छापेमारी: अंबाला सिविल अस्पताल में भ्रूण लिंग जांच रैकेट का भंडाफोड़, 2 कर्मचारी गिरफ्तार

अंबाला सिविल हॉस्पिटल में जांच करती टीम।
हरियाणा के अंबाला कैंट स्थित नागरिक अस्पताल में गुरुवार को एक बड़े भ्रूण लिंग जांच रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। स्वास्थ्य विभाग कुरुक्षेत्र की विशेष टीम ने यहां एक डिकॉय मरीज (नकली ग्राहक) भेजकर छापा मारा और अस्पताल के दो कर्मचारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। ये कर्मचारी अल्ट्रासाउंड रूम में एक महिला के गर्भ में भ्रूण का लिंग जांच करने की कोशिश कर रहे थे।
अल्ट्रासाउंड रूम से रंगे हाथों पकड़े गए आरोपी
गुरुवार सुबह लगभग 10 बजे शुरू हुई इस छापेमारी ने सबको चौंका दिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सागर और एक अन्य व्यक्ति रज्जी को मौके से गिरफ्तार किया। उनके पास से 60 हजार रुपये नकद भी बरामद किए गए। कुरुक्षेत्र के डॉक्टर ऋषि, डॉ. गौरव और डॉ. राजीव की टीम ने तीन घंटे तक चली इस गोपनीय जांच के दौरान दोनों आरोपियों को अल्ट्रासाउंड रूम में ही भ्रूण लिंग जांच करते हुए पकड़ा। यह घटना सिविल अस्पताल जैसे सरकारी संस्थान में ऐसे गैरकानूनी काम के होने पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
बस स्टैंड से अस्पताल तक बिछाया था जाल
जांच टीम ने इस रैकेट को पकड़ने के लिए एक सुनियोजित रणनीति अपनाई थी। उन्होंने मंजू नाम की एक महिला को डिकॉय मरीज के तौर पर तैयार किया। आरोपियों ने मंजू को पहले अंबाला कैंट बस स्टैंड पर बुलाया, और फिर वहां से उसे फुटबॉल चौक पर ले गए। इसके बाद उसे सीधे सिविल अस्पताल के अल्ट्रासाउंड रूम में ले जाया गया, जहां वे अवैध गतिविधि को अंजाम देने की कोशिश कर रहे थे। यहीं पर टीम ने छापा मारा और आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
पुलिस ने दोनों आरोपियों, सागर और रज्जी, के खिलाफ भ्रूण लिंग जांच से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने आरोपी सागर से 32 हजार रुपये और रज्जी से 28 हजार रुपये बरामद किए हैं, जो इस अवैध सौदे की रकम थी।
इस मामले में पुलिस की जांच जारी है और माना जा रहा है कि इस रैकेट में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही, स्वास्थ्य विभाग भी इस घटना की विभागीय जांच शुरू करेगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि सरकारी अस्पताल परिसर में यह अवैध कार्य कैसे और कितने समय से चल रहा था। इस घटना पर अंबाला के सिविल सर्जन का कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह घटना दर्शाती है कि भ्रूण लिंग जांच जैसी गैरकानूनी गतिविधियां अभी भी समाज में किस कदर सक्रिय हैं और इन पर लगाम कसने के लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को लगातार सतर्क रहने की जरूरत है।