शहीद की अंतिम यात्रा: चरखी दादरी में सैन्य सम्मान से लांसनायक की विदाई, 5 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

हरियाणा के चरखी दादरी के शहीद लांसनायक मनोज फोगाट को आज (17 मई) उनके पैतृक गांव समसपुर में हजारों नम आंखों के बीच अंतिम विदाई दी गई। सुबह 11 बजे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस हृदयविदारक दृश्य में उनके 5 वर्षीय पुत्र प्रिंस ने अपने शहीद पिता को सैल्यूट कर मुखाग्नि दी।
लांसनायक मनोज फोगाट 15 मई को पंजाब के कपूरथला में ड्यूटी के दौरान सिर में गोली लगने से शहीद हो गए थे। उनके परिवार में पत्नी रेखा और दो बच्चे हैं - 8 वर्षीय बेटी दीक्षा और 5 वर्षीय बेटा प्रिंस। यह विडंबना ही है कि उन्होंने 4 मई को ही अपने बेटे प्रिंस का जन्मदिन मनाया था और उसके बाद ड्यूटी पर लौट गए थे। शनिवार सुबह जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर हरियाणा पहुंचा, युवाओं का एक विशाल समूह बाइक और पैदल रैली के रूप में उनके पीछे चल पड़ा। 'भारत माता की जय', 'वंदेमातरम' और 'शहीद मनोज फोगाट अमर रहे' के नारों से वातावरण गूंज उठा।
भारी भीड़ उमड़ी, गांव का श्मशान घाट भी छोटा पड़ गया
शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए इतनी भारी भीड़ उमड़ी कि गांव का श्मशान घाट भी छोटा पड़ गया। मजबूरन लोगों को अपने प्रिय शहीद के अंतिम दर्शन के लिए श्मशान घाट की दीवारों और आसपास के घरों की छतों पर चढ़ना पड़ा। जब शहीद का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा, तो उनकी पत्नी रेखा और दोनों बच्चों को उनके अंतिम दर्शन कराए गए। इस मार्मिक क्षण में शहीद की मां संतोष ने भरे गले से कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है, जिसने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है।
पत्नी रेखा अपने दोनों बच्चों को संभालते हुए गहरे शोक में डूबी रहीं। शहीद लांसनायक मनोज फोगाट को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हरियाणा सरकार की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी, भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह और दादरी के विधायक सुनील सांगवान भी पहुंचे।
2011 में ग्रेनेडियर में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे
34 वर्षीय लांसनायक मनोज फोगाट वर्ष 2011 में ग्रेनेडियर में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ पहले भी टूट चुका है। 10 साल पहले उनके पिता रणबीर सिंह का निधन हो गया था। इसके अतिरिक्त, लगभग 12 साल पहले उनके भाई कर्मपाल और 6 साल पहले उनकी बहन का भी असामयिक निधन हो गया था। अब उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बच्चे और उनकी मां संतोष ही बचे हैं।
युवाओं ने मोटरसाइकिलों पर विशाल रैली निकालीशहीद के पार्थिव शरीर के गांव पहुंचने पर युवाओं ने मोटरसाइकिलों पर विशाल रैली निकाली, जिसमें देशभक्ति के नारे गूंजते रहे। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग पार्थिव शरीर के आगे-आगे पैदल चल रहे थे, अपने वीर सपूत को अंतिम सम्मान देने के लिए। शहीद का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ उनके पैतृक गांव लाया गया, जो उनकी शहादत का प्रतीक था। उनकी बेटी दीक्षा को भी अपने पिता के अंतिम दर्शन कराए गए, एक ऐसा दृश्य जिसने सभी को भावुक कर दिया। शहीद का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक गांव समसपुर पहुंचा, शोक का माहौल छा गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। अंतिम विदाई के दौरान शहीद का 5 साल का बेटा प्रिंस अपने हाथ में अपने शहीद पिता की तस्वीर लेकर पहुंचा, उसकी मासूमियत और साहस ने सभी को स्तब्ध कर दिया। सेना के एक अधिकारी ने शहीद के परिजनों को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सौंपा और उन्हें सैल्यूट किया, जिसके बाद परिजनों ने उसे श्रद्धा से अपने माथे पर लगाया।
शोक और संवेदनाओं का सैलाबशहीद की अंतिम विदाई के दौरान अनेक भावुक क्षण आए। शहीद की मां अपने बेटे के पार्थिव शरीर के साथ आए एक फौजी से लिपटकर फूट-फूटकर रो पड़ीं। सैन्य अधिकारियों ने शहीद की शहादत को राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि लांसनायक मनोज फोगाट एक ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए। शहीद को गमगीन माहौल में भारी भीड़ ने अंतिम विदाई दी। अंतिम यात्रा में शहीद के बेटे प्रिंस को अपने पिता की तस्वीर हाथ में लेकर लहराते हुए देखना अत्यंत हृदयविदारक था।
शहीद पिता को उनके 6 साल के बेटे प्रिंस ने मुखाग्नि दी, यह दृश्य उपस्थित सभी लोगों की आंखों में हमेशा के लिए बस गया। शहीद की चिता सजाई गई और सेना की एक टुकड़ी ने उन्हें अंतिम सलामी दी। सेना ने शहीद के परिवार को तिरंगा सौंपा, जो उनके बलिदान का प्रतीक था। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए लोग श्मशान घाट की दीवारों पर भी चढ़ गए थे, जिससे उनकी लोकप्रियता और सम्मान का अंदाजा लगाया जा सकता है। श्मशान घाट में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
भिवानी-महेंद्रगढ़ से भाजपा सांसद भी शोक व्यक्त करने पहुंचे
शहीद के अंतिम संस्कार को लेकर श्मशान में पहले से ही तैयारियां की जा रही थीं। भिवानी-महेंद्रगढ़ से भाजपा सांसद चौधरी धर्मबीर भी शोक व्यक्त करने के लिए पहुंचे। सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि पूरे प्रदेश को शहीद मनोज फोगाट पर गर्व है। उन्होंने भी शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद की पत्नी को ढांढस बंधाते हुए ग्रामीण नजर आए। विधायक सुनील सांगवान ने भी शोक जताया।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सोशल मीडिया पर संवेदनाएं व्यक्त की
ग्रामीण धर्मबीर ने बताया कि मनोज मिलनसार स्वभाव के थे और जब भी छुट्टी पर आते थे तो सभी ग्रामीणों से मिलते थे। उनके शहीद होने की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि मनोज अपने परिवार के एकमात्र सहारा थे। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी शहीद लांसनायक मनोज फोगाट की शहादत पर गहरा दुख व्यक्त किया था और सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की थीं। उन्होंने कहा था कि देश हमेशा उनके बलिदान को याद रखेगा और उन्होंने शहीद के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की थी।