हरियाणा का बड़ा फैसला : शहीद सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली राशि दोगुनी, अब मिलेंगे 1 करोड़ रुपये

हरियाणा का बड़ा फैसला : शहीद सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली राशि दोगुनी, अब मिलेंगे 1 करोड़ रुपये
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सरकार का बड़ा फैसला : हरियाणा सरकार ने देश की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले अपने वीर सपूतों के परिवारों के लिए एक बड़ा और सराहनीय फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार ने शहीद सैनिकों और अर्धसैनिक बलों के जवानों के आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को दोगुना कर दिया है। अब, ऐसे शहीदों के परिवारों को 50 लाख रुपये की जगह पूरे 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

सभी हरियाणा मूल के सैनिकों के लिए

इस योजना की सबसे खास बात यह है कि यह बढ़ी हुई राशि हरियाणा मूल के उन सभी सैनिकों के परिवारों को मिलेगी, जो देश की सेवा करते हुए शहीद हुए हैं, चाहे वे उस समय देश के किसी भी हिस्से में तैनात रहे हों। यह निर्णय राज्य सरकार की अपने वीर जवानों और उनके परिवारों के प्रति गहरी सम्मान और समर्थन की भावना को दर्शाता है।

फरवरी 2023 से मिलेगा लाभ

राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अनुग्रह अनुदान की यह संशोधित राशि उन सभी जवानों के परिवारों को प्रदान की जाएगी, जिनकी शहादत फरवरी 2023 या उसके बाद हुई है। इसका मतलब है कि पिछले लगभग दो वर्षों में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को भी इस बढ़ी हुई राशि का लाभ मिलेगा। यह फैसला उन परिवारों के लिए एक बड़ी राहत और सम्मान की बात है जिन्होंने अपने प्रियजनों को देश के लिए खो दिया है।

विभिन्न परिस्थितियों में शहादत पर लागू

यह अनुग्रह अनुदान केवल युद्ध या सीमा पर संघर्ष के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों के परिवारों को ही नहीं मिलेगा, बल्कि ड्यूटी के दौरान दुर्घटना, दिल का दौरा, हवाई या समुद्री दुर्घटना, आंतरिक सुरक्षा अभियानों में मृत्यु, चुनाव ड्यूटी, प्राकृतिक आपदाओं और बचाव कार्यों के दौरान जान गंवाने वाले सैनिकों के आश्रितों को भी समान रूप से प्रदान किया जाएगा। सरकार का यह व्यापक दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी परिस्थिति में देश सेवा करते हुए शहीद होने वाले जवान के परिवार को आर्थिक सुरक्षा मिले।

पुनर्विवाह पर पत्नी का हिस्सा

शहीद सैनिक की पत्नी यदि उनके निधन के बाद पुनर्विवाह कर लेती है, तो भी वह अनुग्रह अनुदान का 35% हिस्सा प्राप्त करने की हकदार होगी। यह प्रावधान शहीद की विधवा के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

परिवार के सदस्यों के बीच वितरण

अनुदान राशि के वितरण को लेकर भी स्पष्ट नियम बनाए गए हैं। यदि शहीद की कोई संतान नहीं है, तो 50% राशि उनकी पत्नी को और शेष 50% उनके माता-पिता को मिलेगी। यदि शहीद के माता-पिता जीवित नहीं हैं, तो 50% राशि पत्नी को और 50% उनके बच्चों को प्रदान की जाएगी। अविवाहित शहीद के माता-पिता के जीवित न होने की स्थिति में, अनुग्रह अनुदान का भुगतान उनके भाई-बहनों को किया जाएगा। यह स्पष्ट नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि सहायता राशि सही हकदार तक पहुंचे और वितरण में कोई अस्पष्टता न रहे। अन्य किसी भी पारिवारिक सदस्य या रिश्तेदार को इस अनुग्रह अनुदान के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।

सभी सैनिक बलों के लिए योजना

यह महत्वपूर्ण योजना न केवल सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों पर लागू होगी, बल्कि भारतीय तटरक्षक बल, सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF), असम राइफल्स, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और रैपिड एक्शन फोर्स जैसे सभी प्रमुख सैनिक बलों के शहीद जवानों और अधिकारियों के परिवारों को भी इसका लाभ मिलेगा।

अग्निवीर भी योजना में शामिल

एक और महत्वपूर्ण फैसला यह है कि अग्निवीर योजना के तहत भर्ती हुए शहीद सैनिकों के आश्रितों को भी बलिदानी सैनिकों और अर्धसैनिक बलों के जवानों की तरह ही 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। राज्य मंत्रिमंडल ने इस संबंध में पहले ही 5 मई को निर्णय ले लिया है, और सरकार जल्द ही इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी करेगी। वर्तमान में भारतीय सेनाओं में हरियाणा से 6153 अग्निवीर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, और यह निर्णय उनके परिवारों को भी सुरक्षा और सम्मान प्रदान करेगा।

दिव्यांगता पर भी मिलेगी सहायता

शहादत के साथ-साथ युद्ध, आतंकवादी हमले, सीमा पर झड़प और संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में सेवा करते समय दिव्यांग होने पर भी इस योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। 70 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता होने पर 35 लाख रुपये, 50 से 69 प्रतिशत दिव्यांगता पर 25 लाख रुपये और 20 से 49 प्रतिशत दिव्यांगता पर 15 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। यह प्रावधान उन वीर जवानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा जो देश की सेवा करते हुए शारीरिक रूप से अक्षम हो गए हैं।

एक साल पहले हुआ फैसला, अब होगा लागू

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में 24 दिसंबर 2024 को हुई कैबिनेट मीटिंग में शहीद सैनिकों की राहत राशि दोगुनी करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया था, जिसे अब आधिकारिक रूप से लागू किया जा रहा है। सैनिक एवं अर्ध सैनिक कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयेन्द्र कुमार ने इस संबंध में विस्तृत अधिसूचना जारी कर दी है, जिससे यह सुनिश्चित हो गया है कि यह लाभकारी योजना अब धरातल पर उतरेगी और शहीद सैनिकों के परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान करेगी।

यह फैसला निस्संदेह हरियाणा सरकार का एक सराहनीय कदम है, जो देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीर जवानों और उनके परिवारों के प्रति गहरी कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करता है। यह न केवल शहीद परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा, बल्कि अन्य युवाओं को भी देश सेवा के लिए प्रेरित करेगा।

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