Pakistani Spy: नूंह का एडवोकेट निकला पाकिस्तानी जासूस, ISI की साजिशों का होगा पर्दाफाश?

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नूंह से पाकिस्तानी जासूस एडवोकेट अरेस्ट। 

 

Pakistani Spy Arrest From Nuh: पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पुलिस ने एडवोकेट को गिरफ्तार किया है। उसकी कॉल डिटेल्स समेत तमाम गतिवधियों को खंगाला जा रहा है।

Pakistani Spy Arrest From Nuh: केंद्रीय जांच एजेंसी और नूंह पुलिस ने मिलकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में एक वकील को गिरफ्तार किया है। वकील पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने का आरोप है। आरोपी के खिलाफ पुलिस ने देश विरोधी गतिविधियों के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है, ताकि उसके दूसरे साथियों के बारे में भी पता लगाया जा सके।

आरोपी की पहचान तावड़ू खंड के खरखड़ी गांव के रहने वाले रिजवान के तौर पर हुई है। जांच में सामने आया है कि रिजवान एक एडवोकेट है और गुरुग्राम कोर्ट में प्रैक्टिस करता है। रिजवान पर आरोप है कि उसने पाकिस्तान के कुछ लोगों से ऑनलाइन कॉन्टेक्ट करके अवैध वित्तीय लेन-देन किया है।

पाकिस्तानी जासूस पकड़े जाने का तीसरा मामला

बता दें कि नूंह में यह पहली गिरफ्तारी नहीं है। इससे पहले भी पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में 2 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इससे पहले राजाका गांव के रहने वाले अरमान और कांगरका निवासी मोहम्मद तारीफ को गिरफ्तार किया गया था। जांच में उस दौरान पता लगा था कि अरमान 2 बार और तारीफ 3 बार पाकिस्तान जा चुका है। दोनों आरोपी ISI के संपर्क में आए थे। फिलहाल ये दोनों आरोपी जेल में बंद है।

विभाजन के बाद पाकिस्तान रहने लगे

जांच में सामने आया है कि आरोपी रिजवान के परिवार के कुछ सदस्य हिंदुस्तान-पाकिस्तान बंटवारे के समय पाकिस्तान चले गए थे। जिसके बाद रिजवान और उसके परिजन का पाकिस्तान आना-जाना लगा रहता था। उस दौरान रिजवान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में आ गया।

डिजिटल सबूतों की होगी जांच

जांच एजेंसी द्वारा रिजवान से पूछताछ की जा रही है कि वह पाकिस्तान कब और कितनी बार गया था। किन लोगों के संपर्क में रहा था। रिजवान के मोबाइल में वॉट्सऐप चैट, कॉल डिटेल और अन्य डिजिटल सबूत मिले हैं, जिनकी गहनता से जांच की जाएगी। इसके अलावा यह भी पता लगाया जाएगा कि रिजवान ने किस तरह की जानकारी ISI को दी है।

वहीं जिन आरोपियों तारीफ और अरमान को पहले पकड़ा गया था, उनका कनेक्शन पाकिस्तानी हाई कमीशन के अधिकारी दानिश से था। ऐसे में जांच एजेंसियों द्वारा पता लगाया जा रहा है कि कहीं रिजवान का कनेक्शन भी दानिश से तो नहीं है, या किसी वह किसी दूसरे हैंडलर के संपर्क में आया है।

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