पलवल में जमीनी विवाद बना खूनी: पुलिस पर फायरिंग में इंस्पेक्टर की मौत, SPO समेत कई फरार

पोस्टमॉर्टम के दौरान जिला नागरिक अस्पताल में पहुंचे लोग।
हरियाणा के पलवल जिले में जमीनी विवाद ने बेहद हिंसक और दुखद मोड़ ले लिया। नांगल जाट गांव में हुए इस खूनी संघर्ष में हरियाणा पुलिस के जांबाज इंस्पेक्टर की जान चली गई। आरोप है कि स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) बुधराम और उसके साथियों ने मिलकर एक परिवार की जमीन पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की, और जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो हथियारबंद हमलावरों ने उन पर फायरिंग कर दी और फरार हो गए। इस घटना ने पूरे पुलिस महकमे को स्तब्ध कर दिया है। मृतक इंस्पेक्टर की पहचान उमर मोहम्मद के रूप में हुई है, जो हथीन क्राइम ब्रांच के इंचार्ज थे। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश में जुटी है।
खरीदी गई जमीन पर कब्जे की कोशिश
यह पूरा मामला जमीन के एक टुकड़े को लेकर शुरू हुआ। पीड़ित रामबीर ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि नूंह-होडल रोड पर उनकी छह एकड़ जमीन है। इसी छह एकड़ जमीन में से उन्होंने दस कनाल (लगभग 1.25 एकड़) जमीन SPO बुधराम से खरीदी थी। हालांकि, यह खरीद-फरोख्त का मामला विवादित क्यों हुआ और SPO बुधराम ने अपनी बेची हुई जमीन पर दोबारा कब्जा करने का प्रयास क्यों किया, इसकी जांच पुलिस कर रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि विवादित जमीन पर कब्जे को लेकर दोनों पक्षों के बीच तनाव काफी समय से चल रहा था, जो 19 जून को चरम पर पहुंच गया।
ट्रैक्टर से जुताई और रामबीर पर हमला
19 जून को सुबह के समय स्थिति तब और बिगड़ गई, जब SPO बुधराम, धर्मबीर, विक्रम, कृष्ण और बल्ली सहित अन्य लोग हथियारों से लैस होकर रामबीर के खेत में पहुंच गए। उनका इरादा स्पष्ट था- जबरन ट्रैक्टर से जुताई करके जमीन पर कब्जा करना। रामबीर ने जब इसका विरोध किया, तो आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया। उन्होंने रामबीर को जान से मारने की धमकी भी दी, जिससे रामबीर और उनका परिवार दहशत में आ गया। रामबीर ने तुरंत डायल 112 पर पुलिस को सूचना दी।
पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन पुलिस की मौजूदगी में भी आरोपियों की दबंगई कम नहीं हुई। वे बेखौफ होकर जुताई करते रहे। जब पुलिस ने घटना का वीडियो बनाना शुरू किया, तो हमलावर धमकी देते हुए खेत से चले गए। इस घटना ने उनकी हताशा और कानून के प्रति बेपरवाही को उजागर किया।
घर में घुसकर धमकाया, CCTV बंद करवाए
यह मामला यहीं नहीं रुका। रामबीर पर हमला करने के करीब एक घंटे बाद, आरोपी एक बार फिर लौटे। इस बार, जयपाल और दो नकाबपोश व्यक्ति एक कार में रामबीर के घर में घुस गए। उनकी मंशा और भी खतरनाक थी।
जयपाल ने रामबीर पर सीधे देसी कट्टा तान दिया, जिससे परिवार में और भी डर फैल गया। आरोपियों ने सबसे पहले घर में लगे सीसीटीवी कैमरे बंद करवा दिए, ताकि उनकी करतूत रिकॉर्ड न हो सके। नकाबपोश व्यक्तियों के पास भी देसी कट्टा और पिस्टल जैसे खतरनाक हथियार थे। आरोपी जयपाल ने रामबीर को धमकाते हुए कहा कि घर में जितने पैसे हैं दे दो और अब खेत वही जोतेंगे। उसने चेतावनी दी कि रामबीर या परिवार का कोई सदस्य दोबारा खेतों पर गया तो उन्हें गोलियों से भून देंगे। घटना के संबंध में बहीन थाना पुलिस ने बुधराम, धर्मबीर, विक्रम, कृष्ण, बल्ली, जयपाल समेत कुल आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस टीमें आरोपियों की तलाश में जुट गई हैं, जो इस वारदात के बाद से फरार हैं।
पुलिस पर फायरिंग और इंस्पेक्टर की मौत
रामबीर ने जयपाल और उसके साथियों द्वारा घर में घुसकर धमकी देने और हथियारों के इस्तेमाल की सूचना तुरंत बहीन थाना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही बहीन थाना और हथीन क्राइम ब्रांच की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। पुलिस के पहुंचने पर, हमलावर जो अभी भी आसपास मौजूद थे, उन्होंने पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। अपनी गाड़ी को मौके पर छोड़कर, वे खेतों की तरफ दौड़ने लगे। पुलिस ने भी अपने बचाव में जवाबी फायरिंग की और आरोपियों को पकड़ने के लिए खेतों में उनका पीछा करना शुरू कर दिया।
इसी पीछा करने के दौरान, हथीन क्राइम ब्रांच के इंचार्ज इंस्पेक्टर उमर मोहम्मद अचानक जमीन पर बैठ गए। उनकी टीम के अन्य सदस्य बदमाशों के पीछे दौड़ते रहे। जब आरोपी गांव की गलियों में ओझल हो गए, तो टीम के सदस्यों ने इंस्पेक्टर के पास फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। एसआई हकमुद्दीन ने मौके पर जाकर देखा तो इंस्पेक्टर उमर मोहम्मद खेत में अचेत मिले। उनकी टीम ने तुरंत उमर मोहम्मद और घायल सिपाही विनोद व रोहित को अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने इंस्पेक्टर को मृत घोषित कर दिया।
कानूनी कार्रवाई और शव परिजनों को सौंपा
इस दुखद घटना के संबंध में, बहीन थाना पुलिस ने एसआई हकमुद्दीन की शिकायत पर आरोपी जयपाल और उसके एक अन्य साथी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। इंस्पेक्टर उमर मोहम्मद के शव का शुक्रवार को पोस्टमॉर्टम किया गया, जिसके बाद उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस अब फरार आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए गहन छापेमारी कर रही है, ताकि इस दुखद घटना के जिम्मेदार लोगों को कानून के कटघरे में खड़ा किया जा सके। इस मामले ने हरियाणा में जमीनी विवादों और आपराधिक तत्वों द्वारा कानून को अपने हाथ में लेने की प्रवृत्ति पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।