विदेश भेजने के नाम पर 6 लाख ठगे: बेटी की मौत के बाद भी नहीं लौटाए पैसे, करनाल में सामने आया मामला

विदेश में बेहतर भविष्य की तलाश में जुटे लोगों को ठगने का एक और मामला सामने आया है। हरियाणा के करनाल के सीएचडी सिटी निवासी एक व्यक्ति को विदेश भेजने का झांसा देकर करीब छह लाख रुपये की ठगी कर ली गई। आरोपियों ने न तो पीड़ित को वीजा दिलवाया और न ही उसकी रकम वापस लौटाई। हद तो तब हो गई जब बेटी की बीमारी से मौत के बाद पीड़ित ने पैसे मांगे तो उसे झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दी गई। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इंस्टाग्राम से हुआ संपर्क, कनाडा का सपना दिखाया
सीएचडी सिटी निवासी नरेश पाल ने पुलिस अधीक्षक को दी अपनी शिकायत में बताया कि मार्च-अप्रैल 2024 में उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक विज्ञापन देखा। यह विज्ञापन सेक्टर-35 चंडीगढ़ स्थित फेदरटच ओवरसीज नामक कंपनी का था। कंपनी के प्रतिनिधियों ने नरेश पाल से संपर्क किया और उन्हें कनाडा में स्थायी निवास (पीआर) दिलवाने का भरोसा दिलाया। आरोपियों ने बार-बार कॉल करके नरेश पाल को अपने जाल में फंसा लिया।
किश्तों में दिए लाखों रुपये, खाली कागजों पर कराए हस्ताक्षर
नरेश पाल ने बताया कि उन्होंने 11 जून 2024 को अपनी बेटी राशि के दस्तावेज आरोपियों को भेजे। विश्वास में आकर उन्होंने सैनिक स्कूल कुंजपुरा के पास कंपनी के प्रतिनिधियों को 5.50 लाख रुपये नकद और कुछ जरूरी दस्तावेज सौंप दिए। इसके बाद, उन्होंने 1.56 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए। इस दौरान धोखेबाज प्रतिनिधियों ने उनसे कुछ खाली कागजों पर भी हस्ताक्षर करवा लिए।
बेटी की मौत के बाद भी नहीं पसीजा दिल, दी धमकी
पीड़ित नरेश पाल के लिए दुख का पहाड़ तब टूटा जब नवंबर 2024 में उनकी बेटी राशि की बीमारी के चलते मौत हो गई। बेटी की मौत के बाद नरेश पाल ने कंपनी से अपनी दी हुई रकम वापस लौटाने की गुहार लगाई। आरोपियों ने बड़ी मुश्किल से केवल 1.11 लाख रुपये ही वापस किए। बाकी रकम लौटाने में वे लगातार टालमटोल करते रहे और जब नरेश पाल ने ज्यादा दबाव बनाया तो उसे झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दी गई।
अब इंसाफ की उम्मीद में नरेश पाल ने पुलिस का दरवाजा खटखटाया है। पुलिस ने उनकी शिकायत पर फेदरटच ओवरसीज कंपनी के तीन अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। यह घटना विदेश जाने के इच्छुक लोगों के लिए एक सबक है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति या कंपनी के झांसे में आसानी से न आएं और पूरी तरह से जांच-पड़ताल करने के बाद ही कोई वित्तीय लेनदेन करें।