मौसम :: पांच दिन पहले हरियाणा पहुंचेगा मानसून, सामान्य से अधिक बारिश की संभावना

हरियाणा के लिए प्री-मानसून और मानसून को लेकर अच्छी खबर है। मौसम विभाग के अनुसार, इस बार प्रदेश में मानसून सामान्य से चार से पांच दिन पहले, यानी 20 से 24 जून के आसपास प्रवेश कर सकता है। आमतौर पर हरियाणा में मानसून जून के आखिरी सप्ताह में पहुंचता है। इसके साथ ही, इस बार मानसून में सामान्य से अधिक बारिश होने की भी संभावना जताई गई है, जिससे किसानों और आम जनता को राहत मिल सकती है।
प्री-मानसून में सामान्य से अधिक बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, एक मार्च से मानसून के प्रवेश तक की अवधि को प्री-मानसून माना जाता है। इस बार प्री-मानसून में 11 मई तक हरियाणा में सामान्य से 31 फीसदी ज्यादा, कुल 39 मिलीमीटर (एमएम) बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग का कहना है कि अभी और बारिश की संभावना बनी हुई है, जिससे इस बार हरियाणा में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।
केरल में मानसून की दस्तक पहले
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भी अनुमान जताया है कि इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने सामान्य समय से चार दिन पहले, एक जून को केरल के रास्ते देश में प्रवेश करेगा। मौसम विभाग को उम्मीद है कि इसी के चलते हरियाणा में भी मानसून समय से पहले दस्तक देगा।
हरियाणा में मानसून की संभावित तिथि
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में मानसून के प्रवेश करने की संभावित तिथि 28 जून से दो जुलाई के बीच है। पिछले साल, 2024 में मानसून ने 27 जून को हरियाणा में प्रवेश किया था और दो जुलाई तक पूरे प्रदेश को कवर कर लिया था, जो सामान्य से एक दिन पहले था।
पिछले वर्षों का मानसून
यदि पिछले वर्षों की बात करें, तो 2023 में मानसून ने 23 जून को हरियाणा में प्रवेश किया था और दो जुलाई तक पूरे प्रदेश में फैल गया था। हरियाणा में सबसे जल्दी मानसून 2008 में 13 जून को पहुंचा था, जबकि सबसे देरी से 1987 में, जब यह 27 जुलाई को आया था।
हरियाणा में मानसून की औसत बारिश
आमतौर पर मानसून सीजन के दौरान हरियाणा में लगभग 400 से 450 मिलीमीटर बारिश होती है। पिछले साल 2024 में 409.4 एमएम बारिश हुई थी, जो सामान्य से पांच फीसदी कम थी। 2023 में 419.3 एमएम बारिश दर्ज की गई थी, जो सामान्य से एक फीसदी कम थी, 1901 से लेकर 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में मानसून सीजन में सबसे ज्यादा बारिश 1988 में 1108.2 एमएम हुई थी, जबकि सबसे कम बारिश 1918 में सिर्फ 196.2 एमएम दर्ज की गई थी, जिसके कारण उस वर्ष काफी सूखा पड़ा था। 2018 में 415 एमएम और 2020 में 376.1 एमएम बारिश हुई थी। इस बार सबसे ज्यादा बारिश की संभावना जुलाई और अगस्त के महीनों में जताई गई है, जबकि सितंबर में मानसून की विदाई शुरू हो जाती है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
चंडीगढ़ मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने इस बारे में कहा इस बार मानसून समय पर और जल्दी आने की संभावना है। अभी जो स्थितियां बनी हुई हैं, उनके मुताबिक 25 जून के आसपास मानसून पहुंचने के आसार बन रहे हैं। जब मानसून मध्य प्रदेश के आसपास पहुंचेगा, तो स्थिति और भी स्पष्ट हो जाएगी। इस पूर्वानुमान से हरियाणा के किसानों को खरीफ की फसलों की बुवाई की तैयारी करने में मदद मिलेगी और उम्मीद है कि इस बार अच्छी बारिश से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी।