Faridabad News: यमुना नदी में बाढ़ से होने वाले कटाव को रोकने के लिए बनाई गई दीवार

Retaining walls in faridabad
Faridabad News: मानसून आने के बाद यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से उसके किनारे बसे गांवों और खेती वाली जमीन के लिए बड़ी मुसीबत पैदा हो जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए अब सिंचाई विभाग ने लतीपुर गांव की जमीन पर स्टड्स यानि दीवार बनाने का फैसला किया है। इस काम को करीब दो महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है। इस दीवार को बनाने की लागत करीब सवा दो करोड़ रुपए आने का अनुमान है।
मानसूनी सीजन में लगातार बरसात से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ जाता है, जिससे यमुना के किनारे बसे कई गांवों में बाढ़ की स्थिति बन जाती है। यह पानी खेती वाली जमीन को भी प्रभावित करता है और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन की ओर से गांववासियों को अस्थायी रूप से सुरक्षित जगहों पर भेज दिया जाता है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में गांव की इस समस्या को देखते हुए यमुना के बांधों को काफी मजबूत किया गया है। जिससे इसमें राहत मिली है, लेकिन कुछ गांवों में यह समस्या अभी भी बनी हुई है।
इसको ध्यान में रखते हुए सिंचाई विभाग ने इन गांवों में स्टड्स बनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह दीवारें, बाढ़ से कटाव को रोकने के लिए समुद्र तट के समानांतर या ऊर्ध्वाधर बनाई जाती हैं इन दीवारों को "सीवॉल" या "समुद्री दीवार" भी कहा जाता है। ये दीवारें बहुत ठोस और ढाल वाली होती हैं, जिससे यह पानी और उसकी लहरों की वजह से होने वाले कटाव और बाढ़ से आसपास के क्षेत्रों को बचा लेती हैं।
ये दीवारें कंक्रीट, पत्थर, या अन्य मजबूत सामग्रियों से बनाई जाती हैं। इन दीवारों की ऊंचाई बाढ़ के स्तर और संभावित खतरों के आधार पर रखी जाती है।
इन दीवारों को झीलों, नदियों या समुद्र जैसे जल निकायों का सामना करने वाले घरों या व्यवसायों को बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाया जाता है। ऐसी कई दीवारें (जल प्रतिधारण दीवारें, समुद्री दीवारें) विशिष्ट बाढ़ जैसी स्थितियों से बचाने के लिए बनाई जाती हैं।