नाबालिग जोड़े की शादी रुकवाई: जींद में टीम ने खुलवाई उम्र की पोल, 13 साल की दुल्हन और 18 साल का दूल्हा मिला

जींद के खरक गादियां गांव पहुंची बाल विवाह निषेध टीम।
जींद जिले के खरक गादियां गांव में बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय की टीम ने एक नाबालिग जोड़े की शादी को ऐन मौके पर रुकवा दिया। सोनीपत जिले के नियात गांव से आई बारात दुल्हन के दरवाजे पर पहुंच चुकी थी, लेकिन टीम ने दूल्हे के कागजात की जांच की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। दूल्हे की उम्र महज 18 वर्ष और दुल्हन बनी लड़की की उम्र केवल 13 वर्ष निकली।
सूचना पर त्वरित कार्रवाई
जिला विवाह निषेध अधिकारी सुनीता को गुप्त सूचना मिली थी कि खरक गादियां गांव में दो नाबालिग बच्चों का विवाह कराया जा रहा है और बारात सोनीपत जिले के नियात गांव से आई है। सूचना मिलते ही टीम तुरंत हरकत में आई। रवि लोहान, सिपाही अनूप, दीपक, महिला सिपाही सुशीला और पिल्लूखेड़ा पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंची।
बारात दरवाजे पर, चल रही थी तैयारी
जब टीम गांव खरक गादियां पहुंची तो शादी की तैयारियां जोरों पर थीं और बारात दुल्हन के घर के दरवाजे पर दस्तक दे चुकी थी। माहौल देखकर टीम को अंदाजा हो गया कि यदि तत्काल हस्तक्षेप न किया गया तो बाल विवाह संपन्न हो जाएगा।
कागजात मांगे तो टालमटोल
टीम ने बारात लेकर आए दूल्हे के परिवार वालों से लड़के के जन्म से संबंधित दस्तावेज पेश करने को कहा। इस पर दूल्हे के परिजनों ने पहले तो आनाकानी करने की कोशिश की और दूल्हे के बालिग होने का दावा किया। उन्होंने मामले को टालने का प्रयास किया, लेकिन टीम अपनी बात पर अड़ी रही।
ग्रामीणों के सामने खुली सच्चाई
जब मौके पर गांव के अन्य सम्मानित व्यक्तियों को बुलाया गया और दबाव बनाया गया, तो लगभग तीन घंटे के बाद दूल्हे के परिजनों ने कुछ सबूत पेश किए। इन दस्तावेजों की जांच करने पर सच्चाई सामने आ गई। दस्तावेजों के अनुसार, दूल्हे की उम्र मात्र 18 वर्ष पाई गई, जबकि उससे शादी करने वाली दुल्हन की उम्र सिर्फ 13 वर्ष निकली।
दुल्हन के पिता ने बताई मजबूरी
इस खुलासे के बाद दुल्हन के परिजनों ने अपनी मजबूरी बताई। उन्होंने कहा कि लड़की की माता का निधन हो चुका है और वह अपने पिता के साथ मुंबई में रहती है। उन्हें बाल विवाह से संबंधित कानूनों की कोई जानकारी नहीं है। उनकी इस बात से टीम को उनकी अनभिज्ञता का अंदाजा हुआ।
कानून समझाया, विवाह रुकवाया
टीम ने दुल्हन और दूल्हे के परिजनों को विस्तार से समझाया कि कानून के अनुसार लड़के और लड़की दोनों ही नाबालिग हैं और उनका विवाह करना गैरकानूनी है। टीम ने उन्हें समझाया कि दोनों के बालिग होने तक उन्हें इंतजार करना चाहिए ताकि भविष्य में कोई कानूनी अड़चन न आए। टीम की समझाइश के बाद दोनों पक्षों के परिजन शादी को रोकने के लिए राजी हो गए।
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
बाल विवाह निषेध अधिकारी टीम ने दोनों परिवारों को भविष्य में इस प्रकार का कृत्य न करने की सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि दोबारा बाल विवाह कराने का प्रयास किया गया तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। टीम ने नाबालिग बच्चों की शिक्षा और भविष्य पर ध्यान देने की सलाह दी। इस प्रकार, टीम की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई से एक और बाल विवाह होने से बच गया। यह घटना बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ प्रशासन की सक्रियता और संवेदनशीलता को दर्शाती है।