हरियाणा फ्रूट फेस्टिवल: कुरुक्षेत्र में रंग जमा रहा दुनिया का सबसे महंगा आम मियाजाकी 'सूर्य का अंडा'

Haryana Fruit Festival
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हरियाणा फ्रूट फेस्टिवल में पहुंचा मियाजाकी आम।


यह आम सिर्फ स्वाद में ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है। यह एंटीऑक्सीडेंट, बीटा-कैरोटीन और फोलिक एसिड से भरपूर है, जो इसे कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रोकने और इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक बनाता है। यह आम लाल रंग का होता है और इसका पेड़ सिर्फ 4 फुट ऊंचा होता है, लेकिन फल आने में 5 साल लगते हैं।

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में चल रहे फ्रूट फेस्टिवल में फलों की 200 से ज़्यादा किस्में प्रदर्शित की जा रही हैं, जिनमें आम की ही 27 से ज़्यादा वैरायटी शामिल हैं। इस फेस्टिवल का सबसे बड़ा आकर्षण जापान का मियाजाकी आम है, जिसे 'सूर्य का अंडा' (Egg of the Sun) के नाम से भी लोग जानते हैं। यह आम दुनिया के सबसे महंगे फलों में से एक है, जिसकी भारत में कीमत 50,000 से 70,000 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि विदेशों में यह 2.5 लाख से 3 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक बिकता है।

सेहत का सुपर फ्रूट

जिला उद्यान अधिकारी डॉक्टर शिवेंद्र प्रताप ने बताया कि मियाजाकी आम सिर्फ़ अपने स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए भी बेहद खास है। यह एंटीऑक्सीडेंट, बीटा-कैरोटीन और फोलिक एसिड से भरपूर होता है। इसे कैंसर कोशिकाओं की ग्रोथ को रोकने में असरदार माना गया है, साथ ही यह इम्यूनिटी को बूस्ट करने वाला फल भी है। इन्हीं खासियतों की वजह से विदेशों में इसकी भारी डिमांड है।

लाडवा में हो रही रिसर्च और खेती

मियाजाकी आम को भविष्य का फल मानते हुए, लाडवा के इंडो-इजराइल सब ट्रॉपिकल सेंटर में भी इसका पौधा लगाया गया है और इस पर रिसर्च चल रही है। वर्तमान में इस पौधे पर आम भी लगे हुए हैं, जिनकी खास देखभाल की जा रही है। लगभग एक साल पहले मैंगो ग्रोवर एसोसिएशन ने यह पौधा सेंटर को गिफ़्ट किया था, यहां इसकी सिंचाई टपका विधि से की जाती है और इसमें जून-जुलाई में फल आने लगते हैं।

5 साल में तैयार होता है पौधा, 4 फुट की हाइट

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से इस आम को लेकर आए किसान मोहम्मद साजिद ने बताया कि यह आम जापान के मियाजाकी प्रांत का है। भारत में इसे मियाजाकी के नाम से जाना जाता है, इसका पेड़ सिर्फ़ 4 फुट का होता है, लेकिन इस पर फल आने में करीब 5 साल का समय लगता है। यह आम लाल रंग का होता है और एक आम का वजन 300 से 350 ग्राम तक होता है। इसका स्वाद उत्तर भारत के लोकप्रिय रटौल आम जैसा ही लगता है।

बढ़ती अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मांग

मियाजाकी आम की ऑस्ट्रेलिया, दुबई और इंग्लैंड जैसे देशों में काफ़ी डिमांड है। अब इसकी बागवानी यूपी के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा में भी की जा रही है। भारत से इसे विदेशों में एक्सपोर्ट भी किया जा रहा है। चंडीगढ़ में भी कई लोग इस आम के शौकीन हैं और उन्होंने अपने घरों या बागों में इसके पौधे लगाए हुए हैं, महंगा होने की वजह से इनकी सुरक्षा भी की जाती है।

सबसे बड़ा और सबसे छोटा आम भी है यहां

फ्रूट फेस्टिवल में थाई मैंगो (बॉम्बे ग्रीन) की वैरायटी भी है जिसका आकार सबसे बड़ा है और इसका वजन 1 किलो से ज्यादा होता है। आम की सबसे छोटी किस्म भी यहां देखने को मिली, जिसे मैंगो ग्रेप्स या देसी सीवर भी कहा जाता है। इसका साइज 2 से ढाई इंच तक का होता है। यह दोनों वैरायटी साउथ इंडियन हैं।

नाशपाती और अनार की खास किस्में

फेस्टिवल में पंजाब से नाशपाती की 7 तरह की वैरायटी लाई गई हैं, जिनमें निजी-सेकी नाशपाती बेहद खास है, क्योंकि यह शुगर-फ्री है। अन्य वैरायटी में पंजाब गोल्ड, लिकेंट, बब्बू-कोसा, पंजाब नख, पंजाब नेक्टर और पंजाब ब्यूटी शामिल हैं, जिनका रंग, रूप और स्वाद अलग-अलग है। अनार की भी 3 खास किस्में हैं जिनके दाने सफेद मोती जैसे होते हैं- वंडरफुल (शुगर-फ्री), गणेश-137 और सुपर भगवा। इसके अलावा, लाल दाने वाली भगवा और मृदुला वैरायटी भी हैं। भगवा अनार की खासियत है कि यह जितना छोटा होता है, उतना ही मीठा होता है। यह फ्रूट फेस्टिवल बागवानों और फल प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन अवसर है, जहां वे फलों की विविधताओं को देख और समझ सकते हैं।

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