फरीदाबाद में रोडवेज की हड़ताल: प्राइवेट बस ड्राइवर ने की मारपीट, विरोध में चक्का जाम, यात्री सेवा ठप

बल्लभगढ़ बस डिपो के अंदर धरने पर बैठे रोडवेज कर्मचारी।
हरियाणा के फरीदाबाद जिले में रविवार सुबह बल्लभगढ़ बस डिपो में उस समय बड़ा हंगामा हो गया, जब एक निजी बस संचालक ने हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर और कंडक्टर से मारपीट की और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इस घटना के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों ने तुरंत एकजुट होकर बस डिपो पर चक्का जाम कर दिया और सड़क पर बसें खड़ी कर धरने पर बैठ गए। इस अचानक हुई हड़ताल से बस सेवा पूरी तरह ठप हो गई, जिसके कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई यात्री अपनी यात्रा रद्द कर वापस लौटते नजर आए।
सवारियां बैठाने पर शुरू हुआ विवाद
रोडवेज बस के ड्राइवर हेमंत ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि सुबह करीब 7 बजे वे मथुरा, अलीगढ़ और आगरा रूट के लिए यात्रियों को अपनी बस में बैठा रहे थे। तभी एक निजी बस अचानक आकर उनकी बस के ठीक सामने खड़ी हो गई। निजी बस संचालक ने रोडवेज की बस में बैठे यात्रियों को जबरन उतारकर अपनी बस में बैठने को कहा।
जब ड्राइवर हेमंत ने इस अनुचित व्यवहार का विरोध किया, तो निजी बस संचालक ने उनके साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी। इसी बीच जब कंडक्टर ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो उसके साथ भी बदसलूकी और हाथापाई की गई। हेमंत ने यह भी आरोप लगाया कि मारपीट करने वाला बस चालक बिना परमिट के बस चला रहा था। उन्होंने बताया कि इस तरह की घटनाएं पहले भी कई बार हो चुकी हैं, लेकिन रोडवेज प्रशासन ने कभी भी इन पर सख्त कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण ऐसे ऑपरेटरों के हौसले बुलंद हैं।
पुलिस ने खुलवाया जाम
इस मारपीट की खबर तेजी से बस डिपो के अन्य ड्राइवरों और कर्मचारियों तक पहुंची। घटना की जानकारी मिलते ही सभी रोडवेज कर्मचारी तुरंत एकजुट हो गए और उन्होंने डिपो के अंदर और बाहर जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ बसों को सड़क पर खड़ा कर दिया गया, जिससे यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने कर्मचारियों को समझा-बुझाकर सड़क से बसें हटवाकर यातायात सुचारू करवाया। हालांकि, रोडवेज कर्मचारी अपनी मांगों पर धरने पर अड़े रहे और उन्होंने अपनी हड़ताल जारी रखी।
कार्रवाई न होने पर अन्य डिपो भी होंगे बंद
कर्मचारी यूनियन के प्रधान रविंद्र नागर ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक मारपीट करने वाले निजी बस संचालक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक रोडवेज की कोई भी बस डिपो से बाहर नहीं जाएगी। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं और आरोपी पर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह हड़ताल सिर्फ बल्लभगढ़ तक सीमित नहीं रहेगी। उन्होंने फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम और हरियाणा के अन्य जिलों के बस डिपो को भी बंद करने की धमकी दी, जिससे प्रदेशभर में बस सेवाएं ठप हो सकती हैं।
यात्री परेशान, वैकल्पिक साधनों का सहारा
इस हड़ताल का सीधा और सबसे बुरा असर आम यात्रियों पर पड़ा। सुबह से ही बस डिपो पर अपनी बसों का इंतजार कर रहे सैकड़ों यात्री बिना यात्रा किए ही लौटते दिखाई दिए। कई यात्रियों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि वे एक घंटे से भी ज्यादा समय से बस का इंतजार कर रहे थे, लेकिन कोई बस नहीं मिली। उन्हें अब अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए निजी साधनों जैसे कैब या ऑटो, या फिर ट्रेन का सहारा लेना पड़ेगा। यात्रियों ने रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल को तो जायज ठहराया, लेकिन प्रशासन से जल्द से जल्द समस्या का समाधान करने और बस सेवाओं को बहाल करने की अपील की ताकि उन्हें और अधिक परेशानी न हो।