Guru Tegh Bahadur: 'हरियाणा संतों की धरती...,' गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर बोले सीएम सैनी

कुरुक्षेत्र में गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर सीएम सैनी।
Martyrdom Day Guru Tegh Bahadur: कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में आज 25 नवंबर मंगलवार को गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शामिल हुए। इस दौरान सीएम सैनी ने गुरु तेग बहादुर को याद करते हुए कहा कि उनके संदेश आज भी हमारे लिए उतने ही प्रभावशाली है, जितना 350 साल पहले थे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि,'भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत में, अगर कोई एक ऐसी शख्सियत है जिसकी मौजूदगी सदियों से अटल, चमकदार और अमर रही है, तो वो हैं श्री गुरु तेग बहादुर जी। कई पीढ़ियों से, उन्हें इंसानियत के सच्चे रक्षक, ज़ुल्म के खिलाफ अदम्य साहस के प्रतीक और धार्मिक आजादी के महान संरक्षक के तौर पर माना जाता रहा है। उनका बलिदान किसी एक समुदाय या इलाके के लिए नहीं था, बल्कि पूरी इंसानियत के लिए था।'
सीएम सैनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'गुरु जी का बचपन का नाम त्यागमल था और वे छठे गुरु श्री हरगोबिंद साहिब जी और माता नानकी जी के पुत्र थे। उनका जन्म 1 अप्रैल 1621 को अमृतसर में हुआ, जहां आज गुरुद्वारा 'गुरु का महल' सुशोभित है। सैनी ने कहा, जब-जब मानवता पर अत्याचार हुए, तब-तब महापुरुषों का अवतरण हुआ। गुरु जी के समय मुगल बादशाह औरंगजेब के इस्लामीकरण के प्रयासों से त्रस्त कश्मीरी पंडितों ने आनंदपुर साहिब में गुरु जी से रक्षा की विनती की।'
#WATCH | Kurukshetra | On PM Modi's visit, Haryana CM Nayab Singh Saini says, "The Prime Minister will arrive here in sometime.. The martyrdom of great Guru Tegh Bahadur Ji will be observed today... I reviewed the Langar halls... This program will be celebrated on a grand level… pic.twitter.com/qJPgVInZYk
— ANI (@ANI) November 25, 2025
धर्म की रक्षा के लिए शीश कुर्बान
सीएम सैनी ने यह भी कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा करने के लिए अपना शीश तक कुर्बान कर दिया था। अगर यह बलिदान नहीं होता तो आज का हिन्दुस्तान कैसा होता, कल्पना से परे है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हरियाणा की धरती गुरुओं और संतों की है, जहां कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि पर महाभारत का युद्ध लड़ा गया, जहां महाराजा कुरु ने हल चलाया और श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया। यहीं आठ गुरु साहिबान गुरु नानक देव से गोबिंद सिंह तक के चरण पड़े।'
सीएम सैनी ने 2015 में शुरू 'संत-महापुरुष सम्मान एवं चिंतन प्रसार योजना' के बारे में भी बताया, जिसमें गुरु नानक देव, गुरु तेग बहादुर, गुरु गोबिंद सिंह, बाबा बंदा सिंह बहादुर, धन्ना भगत, कबीर, नामदेव व रविदास जैसे महापुरुषों के विचारों का प्रचार किया जा रहा है।
सीएम ने सिरसा के चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में 'गुरु तेग बहादुर चेयर', अंबाला पॉलिटेक्निक का नाम परिवर्तन, करनाल में मेमोरियल, टोहाना-जीन-नारनौल मार्ग को 'गुरु तेग बहादुर मार्ग', कैथल में 'गुरु तेग बहादुर वन' और यमुनानगर के किशनपुरा में कृषि महाविद्यालय के बारे में बताया है। उन्होंने आगे कहा कि इन सभी से गुरु जी का त्याग और इंसानियत का संदेश पीढ़ियों तक पहुंचेगा।
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