दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे: फरीदाबाद में सिंचाई और NHAI की जमीन से हटेगा कब्जा, 145 ढांचे ध्वस्त होंगे

Illegal constructions
X

फरीदाबाद में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के किनारे बना शोरूम। 

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और सिंचाई विभाग 8 से 18 जुलाई तक संयुक्त रूप से यह अभियान चलाएंगे। इसके लिए तीन ड्यूटी मजिस्ट्रेट और पुलिस बल तैनात किए गए हैं। पहले भी इन निर्माणों को तोड़ने की कोशिश हुई थी, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण यह टल गया था।

हरियाणा के फरीदाबाद में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के किनारे बने 145 अवैध निर्माणों पर अब बुलडोजर चलेगा। इन निर्माणों में ज्यादातर होटल और शोरूम शामिल हैं, जिन्होंने सिंचाई विभाग और एक्सप्रेसवे की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। प्रशासन ने मालिकों को 8 जुलाई तक सामान हटाने का समय दिया है, 8 से 18 जुलाई के बीच हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) और सिंचाई विभाग संयुक्त रूप से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाएंगे।

सिंचाई विभाग और एक्सप्रेसवे की जमीन पर कब्जा

यह अवैध निर्माण दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे किनारे बीपीटीपी पुल से सेक्टर-8 सर्वोदय चौराहे तक फैले हैं, हालांकि रकबा बड़ौली गांव के अंतर्गत आता है लेकिन लोगों ने सिंचाई विभाग व एक्सप्रेसवे की जमीन पर अवैध रूप से ढांचे खड़े हैं। इन कब्जों को हटाने के लिए उच्च अधिकारियों से स्वीकृति मिल चुकी है। प्रशासन ने इस अभियान की तैयारी कर ली है, जिसमें तीन ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त हैं। मौके पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने को पर्याप्त पुलिस बल भी रिजर्व रखे हैं।

8 जुलाई से शुरू होगा अभियान

तय कार्यक्रम के अनुसार 8 जुलाई से इन अवैध निर्माणों को गिराने का काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए दोनों विभागों की टीमें मिलकर काम करेंगी। प्रशासन ने साफ निर्देश दिए हैं कि सभी निर्माणकर्ता 8 जुलाई तक अपने मकान, दुकान और शोरूम से अपना सामान बाहर निकाल लें। मुनादी कराकर भी इस संबंध में लगातार चेतावनी दी जा रही है। प्रशासन किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है और इस अभियान को तय समय-सीमा में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

पहले रुक गया था काम

यह कोई पहली बार नहीं है जब इन अवैध निर्माणों को तोड़ने की तैयारी की गई हो। दरअसल, जब दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा था, तब इसके रूट एलाइनमेंट में यही निर्माण एक बड़ी बाधा बन गए थे। उस समय हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्रशासक प्रदीप दहिया ने इन सभी निर्माणों को तोड़ने की पूरी तैयारी कर ली थी। सूत्रों का कहना है कि रातोंरात उनका तबादला करा दिया गया और इसके बाद कार्रवाई की गति धीमी पड़ गई। बताया जाता है कि तब बड़ौली के लोग उपरोक्त मामले को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के पास गए थे, जिसके बाद तब कार्रवाई रुकी थी।

अवैध निर्माण बचाने को बनाया था एलिवेटेड पुल

अवैध निर्माणों को न तोड़ने के लिए एक्सप्रेसवे की अलाइनमेंट में ही बदलाव कर दिया गया था। सेक्टर-17 के पुल से लेकर सर्वोदय चौक तक एलिवेटेड पुल बना दिया गया ताकि इन अवैध निर्माणों को छुआ न जा सके। इस बदलाव के लिए सेक्टरों की ग्रीनबेल्ट को उजाड़ दिया गया और हजारों पेड़ों की बलि दे दी गई। एनआईटी के पूर्व विधायक नीरज शर्मा ने इस मामले को विधानसभा में भी प्रमुखता से उठाया था, लेकिन 'वोट की राजनीति' के चलते कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी थी। आज भी ये अवैध रूप से बने हुए शोरूम और दुकानें लाखों रुपये का किराया दे रही हैं, जिससे भू-माफिया और अवैध कब्जा करने वालों को फायदा हो रहा है।

145 अवैध निर्माण चिन्हित

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सर्वे एसडीओ राजपाल ने पुष्टि की है कि एक्सप्रेसवे किनारे बने सभी 145 अवैध निर्माणों को चिन्हित कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इन सभी ढांचों को ध्वस्त किया जाएगा। प्रशासन ने मुनादी कराकर सभी निर्माणकर्ताओं को चेतावनी दी है कि वे अपना सामान निकालकर ले जाएं, अन्यथा तोड़फोड़ के दौरान नुकसान की जिम्मेदारी खुद की होगी।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story