लव स्टोरी का अंत: बैडमिंटन कोर्ट से शुरू हुआ था हिसार की बेटी साइना और पारुपल्ली कश्यप का रिश्ता, जानें पूरा सफर

साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप।
भारत के बैडमिंटन कोर्ट से शुरू हुई एक चर्चित प्रेम कहानी अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। देश की सबसे प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक साइना नेहवाल ने अपने पति और साथी खिलाड़ी पारुपल्ली कश्यप से अलग होने का फैसला कर लिया है। यह खबर उनके प्रशंसकों के लिए जरूर चौंकाने वाली है, क्योंकि बैडमिंटन के मैदान पर साथ-साथ आगे बढ़ते हुए उनके रिश्ते को काफी लोगों ने पसंद किया था। यह कहानी सिर्फ खेल की नहीं, बल्कि दो खिलाड़ियों के बीच पनपे गहरे रिश्ते की थी, जिसने अब एक नया मोड़ ले लिया है।
ट्रेनिंग कोर्ट से वैवाहिक जीवन तक का सफर और अब अलगाव
साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप की प्रेम कहानी हैदराबाद स्थित पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी में शुरू हुई थी। दोनों ही दिग्गज कोच गोपीचंद के मार्गदर्शन में अपने खेल को निखार रहे थे। बैडमिंटन के कोर्ट पर साथ-साथ अभ्यास करते हुए एक दूसरे के खेल को समझते-समझते उनकी दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। उन्होंने लंबे समय तक अपने रिश्ते को लोगों की नजरों से दूर रखा और 2018 में प्रेम विवाह करने का फैसला किया। उनकी शादी तक, इस रिश्ते के बारे में बहुत कम लोगों को ही जानकारी थी, जिसने उनके प्रशंसकों को सुखद आश्चर्य दिया था। अब, शादी के सात साल बाद साइना ने पारुपल्ली कश्यप से शादी के बंधन से अलग होने का फैसला किया है।
हरियाणा और HAU से साइना का गहरा जुड़ाव
साइना नेहवाल का जन्म हरियाणा के हिसार में हुआ था, जो उनके जीवन की शुरुआती कहानी का एक अभिन्न हिस्सा है। उनके पिता हरवीर सिंह नेहवाल उस समय हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय (HAU) में साइंटिस्ट के पद पर कार्यरत थे। साइना की शुरुआती शिक्षा भी HAU के कैंपस स्कूल से ही हुई, जहां उन्होंने अपने बचपन के कई साल बिताए। बाद में उनके पिता का ट्रांसफर हैदराबाद हो गया, जहां साइना ने बैडमिंटन में अपने करियर को ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
हालांकि, HAU से साइना का जुड़ाव हमेशा बना रहा। उनकी remarkable उपलब्धियों को सम्मान देते हुए HAU ने उनके नाम पर एक विशेष संस्थान - साइना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान - खोला है। यह संस्थान किसानों, महिलाओं और ग्रामीण युवाओं को कृषि और संबंधित क्षेत्रों में प्रशिक्षण देता है, जो साइना के अपने गृह राज्य और समाज के प्रति गहरे लगाव को दर्शाता है। यह संस्थान उनके नाम और उनकी सफलताओं को हिसार की मिट्टी से जोड़कर रखता है।
साइना की उपलब्धियां
साइना नेहवाल भारत की उन चुनिंदा एथलीटों में से हैं जिन्होंने भारतीय खेल के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज कराया है। उनकी उपलब्धियां न केवल प्रेरणादायक हैं, बल्कि उन्होंने भारतीय बैडमिंटन को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दी है।
• ओलंपिक पदक : साइना ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। उन्होंने लंदन ओलंपिक 2012 में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था, जो भारतीय खेल इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए हरियाणा सरकार ने उन्हें 1 करोड़ रुपये और एक ऑडी कार से सम्मानित किया था, साथ ही एक बैडमिंटन एकेडमी खोलने के लिए जमीन देने की भी घोषणा की थी।
• विश्व नंबर-1 रैंकिंग : 2015 में, साइना महिला एकल रैंकिंग में विश्व नंबर-1 खिलाड़ी बनीं। वह बैडमिंटन में यह शीर्ष रैंक हासिल करने वाली एकमात्र भारतीय महिला खिलाड़ी हैं, जो उनके असाधारण कौशल, निरंतरता और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
• ओलंपिक में प्रतिनिधित्व : साइना ने कुल 3 ओलंपिक खेलों (2008, 2012, 2016) में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, जो शीर्ष स्तर पर उनके निरंतर प्रदर्शन की क्षमता को दर्शाता है।
• कॉमनवेल्थ गेम्स : उन्होंने 2010 और 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है, जिससे उनकी बहुमुखी प्रतिभा साबित होती है।
• BWF विश्व जूनियर चैंपियनशिप : 2008 में साइना ने बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) विश्व जूनियर चैंपियनशिप जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरीं। उसी साल उन्होंने पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लिया और ओलंपिक क्वार्टर-फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, जहाँ उन्होंने हांगकांग की तत्कालीन विश्व नंबर-5 खिलाड़ी वांग चेन को हराया।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान
साइना नेहवाल को उनकी असाधारण खेल उपलब्धियों के लिए भारत सरकार और अन्य प्रतिष्ठित संगठनों द्वारा कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है:
• अर्जुन अवॉर्ड : 2009 में उन्हें भारत के प्रतिष्ठित अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
• राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार : 2010 में, उन्हें भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार) से नवाजा गया।
साइना नेहवाल का करियर न केवल सफलताओं से भरा रहा है, बल्कि उन्होंने लाखों युवाओं, विशेषकर लड़कियों को बैडमिंटन खेलने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया है। उनके व्यक्तिगत जीवन का यह नया अध्याय उनके लिए शांति, विकास और भविष्य की नई संभावनाओं को लेकर आए, यही कामना है।