BBMB पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : पंजाब पुलिस ऑपरेशन से दूर रहे, 2 मई के आदेश का पालन हो, पंजाब सरकार को झटका

Punjab-Haryana High Court.
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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट।
कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि पंजाब सरकार भाखड़ा नंगल डैम और लोहड़ कंट्रोल रूम स्थित वाटर रेगुलेशन कार्यालयों में तैनात अपने पुलिसकर्मियों को दैनिक कामकाज से दूर रखे।

Big decision of High Court on BBMB : हरियाणा और पंजाब के बीच जल विवाद में भाखड़ा नांगल व्यास बोर्ड (BBMB) की याचिका पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि पंजाब सरकार भाखड़ा नंगल डैम और लोहड़ कंट्रोल रूम स्थित वाटर रेगुलेशन कार्यालयों में तैनात अपने पुलिसकर्मियों को दैनिक कामकाज से दूर रखे। इसके साथ ही, कोर्ट ने केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में 2 मई को हुई बैठक में जारी किए गए आदेशों का पालन सुनिश्चित करने को कहा है।

सुरक्षा बढ़ा सकते हैं, हस्तक्षेप नहीं

हालांकि, हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि पंजाब सरकार भाखड़ा डैम पर सुरक्षा बढ़ाना चाहती है, तो वह ऐसा कर सकती है। लेकिन, किसी भी सूरत में पंजाब पुलिस को डैम के ऑपरेशन सिस्टम में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं होगी।

2 मई के आदेशों का पालन अनिवार्य

अदालत ने अपने फैसले में साफ तौर पर कहा है कि पंजाब सरकार को 2 मई को केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्च-स्तरीय बैठक में दिए गए निर्देशों का अक्षरशः पालन करना होगा। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यदि पंजाब सरकार BBMB के आदेशों से सहमत नहीं है, तो वह BBMB के चेयरमैन के माध्यम से अपनी आपत्ति केंद्र सरकार के समक्ष रख सकती है।

कोर्ट की तीखी टिप्पणी

इससे पहले, इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने तीखी टिप्पणी की थी। चीफ जस्टिस शीलू नागू की बेंच ने 45 मिनट की बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था और अगले ही दिन अपना निर्णय सुनाया। सुनवाई के दौरान BBMB के वकील ने तर्क दिया था कि पंजाब पुलिस को BBMB के संचालन को रोकने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पानी की मांग केवल हरियाणा के लिए नहीं है, बल्कि दिल्ली भी इससे प्रभावित है। वकील ने पंजाब पुलिस द्वारा BBMB के संचालन को अपने हाथ में लेना दुर्भाग्यपूर्ण बताया था और यह भी कहा था कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी डैम पर तैनात हो गए हैं।

तीन याचिकाएं दायर

पंजाब-हरियाणा जल विवाद को लेकर हाईकोर्ट में अब तक तीन याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। पहली दो याचिकाएं शनिवार को एडवोकेट रविंद्र ढुल और फतेहाबाद ग्राम पंचायत द्वारा दाखिल की गईं थीं। इन याचिकाओं में पंजाब पुलिस को भाखड़ा डैम से हटाने और हरियाणा को पानी की निकासी सुनिश्चित करने की मांग की गई थी, ताकि स्थानीय लोगों को पीने और सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके। हरियाणा ने BBMB की पिछली बैठक में तय हुए 8500 क्यूसेक पानी की मांग की है। याचिकाओं में कहा गया है कि भाखड़ा से आने वाला पानी हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों के लिए जीवन रेखा है। सोमवार को BBMB ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि पंजाब पुलिस ने डैम पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है और डैम की सभी कंट्रोल यूनिट्स को अपने नियंत्रण में ले लिया है।

राजनीतिक बयानबाजी जारी

इस बीच, पानी विवाद को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज है। पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि वे हरियाणा को अभी जो पानी दे रहे हैं, वह भी आगे से नहीं मिलेगा। वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पंजाब के इस रुख को असंवैधानिक और संघीय ढांचे के खिलाफ बताया है और पंजाब सरकार से हरियाणा के पीने के पानी को बिना शर्त तुरंत छोड़ने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि BBMB एक केंद्रीय निकाय है और पंजाब सरकार के इस तरह के बयान संविधान और न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन हैं।

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