वर्ल्ड बॉक्सिंग कप: भारत ने जीते 11 मेडल, हरियाणा की बेटियों ने दिलाए तीनों गोल्ड

World Boxing Cup
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साक्षी ढांडा।

वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में भारतीय मुक्केबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिनमें 3 स्वर्ण, 5 रजत और 3 कांस्य शामिल हैं। 'मिनी क्यूबा' भिवानी के बॉक्सरों का दबदबा कायम रहा, क्योंकि तीनों स्वर्ण पदक विजेता भिवानी से ही हैं।

वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में भारतीय मुक्केबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 11 पदक अपने नाम किए हैं। इनमें 3 स्वर्ण, 5 रजत और 3 कांस्य पदक शामिल हैं। तीनों स्वर्ण पदक हरियाणा की महिला बॉक्सरों ने जीते जिन्होंने प्रतिभा और दृढ़ संकल्प से देश का मान बढ़ाया।

बेटियों ने दिखाया दम, साक्षी ने दिलाया पहला गोल्ड

कजाकिस्तान के अस्ताना में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में भारत को पहला स्वर्ण पदक साक्षी ढांडा ने 54 किग्रा वर्ग में दिलाया। उन्होंने अपने तेज और आक्रामक मुक्कों से अमेरिका की योसलाइन पेरेज़ को सर्वसम्मति से हराया। साक्षी की जीत ने भारतीय खेमे में उत्साह भर दिया। इसके बाद 23 वर्षीय जैस्मीन लंबोरिया ने 57 किग्रा वर्ग में ब्राजील की जुसीलेन सेक्वेरा रोमेउ को 4:1 से मात दी। जैस्मीन ने अपनी लंबी पहुंच का फायदा उठाते हुए करीबी मुकाबले में जीत हासिल की और आखिरी राउंड में शानदार काउंटर लगाकर अपनी जीत सुनिश्चित की।

दिन का अंत धमाकेदार रहा जब नूपुर श्योराण ने 80+ किग्रा फाइनल में कजाकिस्तान की येलदाना तालिपोवा को 5:0 से हराकर तीसरा स्वर्ण पदक जीता। नूपुर पहले राउंड में पिछड़ गई थीं, लेकिन उन्होंने अगले दो राउंड में बेहतरीन वापसी करते हुए अपने फुटवर्क और तीखे हमलों से मुकाबला अपने नाम कर लिया।

रजत पदक से संतोष

कई भारतीय मुक्केबाजों को फाइनल में हार के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा। 48 किग्रा वर्ग में मीनाक्षी को कजाकिस्तान की नाजिम काइजाइबे से 2:3 से हार का सामना करना पड़ा। पुरुष वर्ग में, ब्राजील में गोल्ड जीतने वाले हितेश गुलिया (70 किग्रा) को इस बार सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। उन्हें ब्राजील के कायन ओलिवेरा से 0:5 से हार मिली। जुगनू (पुरुष 85 किग्रा) को कजाकिस्तान के बेकजाद नूरदौलेटोव से 0:5 से हार का सामना करना पड़ा। वहीं, पूजा रानी (महिला 80 किग्रा) को ऑस्ट्रेलिया की एसेटा फ्लिंट से और अभिनाश जामवाल (पुरुष 65 किग्रा) को यूरी फाल्काओ से हार मिली।

कांस्य पदक विजेताओं ने भी किया कमाल

तीन भारतीय मुक्केबाजों ने कांस्य पदक जीतकर देश का प्रतिनिधित्व किया। इनमें संजू (महिला 60 किग्रा), निखिल दुबे (पुरुष 75 किग्रा) और नरेंद्र (पुरुष 90+ किग्रा) शामिल हैं। इन खिलाड़ियों ने भी अपने-अपने भार वर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन किया और पोडियम पर जगह बनाई।

भिवानी के मुक्केबाजों का दबदबा

'मिनी क्यूबा' के नाम से विख्यात भिवानी के बॉक्सरों का इस वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में भी दबदबा देखने को मिला। स्वर्ण पदक जीतने वाली तीनों महिला खिलाड़ी - साक्षी ढांडा, जैस्मीन लंबोरिया और नूपुर श्योराण - भिवानी की रहने वाली हैं। इसके अलावा, भिवानी के जुगनू अहलावत और पूजा रानी बोहरा ने भी देश के लिए रजत पदक जीते। यह दर्शाता है कि भिवानी एक बार फिर भारतीय मुक्केबाजी का गढ़ साबित हुआ है, जहां से लगातार प्रतिभाएं निकलकर देश का नाम रोशन कर रही हैं। इस वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में भारत का प्रदर्शन सराहनीय रहा, खासकर महिला मुक्केबाजों ने अपनी असाधारण प्रतिभा से देश को गौरवान्वित किया। यह जीत निश्चित रूप से भारतीय मुक्केबाजी को और भी ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

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