साढ़े चार साल की बच्ची के दिल में छेद : कुरुक्षेत्र में आंगनबाड़ी में हुई जांच में खुलासा, सरकार ने फ्री करवाया ऑपरेशन

Lavi, a four and a half year old girl from Kishanpur village, Kurukshetra, who underwent surgery in
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कुरुक्षेत्र के किशनपुर गांव की साढ़े चार वर्ष की बच्ची लवी, जिसका चंडीगढ़ में ऑपरेशन हुआ।
हरियाणा की कुरुक्षेत्र की साढ़े चार साल की मासूम को पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टरों ने नया जीवन दिया है। बच्ची के दिल में छेद का सरकार ने मुफ्त ऑपरेशन करवाया।

National Child Health Program : हरियाणा की कुरुक्षेत्र की साढ़े चार साल की मासूम को पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टरों ने नया जीवन दिया है। बच्ची के दिल में छेद होने पर दुखी माता-पिता के चेहरे पर उस वक्त मुस्कान लौट आई, जब उन्हें सर्जरी के बाद बेटी के स्वस्थ होने का पता चला। जिंदगी और मौत से जूझ रही लवी को डॉक्टरों ने नई जिंदगी दी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत उसका मुफ्त ऑपरेशन हुआ। अब तक जिले में 318 जन्मजात विकारों के बच्चों के ऑपरेशन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हो चुके हैं।

आंगनबाड़ी और राजकीय स्कूलों में हर वर्ष होती है बच्चों की जांच

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जन्म से लेकर 18 साल तक के बच्चों में जन्मजात दोष, बीमारी, कमी और विकास में देरी की पहचान की जाती है। इसके बाद उनका नि:शुल्क इलाज और प्रबंधन किया जाता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मथाना में कार्यरत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा हर वर्ष अभियान चलाया जाता है। इसके तहत उप सिविल सर्जन डॉ. करुणा ढींगरा के मार्गदर्शन में आंगनबाड़ी व राजकीय विद्यालयों में बच्चों की स्वास्थ्य जांच कर जन्मजात विकारों की पहचान की जाती है। इसके बाद इलाज के लिए उच्च संस्थानों में भेजा जाता है।

आंगनबाड़ी में जांच हुई तो दिल में छेद का पता चला

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा ग्राम पंचायत खिदरपुरा की साढ़े चार वर्ष की बच्ची लवी पुत्री नसीब के दिल के छेद का निशुल्क ऑपरेशन पीजीआई चंडीगढ़ में करवाया गया है। बच्ची जन्मजात दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित थी और उसको काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। बच्चे के पिता ने बातचीत में बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस कार्यक्रम की बदौलत उनकी बच्ची के दिल का निशुल्क ऑपरेशन हो पाया है। उन्हें तो यह भी पता नहीं था कि उनकी बच्ची के दिल में छेद है। एक दिन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम मथाना की टीम उनकी आंगनबाड़ी में आई तो उन्होंने बच्चे की स्वास्थ्य जांच कर दिल में छेद होने के बारे में बताया और नागरिक अस्पताल कुरुक्षेत्र में जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र पर भेजा। यहां से चिकित्सक की सलाह अनुसार उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ भेजा गया। पीजीआई चंडीगढ़ में उनके बच्चे का बिना पैसों के ऑपरेशन हो गया और अब उनका बच्चा अच्छे से दैनिक जीवन के क्रियाकलाप कर पा रहा है।

9 टीम कुरुक्षेत्र में करती है डेढ़ लाख बच्चों की जांच

डॉ. सुरेश शर्मा ने कहा कि जब भी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम उनके क्षेत्र की आंगनबाड़ी में आती है तो वे अपने बच्चों को उस दिन आंगनबाड़ी में जरूर लाएं और अपने बच्चों की स्वास्थ्य जांच कराएं। फॉर्मेसी ऑफिसर नितिका व एएनएम सपना ने महिलाओं को समय-समय पर अपने बच्चों एवं स्वयं की हीमोग्लोबिन की मात्रा की जांच करवाते रहने की सलाह दी। डॉ. सुरेश शर्मा ने बताया कि वर्ष 2013 से 9 टीम कुरुक्षेत्र में काम कर रही हैं। जिले में सभी टीम मिलकर सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में 80 हजार बच्चों की वर्ष में एक बार और आंगनबाड़ी में 65 हजार बच्चों की वर्ष में दो बार स्वास्थ्य जांच करती है।

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