हरियाणा में अटकी ठेकों की नीलामी: 4 हजार करोड़ रेवेन्यू वाले 260 जोन नहीं हुए नीलाम, अब सरकार देगी शराब ठेकेदारों को सुरक्षा

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी।
हरियाणा में अटकी शराब ठेकों की नीलामी : हरियाणा के गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने सभी संभावित बोलीदाताओं से आगामी शराब की दुकानों की नीलामी में बिना किसी डर के भाग लेने का आग्रह किया और उन्हें पूर्ण प्रशासनिक सहायता और सुरक्षा का आश्वासन दिया। डॉ. मिश्रा ने कहा कि सरकार कानून का पालन करने वाले बोलीदाताओं के पीछे मजबूती से खड़ी है। किसी भी व्यक्ति को वैध सरकारी प्रक्रिया में भाग लेने से डरना या हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। हम प्रत्येक प्रतिभागी को पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
इन जिलों के अधिकारियों से की बैठक
डॉ. मिश्रा ने यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, जींद, हिसार, रोहतक, करनाल और अंबाला जिलों के डीसी, एसपी और जिला आबकारी एवं कराधान आयुक्तों (डीईटीसी) के साथ "कानून एवं व्यवस्था" की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार आगामी नीलामी में किसी भी प्रकार की धमकी या हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगी।
असामाजिक तत्वों की पहचान करने के निर्देश
डॉ. मिश्रा ने प्रतिभागियों को डराने के लिए स्थानीय बदमाशों और असामाजिक तत्वों के बीच संभावित मिलीभगत का संकेत देने वाली रिपोर्टों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस और खुफिया एजेंसियों को ऐसे व्यक्तियों की तुरंत पहचान करने का निर्देश दिया। उन्होंने सुरक्षा बढ़ाने के लिए जिला खुफिया इकाइयों को आदतन-उपद्रवियों की विस्तृत प्रोफाइल तैयार करने और उनकी गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रखने का निर्देश दिया। पुलिस को संदिग्ध लोगों या वाहनों के इधर-उधर घूमने या इकट्ठा होने पर नजर रखने के लिए कहा गया है।
एसपी को बोलीदाताओं से संवाद करने को कहा
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव ने संभावित बोलीदाताओं के बीच विश्वास पैदा करने के लिए संबंधित जिलों के डीसी और एसपी को उनसे सीधे संवाद करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ये बैठकें सुरक्षा-चिंताओं को दूर करने और प्रतिभागियों को सरकार के अटूट समर्थन का भरोसा दिलाने के लिए मंच के रूप में काम करेंगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि उपायुक्तों और एसपी को बोलीदाताओं के बीच सक्रिय रूप से पहुंचना चाहिए तथा उनकी चिंताओं को सुनना चाहिए और आश्वासन देना चाहिए कि मजबूत कानून-व्यवस्था व्यवस्था मौजूद है।
प्रशासनिक मिलीभगत नहीं की जाएगी बर्दाश्त
डॉ. मिश्रा ने कहा कि किसी को भी सरकार की शराब के ठेकों की नीलामी प्रक्रिया को पटरी से उतारने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने प्रदेश सरकार की जीरो-टॉलरेंस नीति को दोहराते हुए चेतावनी दी कि स्थानीय प्रशासन या पुलिस की ओर से किसी भी तरह की ढिलाई को गंभीरता से लिया जाएगा। नीलामी प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। यदि कोई अधिकारी लापरवाही या मिलीभगत करता पाया गया तो उसके विरुद्ध सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने नीलामी के सुचारू और पारदर्शी संचालन को सुनिश्चित करने के लिए वीडियो निगरानी, संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती और आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ घनिष्ठ समन्वय के महत्व पर भी जोर दिया। बैठक में आबकारी एवं कराधान विभाग आयुक्त एवं सचिव आशिमा बराड़, आबकारी एवं कराधान आयुक्त विनय प्रताप सिंह, एडीजीपी/कानून एवं व्यवस्था संजय कुमार के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
14 हजार करोड़ रुपये रेवेन्यू जुटाने का लक्ष्य
प्रदेश सरकार ने आबकारी एवं कराधान विभाग से इस वर्ष 14063 करोड़ रुपये रेवेन्यू जुटाने का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले वर्ष में यह 11054 करोड़ रुपये था। इस बार करीब 260 जोन में बोली नहीं लगी है। ऐसे में कई हजार करोड़ रुपये का रेवेन्यू अटका हुआ है। यह सरकार के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इस वजह से यह सारी कवायद हो रही है।
13 जून को कुरुक्षेत्र में हुई थी शराब कारोबारी की हत्या, आज एनकाउंटर
कुरुक्षेत्र में 13 जून को एक शराब ठेकेदार शांतनु की हत्या ने पूरे राज्य में शराब व्यापारियों में दहशत फैला दी थी। रोहतक और यमुनानगर में भी शराब कारोबारियों को धमकाने के मामले सामने आए। ऐसे में यमुनानगर में 55 में से करीब 44 शराब के जोन खाली पड़े हैं। रोहतक में भी 18 जोन में बोली नहीं हुई। हालांकि शांतनु हत्याकांड के मुख्य आरोपी यमुनानगर निवासी गैंगस्टर रोमिल वोहरा का मंगलवार को गुरुग्राम में एनकाउंटर हो चुका है। ऐसे में अब यह देखना है कि इसका कितना असर पड़ता है।