Battle of Panipat: दिल्ली को बचाने के लिए लड़ा गया पानीपत युद्ध, जानें रोचक तथ्य

Third Battle of Panipat
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पानीपत का तीसरा युद्ध।

Battle of Panipat: पानीपत का युद्ध हरियाणा के पानीपत में लड़ा गया था। यह लड़ाई बाहरी आक्रांताओं से दिल्ली को बचाने के लिए लड़ी गई। ये एक बेहद विनाशकारी युद्ध था।

Battle of Panipat: भारतीय इतिहास में अपने आप में बहुत खास है। भारत में अनेक युद्ध हुए, हर बार कोई ना कोई विदेशी भारत में व्यापार करने के बहाने घुसता था। बाद में वही यहां लूटपाट और भारत की जनता पर अत्याचार करता। अपनी भारत मां की अस्मिता को बचाने के लिए राजा महाराजाओं ने अनेक युद्ध लड़े। जिसमें कई युद्ध हरियाणा के पानीपत में लड़े गए थे। पानीपत के युद्ध दिल्ली को बचाने के लिए लड़े गए थे। पानीपत का युद्ध लोगों से भावनात्मक रूप से जुड़ा है। पानीपत में कुल तीन युद्ध लड़े गए थे, जिसमें तीसरा युद्ध सबसे खास था। यह 1761 में अहमद शाह अब्दाली और मराठों के बीच लड़ा गया था। यह लड़ाई केवल सत्ता की नहीं, बल्कि उत्तर भारत को विदेशी आक्रमणकारियों से बचाने के लिए लड़ी गई।

पानीपत में युद्ध लड़ने का कारण

युद्ध पानीपत में इसलिए लड़े जाते थे, क्योंकि उस समय दुश्मन दिल्ली पर हमला कर उसकी राजगद्दी पर राज करने पंजाब की तरफ से आते थे। दिल्ली जाने के लिए उनको पानीपत से होकर गुजरना पड़ता था। पंजाब और दिल्ली के बीच में पानीपत पड़ता था। दुश्मन दिल्ली ना पहुंच पाए इसलिए राजा महाराजा पहले ही पानीपत पहुंचकर अपना डेरा डाल लेते थे। उस समय दिल्ली में एक तरफ यमुना और दूसरी तरफ एक नहर बहा करती थी। इसके कारण सेना को पानी की समस्या भी नहीं होती थी। पानी की मात्रा भरपूर होने और हमलावरों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के कारण युद्ध पानीपत में लड़े जाते थे।

पानीपत में तीन ऐतिहासिक युद्ध लड़े गए

पानीपत में तीन बड़े युद्ध लड़े गए, जिसमें तीसरा युद्ध सबसे खास और भावनात्मक रूप से जुड़ा है। पानीपत की पहली लड़ाई 1526 में बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच लड़ी गई। दूसरी 1556 में अकबर और हेमू के बीच लड़ी गई। तीसरी लड़ाई 1761 में मराठों और अहमद शाह अब्दाली के बीच लड़ी गई थी। इन लड़ाइयों ने भारत के इतिहास की दिशा को बदल कर रख दिया था। इन युद्धों का खास उद्देश्य दिल्ली को तबाही से बचाना और सुरक्षित रखना था।

बेहद विनाशकारी था ये युद्ध

मराठाओं और अहमद शाह अब्दाली के बीच लड़े गए युद्ध की शुरुआत में मराठाओं ने अच्छा प्रदर्शन किया, किन्तु सैनिक भूखे और थके होने के कारण परिस्थिति बदल गई। इस युद्ध में लगभग 1 लाख लोगों की मृत्यु हुई थी। जिसमें हजारों की संख्या में सैनिकों, महिलाओं और बच्चों की मृत्यु हुई थी। इस युद्ध ने मराठाओं का मनोबल तोड़कर रख दिया था। इस तरह अहमद शाह अब्दाली की जीत और मराठाओं की हार हुई थी। मराठाओं ने अपने हिंदुस्तान को विदेशियों से बचाने के लिए लड़ाई लड़ी थी। पानीपत के युद्ध के मैदान में गिरी रक्त की हर बूंद हमारे वीरों के बलिदानों की कुर्बानी को याद दिलाता है।

कौन था अहमद शाह अब्दाली?

अहमद शाह अब्दाली एक अफगानिस्तानी शासक था, जो मुगल साम्राज्य का विस्तार करने के मकसद से भारत में आया था। उसने भारत पर कई बार आक्रमण किए। अहमद शाह ने भारत में 1748 से लेकर 1761 के बीच राज किया था।

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