30 साल बाद पिता की गुमशुदगी दर्ज: पानीपत में नौकरी में 5% अतिरिक्त अंक पाने की अनोखी वजह

पानीपत में मामले की जानकारी देते रोहतास।
हरियाणा के पानीपत जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने अपने पिता की गुमशुदगी 30 साल बाद दर्ज करवाई है। चौंकाने वाली बात यह है कि बेटे ने कभी अपने पिता का चेहरा नहीं देखा और न ही उसके पास उनकी कोई तस्वीर है। इस गुमशुदगी का मकसद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की ग्रुप-डी भर्ती में माता-पिता विहीन होने के 5% अतिरिक्त अंक प्राप्त करना है।
बचपन में ही छोड़ गए थे पिता
पानीपत के एक गांव के रहने वाले रोहतास ने बताया कि जब वह करीब 2 साल का था, तभी उनके पिता जिले सिंह घर से चले गए थे। उस समय उनके पिता की उम्र लगभग 35 साल थी और आज वे करीब 65 साल के होंगे। पिता के घर से जाने के बाद वे कभी वापस नहीं लौटे। रोहतास ने बताया कि उनके पिता संदिग्ध परिस्थितियों में घर से गए थे।
मां की दूसरी शादी, ताऊ और चाचा ने पाला
पिता के जाने के बाद रोहतास की मां की शादी दूसरी जगह कर दी गई थी। इसके बाद रोहतास को उसके ताऊ और चाचा ने पाला। बचपन से ही उन्हें अपने माता-पिता का प्यार नहीं मिल पाया। रोहतास ने बताया कि जब उनके पिता घर से निकले थे, तब घर में उनकी तस्वीर थी, लेकिन समय के साथ परिवार के लोग व्यस्त होते गए और किसी ने भी उस तस्वीर पर ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण अब उनके पास अपने पिता की कोई फोटो नहीं है। थाने में भी गुमशुदा पिता की फोटो उपलब्ध नहीं करा पाने के कारण पुलिस को भी परेशानी हुई।
ग्रुप-डी भर्ती में 5% अतिरिक्त अंक का लाभ
रोहतास को अब अपने माता-पिता न होने का प्रमाण पत्र चाहिए। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की ग्रुप-डी भर्ती परीक्षा (CET 2023) में उन अभ्यर्थियों को 5% अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं, जिनके माता-पिता नहीं होते। इस लाभ को प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थी को एक अधिकृत सर्टिफिकेट जमा करवाना होता है, जो यह प्रमाणित करता हो कि उसके माता-पिता नहीं हैं।
नौकरी के लिए गुमशुदगी रिपोर्ट
रोहतास ने बताया कि उन्होंने पहले भी ग्रुप-डी की परीक्षा दी थी, लेकिन सफल नहीं हो सके थे। अब वे इस सर्टिफिकेट को लगाकर अगली बार फॉर्म भरेंगे, जिससे उन्हें अतिरिक्त अंकों का लाभ मिल सके। इसी 5% अतिरिक्त अंक के लिए उन्हें अपने पिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवानी पड़ी है।