बहादुरगढ़ नागरिक अस्पताल में हंगामा: गर्भवती महिला को इलाज की जगह अस्पताल में कटवाए चक्कर, गर्भ में बच्चे की मौत

गर्भवती महिला को इलाज की जगह अस्पताल में कटवाए चक्कर, गर्भ में बच्चे की मौत
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बहादुरगढ़ का नागरिक अस्पताल। फाइल फोटो

हरियाणा के बहादुरगढ़ नागरिक अस्पताल में लापरवाही का बड़ा आरोप लगा है। इलाज के लिए आई गर्भवती महिला को घंटों अस्पताल में चक्कर कटवाए गए, जिससे गर्भ में बच्चे की मौत हो गई।

बहादुरगढ़ नागरिक अस्पताल में हंगामा : बहादुरगढ़ शहर के नागरिक अस्पताल में डिलीवरी के लिए आई एक महिला के गर्भ में ही शिशु की मौत हो गई। इससे आहत परिजनों ने अस्पताल के लेबर रूम में हंगामा कर दिया। परिजनों ने डॉक्टरों और स्टाफ पर इलाज में लापरवाही के आरोप लगाए। साथ ही अस्पताल के उच्चाधिकारियों तथा पुलिस को शिकायत दे दी। हंगामा शांत होने के बाद महिला को पीजीआई रोहतक रेफर किया गया है।

बुधवार शाम को वापस घर भेजा, वीरवार को चक्कर कटवाए

अस्पताल में मौजूद टीकरी गांव निवासी विजय कुमार ने बताया कि मेरे छोटे भाई अजय की पत्नी सोनिया गर्भवती थी और उसे बुधवार शाम को डिलीवरी के लिए सिविल अस्पताल में लेकर आए थे। डॉक्टरों ने जांच करके घर भेज दिया कि अभी डिलीवरी नहीं होगी। वीरवार सुबह लेबर पेन हुआ तो वे सोनिया को लेकर फिर अस्पताल में पहुंचे। यहां पर लेबर रूम से ओपीडी में उसे भेज दिया। ओपीडी में काफी देर बाद नंबर आया तो अल्ट्रासाउंड कराने को बोला गया। अल्ट्रासाउंड में जांच के बाद पता चला कि पेट में जो बच्चा है, उसकी धड़कन नहीं है। बच्चे की मौत हो चुकी है।

न तो समय पर एंबुलेंस बुलाई और न ही व्हीलचेयर

विजय कुमार का आरोप है कि अगर अस्पताल के डॉक्टर समय पर डिलीवरी करा देते तो बच्चे की जान बचाई जा सकती थी, लेकिन उसे कभी ओपीडी तो कभी लेबर रूम में भेजा गया। इससे बच्चे की मौत गर्भ में ही हो गई, क्योंकि बुधवार रात को जब जांच की गई थी तो बच्चा ठीक बताया गया था। परिजनों का आरोप है कि न तो समय पर एंबुलेंस बुलाई गई और न ही व्हील चेयर का प्रबंध किया गया। हंगामा होने के बाद अस्पताल स्टाफ हरकत में आया और फिर तुरंत एंबुलेंस और व्हील चेयर की व्यवस्था की। इसी के बाद सोनिया को पीजीआई रोहतक भेजा गया, जहां पर आगामी इलाज किया जा रहा है। परिजनों ने इसकी जांच कराने तथा दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस को भी शिकायत दी गई है।

अल्ट्रासाउंड में बच्चे की मौत की पुष्टि हुई : पीएमओ

नागरिक अस्पताल के कार्यकारी पीएमओ डॉ. विनय देशवाल ने बताया कि महिला डिलीवरी के लिए आई थी। अल्ट्रासाउंड किया तो पता चला कि उसके पेट में पल रहे बच्चे की मौत हो चुकी है। इस पर परिजनों ने हंगामा कर दिया। हमने उनको समझाकर शांत किया है और महिला को पीजीआई रोहतक भेज दिया है। पीजीआई से जो रिपोर्ट आएगी, उसी आधार पर अब इस मामले में जांच होगी।

शिकायत आने पर करेंगे कानूनी कार्रवाई : जांच अधिकारी

सिटी थाना से जांच अधिकारी सुखबीर ने बताया कि वीरवार दोपहर को डायल 112 पर कॉल आई थी। पुलिस मौके पर पहुंची थी। गर्भवती महिला के पेट में ही बच्चा मर गया था। परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही के कारण बच्चे की पेट में ही मौत हो गई है। इसकी जांच स्वास्थ्य विभाग करेगा। अगर कोई कानूनी कार्रवाई को लेकर शिकायत आई तो नियमानुसार कदम उठाएंगे।

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