New Railway Line: नूंह से अलवर तक नई रेल लाइन को मिली मंजूरी, 2500 करोड़ रूपये होंगे खर्च, जानें क्या फायदा होगा?

प्रतीकात्मक तस्वीर।
New Railway Line: नूंह के मेवात क्षेत्र में पहली बार यात्री रेल सर्विस की शुरूआत होने जा रही है। इस पिछड़े क्षेत्र के लिए इसे एक ऐतिहासिक और विकास की ओर बेहतर कदम माना जा रहा है। दिल्ली-सोहना-नूंह-फिरोजपुर झिरका-अलवर रूट को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी भी मिल गई है। बताया जा रहा है कि इस परियोजना पर करीब 2500 करोड़ रूपये खर्च होने की संभावना जताई जा रही है।
काफी समय से की जा रही थी मांग
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, काफी सालों से इस रेलवे लाइन की मांग की जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस रेलवे लाइन की नींव 1971 में रखी गई थी। उस वक्त चौधरी तैयब हुसैन गुड़गांव से सांसद थे। तैयब हुसैन ने मेवात क्षेत्र के लिए रेलवे कनेक्टिविटी की मांग संसद में रखी थी। उसी साल केंद्र सरकार ने रेलवे लाइन के लिए सर्वे भी करवाया था। लेकिन इस परियोजना पर कार्य की शुरूआत करने में करीब 5 दशक लग गए थे। लेकिन अब जल्द ही इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
क्या रहेगा रूट ?
यह नई रेलवे लाइन दिल्ली, सोहना, नूंह, फिरोजपुर झिरका होते हुए अलवर तक पहुंचेगी। इससे गांवों समेत पिछड़े क्षेत्रों को भी जोड़ा जाएगा। इस रेलवे लाइन से लोगों यात्रा का समय भी कम हो जाएगा। इस रूट से छात्रों, किसानों और व्यापारियों को फायदा मिलने की संभावना है। रेल मंत्रालय ने इस परियोजना को तीन चरणों में लागू करने की योजना बनाई है। पहले फेज में भूमि अधिग्रहण, दूसरे फेज में बुनियादी संरचना का विकास, और तीसरे फेज में रेल ट्रैक बिछाने और स्टेशन बनाने का काम किया जाएगा। पूरी परियोजना को साल 2028 तक पूरा कर लिया जाएगा।
रोजगार के अवसर खुलेंगे
रेलवे लाइन बन जाने के बाद सरकार मेवात क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों, शैक्षणिक संस्थानों, और पर्यटन स्थलों को विकसित करने की भी योजना बनाएगी। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और मेवात की छवि का भी विकास होगा। रेल लाइन शुरू हो जाने से मेवात में यातायात की कमी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से दूरी, और आर्थिक पिछड़ापन जैसी समस्याएं भी खत्म होगी। युवाओं को शिक्षा और रोजगार के लिए बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।