Action against corruption: पलवल में 1 लाख रिश्वत लेते CMO गिरफ्तार, पुराने घोटालों और छेड़छाड़ का भी आरोपी

रिश्वत लेने का आरोपी सीएमओ गुरुग्राम विजिलेंस की गिरफ्त में।
हरियाणा में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई में गुरुग्राम विजिलेंस टीम ने पलवल के चीफ मेडिकल अफसर (CMO) डॉ. जय भगवान जाटान को 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी पलवल स्थित उनके सरकारी आवास पर की गई। चौंकाने वाली बात यह है कि सीएमओ ने अस्पताल बंद करने की धमकी देकर तीन पार्टनर्स से कुल 15 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। विजिलेंस की टीम ने सीएमओ के घर की तलाशी के दौरान उसकी अलमारी से अतिरिक्त 3 लाख रुपये नकद भी बरामद किए हैं।
ऐसे बिछाया जाल
गुरुग्राम विजिलेंस से मिली जानकारी के अनुसार मनोहर नाम के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह पलवल में धीरज और सुभाष के साथ मिलकर पिछले करीब तीन महीने से सनराइज ट्रॉमा अस्पताल चला रहे हैं। मनोहर के मुताबिक, सीएमओ डॉ. जय भगवान जाटान उनके अस्पताल के कामकाज में लगातार कमियां बताकर उसे बंद करने की धमकी दे रहा था।
सीएमओ ने अस्पताल को सुचारू रूप से चलाने की एवज में 15 लाख रुपये की मोटी रकम की मांग की थी। उसने यह भी कहा था कि यह पैसा "ऊपर पहुंचाना" है। शिकायतकर्ता ने बताया कि सीएमओ पहले ही दो किश्तों में 7 लाख रुपये ले चुका था। मनोहर के अनुसार करीब 20 दिन पहले उसने सीएमओ को 6 लाख रुपये दिए थे, और फिर 2 जुलाई को 1 लाख रुपये नकद दिए गए थे।
7 लाख रुपये लेने के बाद भी सीएमओ बाकी बचे 8 लाख रुपये की मांग पर अड़ा हुआ था। जब अस्पताल संचालकों के पास केवल 1 लाख रुपये का ही इंतजाम हो पाया, तो उन्होंने गुरुग्राम विजिलेंस ब्यूरो से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलते ही विजिलेंस की टीम ने तत्काल कार्रवाई की। उन्होंने एक जाल बिछाया और गुरुवार 3 जुलाई, 2025 को सीएमओ डॉ. जय भगवान जाटान को उनके सरकारी घर पर 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद सीएमओ के खिलाफ फरीदाबाद के विजिलेंस थाने में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 और भारतीय न्याय संहिता की धारा 308(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
पहले भी निलंबित, भर्ती घोटाला और छेड़छाड़ का आरोप
डॉ. जय भगवान जाटान का यह पहला विवाद नहीं है। उनका रिकॉर्ड पहले भी कई गंभीर आरोपों से भरा रहा है, जो उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हैं। डॉ. जय भगवान जाटान इससे पहले जींद में भी निलंबित हो चुके हैं। उन पर आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर (AMO) की भर्ती में धांधली का आरोप लगा था। तत्कालीन विधायक डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने भी स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और स्वास्थ्य विभाग के निदेशक से जाटान के खिलाफ शिकायत की थी। जांच में पाया गया था कि जाटान ने मैटरनिटी लीव पर चल रही एक लेडी डॉक्टर के पद को खाली बताकर गलत तरीके से भर्ती निकाली थी और मेरिट को दरकिनार कर नियुक्ति कर दी थी।
जांच में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। इसके अलावा 25 नवंबर 2021 को सोनीपत नागरिक अस्पताल में एक महिला रोग विशेषज्ञ ने डॉ. जय भगवान जाटान पर छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगाया था। इस मामले में सेक्टर-27 थाने में उनके खिलाफ FIR भी दर्ज हुई थी और उन्हें दोबारा निलंबित किया गया था। डॉ. जाटान जून 2024 में पलवल में तैनात हुए थे। उनका तबादला 20 जून 2025 को पलवल से चंडीगढ़ के मलेरिया विभाग में कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर इस तबादले को रुकवा लिया था।
जींद में सस्पेंशन की पूरी कहानी
जींद में सीएमओ डॉ. जय भगवान जाटान के सस्पेंड होने का मामला 5 साल पहले का है जब जींद के सिविल अस्पताल में आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर (AMO) सहित विभिन्न पदों के लिए नियुक्तियां की गई थीं। तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. जाटान पर इन भर्तियों में धांधली के आरोप लगे थे।
यह मामला तब सामने आया जब मुआना की AMO डॉ. संगीता मैटरनिटी लीव पर थीं, लेकिन डॉ. जाटान के ऑफिस ने उनके पद को खाली बताकर रिक्तियां जारी कर दीं। डॉ. संगीता ने उच्च न्यायालय का रुख किया और भर्ती पर स्टे ले लिया। इसके बावजूद नई नियुक्तियों में आयुष एएमओ मुआना में सोनीपत की एक महिला चिकित्सक को नियुक्त कर दिया गया।
इसी एएमओ पद की एक अन्य दावेदार डॉ. प्रीति ने धांधली को लेकर आवाज उठाई और विधायक के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग को भी शिकायत की। प्रीति का आरोप था कि स्थानीय होने के बावजूद उसे नियमानुसार कोई लाभ नहीं दिया गया, जबकि नियुक्त की गई एएमओ से उसके अंक भी ज्यादा थे।
स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने जब इस मामले की जांच की तो पाया गया कि जब पूर्व AMO डॉ. संगीता ने न तो इस्तीफा दिया था और न ही उनकी याचिका अदालत में लंबित थी, तब भी उनके पद को खाली दिखाकर भर्ती निकाल दी गई। इसके बाद मेरिट को दरकिनार कर उस पद पर गलत तरीके से भर्ती कर दी गई। जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. जय भगवान जाटान को स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त चीफ सेक्रेटरी राजीव अरोड़ा ने निलंबित कर दिया था।