शादी के 21 दिन बाद मौत: पेट दर्द में भर्ती युवक की ऑपरेशन के बाद गई जान, निजी अस्पताल में हंगामा

पेट दर्द में भर्ती युवक की ऑपरेशन के बाद गई जान, निजी अस्पताल में हंगामा
X

गुरुग्राम निवासी जितेंद्र की शादी का फाइल फोटो। 

शादी के महज 21 दिन बाद गुरुग्राम के 30 वर्षीय युवक की रेवाड़ी के निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद मौत हो गई। उसे पेट दर्द हुआ था। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया।

शादी के 21 दिन बाद मौत : हरियाणा के गुरुग्राम के कन्हई गांव निवासी 30 वर्षीय जितेंद्र की रेवाड़ी के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। युवक की 21 दिन पहले ही धूमधाम से शादी हुई थी और वह अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर ही रहा था कि अचानक आए पेट दर्द ने सब कुछ छीन लिया। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही और गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने फिलहाल जांच का आश्वासन देकर परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए मनाया। मृतक युवक जितेंद्र कुमार गुरुग्राम में उबर कैब कंपनी से वेंडर के रूप में जुड़ा हुआ था। उसका कार्य क्षेत्र ड्राइवरों और वाहनों को कंपनी से जोड़ने का था।

21 अप्रैल को धूमधाम से हुई थी यूपी में शादी

परिजनों के अनुसार, जितेंद्र की शादी 21 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले के भठैन गांव की एक युवती से संपन्न हुई थी। शादी बड़ी धूमधाम से हुई थी। लेकिन यह खुशियां ज्यादा दिन टिक नहीं सकीं। मंगलवार शाम को जितेंद्र को अचानक पेट में तेज़ दर्द की शिकायत हुई। परिवार ने शुरुआत में समझा कि पित्त की थैली में पथरी का दर्द है। जब दर्द कम नहीं हुआ तो उसे रेवाड़ी के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। जितेंद्र के चाचा रमेश सिंह ने बताया कि यह वही अस्पताल है जहां पहले भी परिवार के दो सदस्यों का ऑपरेशन हो चुका है, इसलिए उन्होंने वहीं भरोसा जताया।

ब्लॉकेज की बात कहकर किया रेफर

अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने कुछ प्रारंभिक जांच की और बताया कि उसकी कोई नस ब्लॉक हो गई है, जिसका तुरंत इलाज जरूरी है। लेकिन यह ऑपरेशन उनके अस्पताल में नहीं हो सकता, इसलिए उसे दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया। परिजनों ने सलाह के अनुसार तुरंत सहमति दी। दूसरे अस्पताल में लगभग डेढ़ घंटे तक सर्जरी चली। डॉक्टरों ने कहा कि ऑपरेशन सफल रहा है और मरीज को सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन जितेंद्र को होश नहीं आया। परिजनों ने कई बार डॉक्टरों से पूछा, लेकिन उन्हें कहा गया कि दवा का असर है और जल्द ही वह होश में आ जाएगा।

बिना चेतना लौटे फिर से पहले अस्पताल भेजा गया

जब काफी देर तक हालत जस की तस रही तो डॉक्टरों ने मरीज को फिर से उस अस्पताल में रेफर कर दिया, जहां से लाया गया था। परिजन उसे तुरंत ले गए और वहीं दोबारा भर्ती कराया। लेकिन जितेंद्र की स्थिति लगातार बिगड़ती गई। शरीर ठंडा पड़ने लगा और कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी। डॉक्टर को बुलाकर चेक करवाया गया, लेकिन कोई आराम नहीं आया।

परिजन बोले-इंजेक्शन से गई जान

लगभग दो घंटे के प्रयास के बाद डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। मृतक के चाचा रमेश ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन से पहले जो बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया था, उसकी मात्रा गलत रही होगी। यही उसकी मौत का कारण बना। उन्होंने यह भी कहा कि जब उन्होंने डॉक्टरों से रिपोर्ट मांगी तो देने से इनकार कर दिया गया। इससे परिवार को और भी शक हुआ। घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में विरोध किया और शव लेने से इनकार कर दिया।

पुलिस की लिखित गारंटी के बाद किया अंतिम संस्कार

सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और परिवार को आश्वासन दिया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। सिटी थाना प्रभारी रतनलाल के अनुसार, मृतक के परिवार को एक लिखित आश्वासन भी दिया गया कि 7 दिन के भीतर जांच पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद परिजन शव को गांव ले गए और अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस ने कहा कि फिलहाल मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story