दिल्ली ब्लास्ट केस: फरीदाबाद में पुलिस का बड़ा सर्च ऑपरेशन, अल-फलाह यूनिवर्सिटी के आसपास मस्जिद और गोदाम खंगाले

दिल्ली ब्लास्ट केस में फरीदाबाद में पुलिस ने बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया है। (फाइल फोटो)
दिल्ली में 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कार्रवाई के मद्देनजर फरीदाबाद पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमों ने मिलकर जिले में एक बड़ा और अचानक सर्च अभियान चलाया। इस अभियान का मुख्य केंद्र धौज गांव रहा, जहां मस्जिद, दुकानों, होटलों, घरों और गोदामों तक की गहनता से जांच की गई। पुलिस की अचानक छापेमारी से पूरे इलाके के लोगों में हड़कंप मच गया। यह कार्रवाई उन आतंकी तारों को काटने के लिए की जा रही है, जो फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े थे।
धौज गांव में NIA को मिले थे विस्फोटक उपकरण
जांच में यह बात पहले ही सामने आ चुकी है कि फरीदाबाद का धौज गांव आतंकी मॉड्यूल के लिए एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था। NIA की टीम ने इसी गांव के एक मकान पर छापा मारकर यूरिया को पीसने वाली इलेक्ट्रॉनिक चक्की और अमोनिया नाइट्रेट को रिफाइन करके अलग करने वाली एक विशेष इलेक्ट्रॉनिक मशीन बरामद की थी। बताया गया था कि गिरफ्तार किए गए आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल और आत्मघाती हमलावर उमर इसी मशीन का उपयोग करके खाद को पीसकर विस्फोटक का 'रॉ मटीरियल' तैयार करते थे। इस बरामदगी के बाद से ही धौज गांव पुलिस के रडार पर है।
आतंकी नेटवर्क से सीधे जुड़े थे ये लोग
जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी के तार सीधे आतंकी नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। इस मामले में यूनिवर्सिटी से डॉ. मुजम्मिल, डॉ. शाहीन, लैब टेक्नीशियन बाशिद और वार्ड बॉय शोएब को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इनके अलावा धौज गांव से मोबाइल की दुकान चलाने वाला साबिर, फतेहपुर तगा की मस्जिद के इमाम इश्तियाक, सिरोही गांव से इमाम इमामुद्दीन और धौज से टैक्सी ड्राइवर सब्बीर को भी हिरासत में लिया गया है। ये सभी लोग किसी न किसी तरीके से आतंकी डॉक्टरों के संपर्क में थे और उनकी मदद कर रहे थे।
पुलिस ने खंगाले मकान, होटल और कबाड़ के गोदाम
शनिवार की सुबह करीब 9 बजे क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस की टीमें अचानक धौज गांव पहुंचीं और संयुक्त रूप से सर्च अभियान शुरू किया। पुलिस ने सबसे पहले बाजार में बने कबाड़ के गोदामों की चैकिंग शुरू की, जहां से संदिग्ध सामान मिलने की संभावना थी।
गोदामों की जांच के बाद पुलिस ने बाजार की दुकानों और होटलों को भी खंगाला। इसके बाद गांव में मस्जिद के पास बने घरों की भी सघनता से जांच की गई। हालांकि, पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि जांच के दौरान किसी प्रकार की कोई संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई। यह अभियान मुख्य रूप से आतंकियों के स्लीपर सपोर्ट नेटवर्क और उनके सहयोगियों की तलाश के लिए चलाया गया था।
पुलिस कार्रवाई से लोगों में हड़कंप
पुलिस की अचानक और बड़े पैमाने पर हुई इस छापेमारी से धौज गांव के लोगों में हड़कंप और भय का माहौल बन गया। स्थानीय पुलिस ने लोगों के कागजात भी चेक किए और कई लोगों से पूछताछ की गई।
पुलिस प्रवक्ता ने पुष्टि की कि यह संयुक्त सर्च अभियान दिल्ली ब्लास्ट की जांच का हिस्सा है और यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि आतंकी मॉड्यूल से जुड़े सभी लिंक्स को तोड़ा जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह के सर्च ऑपरेशन आगे भी जारी रहेंगे ताकि जिले में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत रोक लगाई जा सके।
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