चरखी दादरी में शहीद को देर रात दी अंतिम विदाई : भाई ने दी मुखाग्नि, श्रद्धांजलि देने उमड़ा गांव

चरखी दादरी में शहीद को देर रात दी अंतिम विदाई : लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए वायुसेना के जवान नवीन श्योराण को उनके पैतृक गांव काकड़ौली हुक्मी (चरखी दादरी) में मंगलवार देर रात राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। रात के अंधेरे को चीरती हुई लाइटों की रोशनी में चिता सजी और आसमान में गूंजे- भारत माता की जय के नारे। श्मशानघाट में रात 11:15 बजे शहीद का अंतिम संस्कार हुआ। भाई नितिन श्योराण ने उन्हें मुखाग्नि दी। मौके पर वायुसेना की टुकड़ी ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए फायरिंग कर सलामी दी। माहौल भावुक और गर्व से भरा था।
शहीद नवीन अमर रहें और वंदे मातरम् के नारों के साथ शव उनके गांव लाया गया
शहीद नवीन का पार्थिव शरीर रात करीब 9:30 बजे बाढ़ड़ा कस्बे में पहुंचा। वहां से करीब 7 किलोमीटर लंबी बाइक और गाड़ियों की रैली निकाली गई। शहीद नवीन अमर रहें और वंदे मातरम् के नारों के साथ शव उनके गांव लाया गया। गांव में पहले ही हजारों की भीड़ जुट चुकी थी। शव पहुंचते ही घर के आंगन में सन्नाटा पसर गया। बुजुर्गों की आंखें नम थीं, युवाओं के चेहरों पर गर्व और बच्चों में शहीद को अंतिम बार देखने की उत्सुकता थी।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
श्मशान घाट को रोशनी से जगमगाया गया। वायुसेना के अधिकारियों ने शहीद के शव पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें अंतिम सलामी दी। दिल्ली से आई वायुसेना की टुकड़ी ने पारंपरिक फायरिंग कर नवीन को विदाई दी। बाढ़ड़ा विधायक उमेद सिंह पातुवास, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील इंजीनियर, बाढ़ड़ा थाना प्रभारी दिलबाग सिंह सहित कई स्थानीय नेता और अधिकारी मौजूद रहे। परिवार की आंखों में आंसू थे, लेकिन दिल में बेटे की बहादुरी पर गर्व भी था। नवीन के दादा धर्म सिंह, जो खुद सेना से रिटायर्ड हैं, उन्होंने कहा कि देश ने मेरा पोता मांगा, मैंने गर्व से दिया।
जिस घर में शादी की तैयारी थी, वहीं पसरा मातम
गांववालों ने बताया कि नवीन श्योराण की शादी इसी साल होनी थी। खास बात यह थी कि नवीन और उसके बड़े भाई नितिन की एक ही दिन शादी होने वाली थी, जिनकी होने वाली दुल्हनें आपस में सगी बहनें थीं। घर में शादी के लिए नया निर्माण हुआ था। रंग-रोगन का काम चल रहा था लेकिन अब वह घर शोक का केंद्र बन गया है। विवाह की तारीख तय होने ही वाली थी कि शहादत की खबर आ गई।
ड्यूटी के दौरान वह नदी में डूब गए
नवीन श्योराण लेह-लद्दाख में वायुसेना में तैनात थे। ड्यूटी के दौरान वह एक नदी में डूब गए थे। 24 घंटे की मशक्कत के बाद उनका शव बरामद हुआ। यह सूचना मिलते ही परिवार के लोग लेह रवाना हुए और शव को मंगलवार शाम गांव लाया गया। गांव में कभी ना भूलने वाली रात गांव काकड़ौली हुक्मी ने शायद ही कभी ऐसा दृश्य देखा हो। रात में सजी चिता, सैकड़ों लोगों की मौन श्रद्धांजलि और फायरिंग की गूंज ने हर किसी की आंखें नम कर दीं। कुछ युवा कंधों पर तिरंगा लेकर खड़े थे, तो कुछ महिलाएं थालियों में दीप जलाकर नम आंखों से अंतिम विदाई दे रही थीं।
नवीन की बहादुरी, गांव की शान
ग्रामीणों के अनुसार, नवीन बेहद सरल और अनुशासित स्वभाव का युवक था। उसकी शहादत ने गांव को गर्व से भर दिया है। एक बुजुर्ग ने कहा ये बेटा सिर्फ गांव का नहीं था, पूरे देश का था। गांव में अब शहीद के नाम पर स्मारक बनाने की मांग उठने लगी है। कई युवाओं ने कहा कि वह भी सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहते हैं।