हरियाणा-पंजाब जल विवाद : हरियाणा के सीएम बोले- हाईकोर्ट के फैसले पर भी पंजाब सरकार ने पानी न देकर किया संविधान का अपमान

Haryana CM Naib Singh Saini talking to reporters in Panchkula.
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पंचकूला में हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी पत्रकारों से बातचीत करते हुए।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जल विवाद पर पंजाब सरकार के रुख पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार न तो संविधान को मानती है, न संवैधानिक संस्थाओं को मानती है और न ही संविधान का सम्मान करती है।

हरियाणा-पंजाब जल विवाद : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जल विवाद पर पंजाब सरकार के रुख पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार न तो संविधान को मानती है, न संवैधानिक संस्थाओं को मानती है और न ही संविधान का सम्मान करती है। पंजाब सरकार ने जल विवाद पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को दरकिनार किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। नायब सिंह सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से आग्रह किया कि वे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को मानते हुए हरियाणा के पानी को छोड़ें। मुख्यमंत्री पंचकूला नाडा साहिब गुरुद्वारा में मत्था टेकने उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

पंजाब की मान सरकार राजनीतिक रोटियां सेंक रही

नायब सिंह सैनी ने कहा कि नाडा साहिब गुरुद्वारे में आने का परम सौभाग्य मिला है और यहां शीश नवाकर देश-प्रदेश की भलाई के लिए अरदास की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब गुरुओं की धरती है। समय-समय पर गुरुओं ने हमेशा भलाई और कल्याण का संदेश दिया है और हम उन्हीं की शिक्षाओं को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। जब पंजाब - हरियाणा एक थे, तब भी कोई भेदभाव नहीं था, परंतु आज पंजाब की मान सरकार अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए यह भेदभाव खड़ा कर रही है। उन्होंने कहा कि हम पंजाब के हक का पानी नहीं मांग रहे हैं, बल्कि जो हरियाणा का हिस्सा है, वो भी पीने के पानी का, हम केवल वहीं मांग रहे हैं।

हाईकोर्ट के फैसले को न मानना संवैधानिक पीठ का अपमान

नायब सैनी ने हाईकोर्ट का धन्यवाद देते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने सोच-विचार करके और दोनों पक्षों की बातें सुनकर अपना फैसला दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को न मानना संवैधानिक पीठ का अपमान है। संवैधानिक फैसलों को न मानना इनकी फितरत रही है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान सर्वोच्च है और संवैधानिक पीठ का सम्मान करना हम जैसे संवैधानिक पदों पर बैठे हुए व्यक्तियों का दायित्व है। परंतु हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए और उसको न मानते हुए डैम पर जाकर ताला लगा देना व धरने पर बैठ जाना, ये सही नहीं है।

पंजाब के मुख्यमंत्री राजनीति को चमकाने के लिए पानी रोककर बैठे

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के लोगों को पीने के पानी की आवश्यकता है। समय के साथ पानी की दिक्कत आ रही है। यह जीवन पानी से चलता है, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री राजनीति को चमकाने के लिए पानी को रोककर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि जब डैम में पानी का लेवल आज के मुकाबले कम था, तब भी हरियाणा को उसके हिस्से का पूरा पानी मिला। आज ऐसी क्या बात हो गई हैं। पानी पर राजनीति न करें। नायब सिंह सैनी ने कहा कि हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया है, उसे मान सरकार को स्वीकार करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान से आग्रह करते हुए कहा कि पानी के विषय पर राजनीति न करें। राजनीति करने के लिए और भी बहुत विषय है। हरियाणा के पानी को छोड़िए।

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पूरे प्रदेश व देश को सेना पर गर्व

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हमारे देश के निहत्थे लोगों पर, बहन बेटियों के सुहाग को जिस प्रकार से उजाड़ने का काम पड़ोसी देश ने किया, वो निंदनीय है। उन्होंने सेना के जवानों को साधुवाद दिया, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर आतंकवाद के ऊपर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश कूटनीति के तहत आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। हमारी सेनाओं ने जो कार्रवाई की है पूरा देश सशस्त्र बलों के साथ खड़ा है।

देश की वर्तमान परिस्थितियों में मान द्वारा राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण

नायब सैनी ने कहा कि आज जब देश ऐसी परिस्थिति में है, उस समय भी मान साहब अपनी राजनीति में लगे हुए हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह हाईकोर्ट के फैसले की अवमानना है। संवैधानिक पीठ के निर्णय को कायम रखना, उसका सम्मान करना यह हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को वर्तमान स्थिति से अवगत कराया है, जो भी फैसला हाईकोर्ट का होगा हमें स्वीकार है। हम उसका सम्मान करते हैं। इस मौके पर मीडिया सचिव प्रवीण आत्रेय मौजूद रहे।

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