कुरुक्षेत्र फायरिंग और गुरदासपुर हत्याकांड: दोनों घटनाओं के बीच गहरा कनेक्शन आया सामने, कौशल चौधरी गैंग ने ली जिम्मेदारी

दोनों घटनाओं के बीच गहरा कनेक्शन आया सामने, कौशल चौधरी गैंग ने ली जिम्मेदारी
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दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे-44 पर स्थित कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में गुरुवार सुबह अमन होटल पर हुई ताबड़तोड़ फायरिंग के मामले में एक चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। इस घटना को अंजाम देने वाले कौशल चौधरी गैंग के शूटर्स का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है, लेकिन गुरुवार देर रात पंजाब के गुरदासपुर में लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की मां और बॉडीगार्ड की निर्मम हत्या की जिम्मेदारी इसी कौशल चौधरी गैंग और प्रभू दासुवाल ने ली है। इससे दोनों घटनाओं के बीच एक गहरा और सनसनीखेज कनेक्शन सामने आया है, जो पुलिस के लिए नई चुनौती बन गया है।

होटल में फेंकी गई पर्ची और हत्याकांड का तार

अमन होटल पर फायरिंग के बाद बदमाश रिसेप्शन पर एक पर्ची फेंककर फरार हुए थे, जिस पर 'कौशल चौधरी' नाम के साथ एक विदेशी मोबाइल नंबर लिखा था। हालांकि होटल संचालक संजीव यादव ने दावा किया है कि उन्हें किसी तरह की रंगदारी की धमकी नहीं मिली थी। लेकिन गुरदासपुर हत्याकांड की जिम्मेदारी कौशल चौधरी गैंग द्वारा लिए जाने के बाद, यह पर्ची अब जांच का एक अहम बिंदु बन गई है। पुलिस की 7 टीमें कुरुक्षेत्र फायरिंग मामले की जांच में जुटी हैं और अब उनका ध्यान इस नए कनेक्शन पर केंद्रित हो गया है।

यह गौरतलब है कि गुरदासपुर में जिस जग्गू भगवानपुरिया की मां और बॉडीगार्ड की हत्या हुई है, वह खुद भी पहले कुरुक्षेत्र जेल में रह चुका है। करीब 4 महीने पहले उसे किसी दूसरी जेल में शिफ्ट किया गया था। इस नए मोड़ ने पुलिस के सामने गैंगवार की एक नई परत खोल दी है।

होटल संचालक बोला - कोई रंजिश नहीं

अमन होटल के संचालक संजीव यादव ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि होटल में किसी भी तरह की लूटपाट या छीना-झपटी की घटना नहीं हुई थी। रिसेप्शन के काउंटर पर रखा कैश भी पूरी तरह सुरक्षित मिला है। उनके पेट्रोल पंप पर भी सब कुछ सामान्य है। यादव ने साफ तौर पर कहा कि वारदात से पहले या बाद में उन्हें किसी भी तरह की धमकी भरी कॉल या मैसेज नहीं मिला है। इस घटना के बाद होटल संचालक की सुरक्षा के लिए पुलिस ने 8 कमांडो तैनात किए हैं। यादव ने आगे बताया कि उनका व्यक्तिगत रूप से किसी के साथ कोई विवाद या रंजिश नहीं है। हाईवे पर होने के कारण उनके होटल में दूर-दराज से लोग रुकते हैं और खाना खाकर चले जाते हैं। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि इस घटना में होटल का कोई भी कर्मचारी या आसपास का कोई व्यक्ति घायल नहीं हुआ। फायरिंग करने वाले बदमाश मास्क लगाकर आए थे, जिससे उनकी पहचान मुश्किल हो रही है।

बदमाश अंबाला की तरफ भागे, पंजाब कनेक्शन की आशंका

पुलिस जांच में सामने आया है कि होटल पर फायरिंग करने वाले बदमाश बिना नंबर वाली बुलेट बाइक पर आए थे। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों बदमाश अंबाला की तरफ भाग गए। पुलिस फुटेज में इन आरोपियों को अंबाला में भी देखा गया है। जांच एजेंसियों को आशंका है कि ये बदमाश अंबाला से पंजाब की तरफ फरार हुए हैं। कौशल चौधरी गैंग का कनेक्शन बंबीहा गैंग से बताया जा रहा है, जो कि पंजाब और हरियाणा में सक्रिय एक बड़ा आपराधिक गिरोह है। बंबीहा गैंग का लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ पुरानी दुश्मनी रही है। ऐसे में गुरदासपुर में हुई हत्या और कुरुक्षेत्र फायरिंग के बीच का यह कनेक्शन एक बड़ी गैंगवार की ओर इशारा कर रहा है। शाहाबाद पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज कर ली है और आगे की जांच जारी है।

दोनों घटनाओं का संभावित कनेक्शन

अमन होटल पर कौशल चौधरी के नाम से पर्ची फेंकना और फिर गुरदासपुर में जग्गू भगवानपुरिया (जो लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा है) की मां और बॉडीगार्ड की हत्या की जिम्मेदारी कौशल चौधरी गैंग द्वारा लेना, ये दोनों घटनाएं सीधे तौर पर गैंगवार की तरफ इशारा कर रही हैं। यह संभव है कि होटल पर फायरिंग सिर्फ एक धमकी या इलाके में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का एक तरीका था, जिसके बाद बड़े पैमाने पर गुरदासपुर में हत्याकांड को अंजाम दिया गया। पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या कुरुक्षेत्र की घटना का संबंध किसी और गैंग से था या यह सिर्फ कौशल चौधरी गैंग द्वारा अपनी ताकत दिखाने का एक तरीका था। जग्गू भगवानपुरिया का कुरुक्षेत्र जेल में रहना भी एक महत्वपूर्ण कड़ी हो सकता है, जिससे इस क्षेत्र में उनकी या उनके प्रतिद्वंद्वी गैंग की गतिविधियों का पता चल सके।

पुलिस के लिए नई चुनौती

यह मामला हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों की पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। दोनों घटनाओं के बीच तालमेल बिठाना और आरोपियों तक पहुंचना अब प्राथमिकता है। पुलिस की 7 टीमें पहले ही कुरुक्षेत्र में काम कर रही थीं, अब उन्हें गुरदासपुर मामले की जांच से भी समन्वय स्थापित करना होगा। अंतरराज्यीय गैंगवार के ऐसे मामलों में अक्सर जांच जटिल हो जाती है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि वे इन गैंगों की गतिविधियों पर अंकुश लगाएं और क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखें। इन घटनाओं ने आम जनता में भी चिंता पैदा कर दी है, खासकर नेशनल हाईवे पर हुई फायरिंग से। आने वाले दिनों में पुलिस की जांच से ही इस पूरे मामले की परतें खुलेंगी और पता चलेगा कि इन घटनाओं के पीछे असली मकसद क्या था और कौन-कौन से गैंग इसमें शामिल हैं।

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