नाबालिग बेटे ने पिता की हत्या की: करनाल में बुलेट न खरीदने और पढ़ाई करने को कहने पर हथौड़े से सिर पर किया हमला

राजमिस्त्री की हत्या के बाद विलाप करते परिवार के सदस्य।
हरियाणा के करनाल जिले में एक ऐसी वारदात सामने आई है, जिसने रिश्तों की मर्यादा को तार-तार कर दिया है। यहां एक नाबालिग बेटे ने सिर्फ इसलिए अपने पिता की जान ले ली, क्योंकि पिता ने उसकी बुलेट मोटरसाइकिल की मांग पूरी नहीं की थी और उसे पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहते थे। इस सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है।
सोते हुए पिता पर जानलेवा हमला
मृतक की पहचान गांव ऊंचा समाना निवासी सोनू के रूप में हुई है, जो पेशे से राजमिस्त्री थे। 7 मई की रात सोनू अपने पशुओं के बाड़े में चारपाई पर सो रहे थे। अगली सुबह, लगभग 6:30 बजे, उनका नाबालिग बेटा भैंसों का दूध निकालने के लिए बाड़े में गया। वहां उसने जो मंजर देखा, वह किसी बुरे सपने से कम नहीं था। उसके पिता खून से लथपथ हालत में चारपाई पर मृत पड़े थे। उनके सिर और चेहरे पर किसी भारी चीज से कई वार किए गए थे, जिससे जबड़ा भी बुरी तरह से टूट गया था।
आरोपी ने सुबह खुद मचाई चीख-पुकार, ग्रामीण हुए मौके पर जमा
बेटे की चीख-पुकार सुनकर आसपास के ग्रामीण तुरंत मौके पर जमा हो गए। मृतक सोनू की पत्नी और बेटे ने शुरुआती पूछताछ में पुलिस को बताया कि छह महीने पहले गांव चौरा के कुछ युवकों ने सोनू के साथ मारपीट की थी। इसके बाद, दो महीने पहले भी रास्ते में रोककर उन पर जानलेवा हमला किया गया था। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले तीन-चार दिनों से वही युवक उनके घर के आसपास घूमते हुए दिखाई दे रहे थे और 7 मई को भी उन्हें इलाके में देखा गया था। इस बारे में उन युवकों के घरवालों को भी सूचित किया गया था, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और अपनी जांच शुरू कर दी। परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर पुलिस ने उन संदिग्ध युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिन पर उन्होंने शक जताया था। हालांकि, लंबी पूछताछ के बाद भी पुलिस को ऐसा कोई ठोस सुराग नहीं मिला जिससे यह साबित हो सके कि हत्या उन्हीं युवकों ने की है। हिरासत में लिए गए लोगों ने भी हत्या में अपनी संलिप्तता से इनकार कर दिया।
सीसीटीवी फुटेज ने खोला राज
इसके बाद, पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए घर के आसपास और पूरे इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू कर दिया। पुलिस को फुटेज में मृतक के बेटे के अलावा कोई और संदिग्ध व्यक्ति नजर नहीं आया। यहां तक कि वे युवक भी सीसीटीवी में कहीं नहीं दिखे, जिन पर परिवार शक कर रहा था। इन तमाम सबूतों और परिस्थितियों को देखते हुए पुलिस का शक धीरे-धीरे मृतक के नाबालिग बेटे पर केंद्रित होने लगा। आखिरकार, 10 मई को पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और गहन पूछताछ शुरू कर दी।
बुलेट का जुनून बना हत्या का कारण
शुरुआत में नाबालिग पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करता रहा और अपने पिता की हत्या में किसी भी तरह की भूमिका से इनकार करता रहा। लेकिन, जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की और सबूतों को उसके सामने रखा, तो वह टूट गया। उसने कबूल कर लिया कि उसी ने अपने पिता सोनू की हत्या की है।
पूछताछ में नाबालिग बेटे ने बताया कि 7 मई की रात को वह पशुओं के बाड़े में गया था, जहां उसके पिता गहरी नींद में सो रहे थे। उसने वहां रखा एक हथौड़ा उठाया और सोते हुए अपने पिता के सिर पर जोरदार वार कर दिया। जब दर्द के कारण उसके पिता ने देखने के लिए करवट बदली कि उन पर क्या गिरा है, तो बेटे ने उनके मुंह पर भी हथौड़े से वार कर दिया। इसके बाद, वह गुस्से में बेतहाशा अपने पिता के सिर पर तब तक हथौड़ा मारता रहा, जब तक कि उनकी सांसें पूरी तरह से बंद नहीं हो गईं।
हत्या के बाद रची झूठी कहानी
अपने पिता की मौत सुनिश्चित करने के बाद, वह अंधेरे में ही वापस अपने घर चला गया और ऐसे सो गया जैसे कुछ हुआ ही न हो। अगली सुबह उसने खुद को बचाने के लिए एक पूरी साजिश रची। वह सबसे पहले पशुओं के बाड़े में पहुंचा और अपने पिता की लाश देखकर जोर-जोर से शोर मचाना शुरू कर दिया, ताकि लोगों को लगे कि किसी और ने हत्या की है। उसकी चीखें सुनकर आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंच गए। इसके बाद पुलिस और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस को गुमराह करने के लिए हत्यारे बेटे ने चौरा गांव के कुछ युवकों पर शक जताया, ताकि पुलिस का ध्यान उस ओर चला जाए और उस पर किसी को संदेह न हो।
फेल होने पर पिता ने उसे डांटा था
पुलिस ने जब नाबालिग बेटे से हत्या की वजह पूछी, तो उसने जो कारण बताया, वह और भी चौंकाने वाला था। बेटे ने बताया कि लगभग दो साल पहले, जब वह नौवीं कक्षा में पढ़ता था, उसने अपने पिता से एक बुलेट मोटरसाइकिल मांगी थी। उस समय पिता ने आर्थिक स्थिति ठीक न होने का हवाला देते हुए उसे बुलेट दिलाने से मना कर दिया था। इसके कुछ समय बाद जब नौवीं कक्षा का परिणाम आया और वह फेल हो गया, तो उसके पिता ने उसे बुरी तरह से डांटा था। पिता ने उसे बुलेट मोटरसाइकिल की मांग को लेकर भी ताना मारा था और कहा था कि जब पढ़ाई नहीं करता तो बुलेट बाइक क्यों चाहिए। इन बातों से बेटे के मन में अपने पिता के प्रति गहरी नफरत पैदा हो गई थी।
नशा और गलत संगत भी बनी कारण
परिवार के सदस्यों ने भी बताया कि बेटा गलत संगत में पड़ गया था और नशा करने लगा था। इसको लेकर भी उसके पिता उसे अक्सर डांटते थे। छह महीने पहले, बेटा किसी से तीन लाख रुपये ले आया था और उसने अपने पिता से कहा था कि इस पैसे से एक प्लाट खरीद लें। पिता ने बेटे की बात मानकर प्लाट खरीद लिया। लेकिन, जिस दोस्त से बेटा वह पैसा लाया था, उसने अब अपने पैसे वापस मांगने शुरू कर दिए थे। जब बेटे ने इस बारे में अपने पिता से बात की और उनसे पैसे मांगे, तो पिता ने कहा कि उन पैसों से तो प्लाट खरीद लिया गया है। बार-बार पिता से यही जवाब सुनकर बेटे को बहुत गुस्सा आ गया। इसी गुस्से और नफरत के कारण, जब उसे पशुओं के बाड़े में मौका मिला, तो उसने अपने पिता की हत्या कर दी।
राजमिस्त्री का काम करके परिवार का भरण-पोषण करते थे
मृतक सोनू अपने परिवार के लिए एक सहारा थे। वह राजमिस्त्री का काम करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। उनके तीन बच्चे थे, जिनमें दो बेटियां और एक बेटा शामिल है। कुछ महीने पहले ही उन्होंने अपनी एक बेटी की शादी की थी। सोनू ही परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे और उनकी इस निर्मम हत्या के बाद परिवार के सामने पालन-पोषण का भी गंभीर संकट खड़ा हो गया है।