अनंगपुर तोड़फोड़ विवाद: महापंचायत में सरकार से मांगी 2500 एकड़ जमीन, 30 दिन का अल्टीमेटम

Forest department eviction Haryana
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फरीदाबाद के सूरजकुंड गोल चक्कर पर आयोजित अनंगपुर महापंचायत में मौजूद लोग।

फरीदाबाद के अनंगपुर में वन विभाग द्वारा की गई तोड़फोड़ के विरोध में महापंचायत का आयोजन हुआ। इसमें कई सांसद, पूर्व मंत्री, किसान नेताओं समेत हजारों लोग पहुंचे। सरकार को जमीन वापसी दिलाने के लिए 30 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है।

अनंगपुर तोड़फोड़ विवाद : हरियाणा के फरीदाबाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अनंगपुर के आसपास वन विभाग द्वारा की गई तोड़फोड़ के विरोध में रविवार को सूरजकुण्ड गोल चक्कर पर राष्ट्रीय महापंचायत हुई। महापंचायत में देश, प्रदेश की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के अलावा हजारों लोगों ने विरोध जताया। महापंचायत में वक्ताओं ने इस कार्रवाई को प्रदेश सरकार की नाकामी बताया और कहा कि गांव का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में सही ढंग से पेश नहीं किया गया। पंचायत में कहा गया कि अगर सरकार सही ढंग से 1200 साल पुराने इस ऐतिहासिक गांव अनंगपुर और 50 साल पुराने रिहायशी क्षेत्र का पक्ष रखती तो इस इलाके को उजाड़ने से बचाया जा सकता था।

सरकार ऑर्डिनेंस लाकर 2500 एकड़ जमीन दिलवाए

पंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सरकार तोड़फोड़ की इस कार्रवाई पर तुरन्त रोक लगाए और टूटे हुए निर्माणों का मुआवजा दे। वहीं 4500 एकड़ पहाड़ में से 2 हजार एकड़ पीएलपीए फॉरेस्ट में देकर 2500 एकड़ जमीन ग्रामीणों के इस्तेमाल के लिए छोड़े। उस पर से पीएलपीए फॉरेस्ट हटे, सरकार ऑर्डिनेस लाए और सुप्रीम कोर्ट से राहत दिलवाए। जब तक समस्या का समाधान नहीं होगा धरना जारी रहेगा। सरकार को 30 दिन का समय दिया जाता है। सरकार इन सारी मांगों को मानकर विधानसभा और लोकसभा में आर्डिनेस लाकर समस्या का समाधान करें। 30 दिन में समस्या का समाधान नहीं होता तो संघर्ष समिति इससे कठोर फैसले ले सकती है। इस महापंचायत की अध्यक्षता 52 पालों के अध्यक्ष अरुण जेलदार व 360 पाल के प्रधान सुरेन्द्र सोलंकी ने की। अंनगपुर संघर्ष समिति के अध्यक्ष अत्तर सिंह के सानिध्य में आयोजित इस महापंचायत का मंच संचालन विजय प्रताप ने किया।

विपक्षी और किसान यूनियन के बड़े नेता रहे मौजूद

इस पंचायत में किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत, किसान नेता गुरूनाम चंढूनी, रोहतक से सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा, पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, एसीडब्ल्यूसी के सदस्य गुरदीप सप्पल, कैराना से सांसद इकरा हसन, सोनीपत्त से सांसद सतपाल ब्रहमचारी, कुंवर प्रणव चैंपियन, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जितेन्द्र भारद्वाज, पूर्व मंत्री गीता भुक्कल, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जितेन्द्र बघेल, पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल, पूर्व मंत्री आफताब खान, विधायक इजराइल, ग्वालियर से विधायक साहिब सिंह गुर्जर, मुरैना से विधायक दिनेश गुर्जर, नदवई जोगिन्द्र अवाना, एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी, विधायक अतुल प्रधान, रघुराज सिंह, कांग्रेसी नेता चत्तर सिंह, पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना, मुखिया गुर्जर, राजस्थान के प्रहलाद गुंजल, विधायक रघुबीर तेवतिया, विधायक ब्रहम सिंह तंवर, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ आप नेता सौरभ भारद्वाज, पूर्व विधायक नीरज शर्मा, पूर्व विधायक अर्जुन सिंह, किरोड़ीमल बैंसला के सुपुत्र विजय बैंसला, सैयद मसूद, लखन सिंगला, सुमित गौड़, तरूण तेवतिया, बलजीत कौशिक आदि प्रमुख नेताओं ने मुख्य रूप से भाग लिया।

टिकैत ने कहा-बुलडोजर के आगे लेटना होगा

किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि उजड़ने से बचने के लिए एकजुट होकर लड़ाई लड़ें। उन्होंने कहा कि एक गांव नहीं टूटा, दूसरे गांव भी तोड़े जाएंगे। बुलडोजर के आगे लेटना पड़ेगा। संघर्ष तेज करना पड़ेगा। सरकार आसानी से झुकने वाली नहीं है। कानूनी लड़ाई लड़ें, संसद में सांसद मामले को उठाएं।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा-सदन में लड़ेंगे लड़ाई

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के 37 विधायक और लोकसभा में हमारे सांसद आपकी लड़ाई लड़ेंगे। सरकार को मजबूर किया जाएगा कि वे गरीब तबके के हकों की आवाज को सुने। वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश नहीं है कि आबादी में तोडफोड़ की कार्रवाई की जाए। गरीबों के मकान जो सालों से बसे हैं उनको उजाड़ दो। आज जिस तरीके से कार्रवाई की गई वह साफ दर्शता है कि कुछ चुनिंदा साहूकारों को लाभ दिलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में कार्रवाई की गई है।

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