पानीपत में खीस पड़ा जान पर भारी: गाय का खीस खाने से एक ही परिवार के 9 लोग बीमार, बच्ची की हालत नाजुक

गाय का खीस खाने से एक ही परिवार के 9 लोग बीमार, बच्ची की हालत नाजुक
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पानीपत में खीस खाने से बीमार हुई छोटी बच्ची और महिला अस्पताल में भर्ती। 
हरियाणा के पानीपत में गाय के दूध का खीस खाने से एक ही परिवार के 9 लोग बीमार पड़ गए। इनमें चार बच्चे भी शामिल हैं, जिनमें से एक 3 साल की बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है।

cow colostrum : पानीपत की विद्यानंद कॉलोनी में सोमवार सुबह गाय के दूध का खीस खाने के कुछ देर बाद ही एक ही परिवार के 9 सदस्य अचानक बीमार पड़ गए। उल्टियां और चक्कर आने की शिकायत के बाद सभी को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 3 साल की बच्ची की हालत चिंताजनक बनी हुई है। कुल चार बच्चों को अस्पताल लाया गया है।

गाय ने 11 मई को दिया था बछड़े को जन्म

परिवार के मुखिया सुनील के अनुसार, उनके घर में पाली गई गाय ने 11 मई को बछड़े को जन्म दिया था। ग्रामीण परंपरा के अनुसार, डिलीवरी के बाद गाय के पहले दूध को पवित्र और पौष्टिक माना जाता है, जिससे घर में विशेष पकवान खीस बनाया जाता है। सोमवार सुबह करीब साढ़े 9 बजे सुनील की मां ने इसी दूध से खीस तैयार की थी, जिसे परिवार के सभी सदस्यों ने खाया।

डेढ़ घंटे बाद सभी लोगों को होने लगीं उल्टियां

करीब डेढ़ घंटे बाद परिवार के लोगों को पेट दर्द, उल्टियां और कमजोरी महसूस होने लगी। स्थिति तब गंभीर हो गई जब छोटे बच्चों ने होश खोना शुरू कर दिया। सुनील ने तुरंत एंबुलेंस सेवा को कॉल किया, जिसके बाद सभी को पानीपत सिविल अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, यह मामला 'कोलोस्ट्रम' (पहला दूध) से संबंधित विषाक्तता का हो सकता है, जो कुछ लोगों के लिए पचाना मुश्किल होता है। फिलहाल सभी मरीजों का इलाज जारी है और चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है।

खीस के क्या हैं फायदे और नुकसान

खीस एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है, जो विशेष रूप से गाय या भैंस के पहले दूध यानी कोलोस्ट्रम से बनाई जाती है। यह दूध गाढ़ा, पीला और अत्यंत पौष्टिक होता है। बछड़े के जन्म के पहले 2-3 दिनों तक मिलने वाले इस दूध को खीस कहा जाता है। खीस में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है, विशेष रूप से इम्युनोग्लोबुलिन मिलने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। हड्डियों को मजबूत करने के लिए आवश्यक मिनरल्स जैसे कैल्शियम और फॉस्फोरस इसमें अधिक मात्रा में होते हैं। सीमित मात्रा में सेवन करने पर यह पेट की कार्यक्षमता को सुधार सकता है। यह दूध बच्चों की शारीरिक और मानसिक वृद्धि के लिए उपयोगी माना जाता है। खीस के जहां फायदे हैं, वहीं कुछ लोगों में नुकसान भी होते हैं। कोलोस्ट्रम दूध बहुत गाढ़ा और भारी होता है, जिसे हर कोई नहीं पचा सकता। छोटे बच्चों, बुजुर्गों या कमजोर पाचन वाले व्यक्तियों को इससे उल्टी, गैस या पेट दर्द हो सकता है। कुछ लोगों को गाय या भैंस के पहले दूध से एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं, जैसे स्किन रैश या सांस लेने में तकलीफ। यदि इस दूध को बिना उबाले या अच्छी तरह से पकाए बिना खाया जाए, तो उसमें मौजूद बैक्टीरिया और विषैले तत्व से फूड पॉयज़निंग हो सकती है।

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