स्थल बनाकर यहां रेस्टोरेंट, हट्स, बोटिंग, फूड कोर्ट व एडवेंचर कैंप शुरू किए जाएंगे। साहबी क्षेत्र के कई किलोमीटर में फैले बैराज में नेचर ट्रेल भी करवाएंगे। बैराज में डाले जाने वाले पानी को ट्रीट करके डालने की योजना थी, लेकिन अभी तक योजना पर काम नहीं हुआ।