CRID Report: हरियाणा में 50 हजार से ज्यादा परिवार नहीं कमा रहे एक भी पैसा, सीएम सैनी ने दिए जांच के आदेश

सीएम नायब सिंह सैनी।
CRID Report: हरियाणा सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए कईं कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हुई हैं। इन योजनाओं का लाभ लाने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से परिवार पहचान पत्र (family ID) जरूरी है। आईडी के आधार पर ही जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ दिया जाता है। लेकिन क्रीड रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हरियाणा के 50 हजार से ज्यादा परिवार ऐसे हैं जो एक पैसा नहीं कमाते है।
वालंटियर के रूप में टीचर करेंगे जांच
इसका खुलासा होने के बाद हरियाणा सरकार ने एक्शन लेते हुए सभी परिवारों की आय की जांच कराने के आदेश दिए हैं। जिन्होंने फैमिली आईडी में अपनी आय जीरो बताई है। आशंका जताई गई है कि प्रदेश में गरीबों को दिए जाने वाली सुविधाओं का लाभ लेने के लिए डाटा में गलत जानकारी दी गई है। आठ अंकों वाले परिवार पहचान पत्रों की जांच के लिए टीचरों को वालंटियर के रूप में जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
13 मई को जारी हुआ आंकड़ा
हरियाणा सरकार का नागरिक संसाधन सूचना विभाग (CRID) की ओर से 13 मई को आंकड़ा जारी किया गया था। डाटा के मुताबिक परिवार पहचान पत्रों में 50 हजार से ज्यादा परिवारों की आय शून्य बताई गई है। परिवार पहचान पत्र प्राधिकरण अब तक करीब 10 हजार परिवारों की जांच कर चुका है। विभाग की ओर से नागरिकों के लिए विभिन्न योजनाओं और सेवाओं की जानकारी दी जाती है।
किस आधार पर की जाएगी जांच ?
शहरों में परियोजना अधिकारियों और ग्रामीण क्षेत्रों में ADC की निगरानी में परिवार पहचान पत्रों की जांच की गई है। सरकार अब परिवार के मुखिया और सदस्यों की कुल आय, श्रेणीवार उसके स्रोत, एनुअल एवरेज इनकम, वाहन, प्रॉपर्टी और उसकी आईडी का ब्योरा मांग रही है। लेकिन जांच के दौरान लोग संपत्ति, वाहन, परिवार की आय और स्रोत बताने में आनाकानी कर रहे हैं। इस जानकारी की मदद से यह पता लगेगा कि क्या वाकई इन परिवारों की आय शून्य है या फिर यह किसी गलत जानकारी का नतीजा है।
सीएम सैनी ने क्या कहा ?
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दो हफ्ते पहले हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण के कामकाज और शून्य आय (zero income) वाले परिवारों की स्थिति की समीक्षा की थी। इस दौरान एकल सदस्य वाले परिवारों की आय का भी विश्लेषण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा था कि सरकार का मकसद हर परिवार की वास्तविक स्थिति को समझना और जरूरतमंदों तक सही योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। इस जांच के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करेगी कोई पात्र परिवार योजनाओं के लाभ से वंचित ना रहे।