No Turkish Apples: हरियाणा की मंडियों में दुश्मन देश तुर्किये के फल का बहिष्कार

भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के दौरान तुर्किये की ओर से पाकिस्तान को खुलकर समर्थन देने का असर अब व्यापारिक रिश्तों पर भी दिखने लगा है। हरियाणा प्रदेश की सब्जी मंडी एसोसिएशन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य की सभी सब्जी मंडियों में तुर्किये से आयातित सेब की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आह्वान किया है। एसोसिएशन का यह कदम तुर्किये के प्रति विरोध और देश के प्रति समर्थन को दर्शाता है।
व्यापार से पहले देश
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान को तुर्किये का प्रत्यक्ष समर्थन, जिसमें कथित तौर पर युद्ध सामग्री की आपूर्ति भी शामिल है, अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि देशहित सर्वोपरि है और ऐसे देशों के उत्पादों का बहिष्कार करना आवश्यक है जो भारत के खिलाफ खड़े होते हैं। प्रदेश की सब्जी मंडियों में हर साल करोड़ों रुपये के सेब का कारोबार होता है, और तुर्किये के सेब भी यहां बड़ी मात्रा में बिकते हैं। लेकिन अब व्यापारियों ने एकजुट होकर तुर्किये के सेब की बिक्री बंद करने का निर्णय लिया है।
सिर्फ भारतीय सेब को बढ़ावा
एसोसिएशन ने प्रदेशभर के सभी सब्जी मंडी व्यापारियों से अपील की है कि वे अब सिर्फ भारत में उगाए गए सेब ही बेचें। इसका सीधा मतलब है कि अब मंडियों में कश्मीरी और हिमाचली सेबों को प्राथमिकता दी जाएगी। एसोसिएशन की ओर से यह आह्वान किसी औपचारिक बैठक के बिना ही किया गया है, जिससे व्यापारियों के बीच इस मुद्दे पर सहमति और गुस्से का अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि, एसोसिएशन ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्तमान में सेब के अलावा तुर्किये से कोई अन्य फल हरियाणा की मंडियों में आयात नहीं किया जाता है।
संदेश के माध्यम से किया गया आह्वान
ऑल हरियाणा सब्जी मंडी एसोसिएशन के प्रदेश सचिव हरीश धमीजा ने इस फैसले के पीछे की भावना को स्पष्ट करते हुए कहा कि जब तुर्किये में विनाशकारी भूकंप आया था, तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे बढ़कर उनकी सहायता की थी। लेकिन इसके विपरीत, भारत पर हुए आतंकी हमलों और भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद तुर्किये ने पाकिस्तान का साथ दिया। यहां तक कि भारत पर गिराए गए कुछ ड्रोन भी तुर्किये निर्मित बताए गए। ऐसे में, प्रदेशभर के सब्जी मंडी व्यापारियों के लिए तुर्किये के सेब की बिक्री बंद करने का आह्वान करना स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी।
श्रीनगर बनेगा सेब का आपूर्तिकर्ता
ऑल हरियाणा सब्जी मंडी एसोसिएशन के प्रधान राज कक्कड़ ने सब्जी मंडी के सभी आढ़तियों से आग्रह किया है कि वे अब तुर्किये के सेब की खरीद न करें। इसके बजाय, उन्होंने भारत के जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर से सीधे सेब खरीदने की अपील की है। कक्कड़ ने बताया कि श्रीनगर में पर्याप्त संख्या में कोल्ड स्टोरेज मौजूद हैं, जो पूरे भारत में उच्च गुणवत्ता वाले सेब की आपूर्ति आसानी से कर सकते हैं। इस पहल से न केवल तुर्किये के सेब का बहिष्कार होगा, बल्कि स्थानीय कश्मीरी किसानों को भी एक बड़ा बाजार मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
प्रदेश की 40 मंडियों में होता है कारोबार
एसोसिएशन के प्रदेश सचिव हरीश धमीजा ने यह भी जानकारी दी कि हरियाणा प्रदेश की लगभग 40 सब्जी मंडियों में तुर्किये के सेब की बिक्री होती है। इनमें 10 बड़ी मंडियां भी शामिल हैं। धमीजा के अनुसार, बड़ी मंडियों में प्रतिदिन लगभग 10 क्विंटल और छोटी मंडियों में लगभग पांच क्विंटल तुर्किये का सेब बिकता है। यह सेब पहले समुद्री मार्ग से मुंबई और फिर सड़क मार्ग से दिल्ली पहुंचता है, जिसके बाद इसे हरियाणा की विभिन्न सब्जी मंडियों में वितरित किया जाता है। अब इस आपूर्ति श्रृंखला पर पूरी तरह से विराम लग जाएगा।
हरियाणा के सब्जी मंडी व्यापारियों का यह कदम न केवल एक व्यापारिक निर्णय है, बल्कि यह देश के प्रति उनकी एकजुटता और विरोध का एक शक्तिशाली प्रतीक भी है। उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया है कि राष्ट्रीय हित उनके लिए सर्वोपरि है और वे ऐसे किसी भी देश का समर्थन नहीं करेंगे जो भारत के खिलाफ खड़ा होता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस फैसले का तुर्किये के साथ व्यापारिक संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या अन्य राज्यों के व्यापारी भी इसी तरह का रुख अपनाते हैं।