भ्रूण लिंग जांच में ठगी का खुलासा: अंबाला कैंट के सरकारी अस्पताल का कर्मचारी अल्ट्रासाउंड करवा भ्रूण लिंग जांच की देता था झूठी सूचना, 60 हजार में सौदा

gender test racket in ambala
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अंबाला कैंट के सिविल अस्पताल से गिरफ्तार भ्रूण लिंग जांच गिरोह के सदस्य।

हरियाणा के अंबाला कैंट के सरकारी अस्पताल में भ्रूण लिंग जांच के नाम पर ठगी का नेटवर्क चलाने वाले दलाल और एक कर्मचारी को पकड़ा गया है। कर्मचारी अस्पताल में ही अल्ट्रासाउंड करवाकर बेटा या बेटी होने की झूठी सूचना देता था।

भ्रूण लिंग जांच में ठगी का खुलासा : भ्रूण लिंग जांच पर सख्त कानून के बावजूद अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्होंने अंबाला कैंट के सरकारी अस्पताल तक में अपना जाल बिछा दिया। स्वास्थ्य विभाग ने अंबाला कैंट के सिविल अस्पताल से एक दलाल और अस्पताल के कर्मचारी को अल्ट्रासाउंड करवाते रंगे हाथों पकड़ लिया। दोनों पर गर्भवती महिला से भ्रूण लिंग जांच के नाम पर 60 हजार रुपये की ठगी करने का आरोप है।

HKRN के तहत फोर्थ क्लास लगा हुआ है आरोपी

दलालों की जानकारी मिलने के बाद कुरुक्षेत्र के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने विशेष रणनीति बनाकर इस गिरोह का खुलासा किया। टीम ने एक महिला कर्मचारी को डिकॉय बनाकर अंबाला कैंट भेजा था। अंबाला कैंट के CNA चर्च के पास रहने वाले रज्जी नामक व्यक्ति ने डिकॉय को भ्रूण लिंग जांच करवाने का झांसा दिया। 60 हजार रुपये में सौदा तय हुआ और फिर रज्जी उसे फुटबॉल चौक पर बुलाकर कैंट के सरकारी अस्पताल लेकर गया। वहां उसका संपर्क अस्पताल में HKRN के तहत तैनात फोर्थ क्लास कर्मी सागर से कराया गया।

डॉक्टर से पेट दर्द कहकर करवाया अल्ट्रासाउंड

आरोपी सागर ने डिकॉय महिला के नाम से सामान्य अल्ट्रासाउंड पर्ची कटवाई, जिसमें पेट दर्द का कारण बताया गया। फिर उसी पर्ची पर डिकॉय को रेडियोलॉजिस्ट के पास भेजा गया। लेकिन जब रेडियोलॉजिस्ट ने अल्ट्रासाउंड के दौरान देखा कि महिला गर्भवती है तो उसने उसे गायनोकोलॉजिस्ट के पास रेफर कर दिया।

टीम ने रंगे हाथों दबोचा, रुपये बरामद किए

जैसे ही तीनों रज्जी, सागर और डिकॉय अल्ट्रासाउंड सेंटर से बाहर निकले तो वहां इंतजार कर रही टीम ने दोनों आरोपियों को पकड़ लिया। छानबीन के दौरान सागर के पास से 32 हजार और रज्जी से 28 हजार रुपये बरामद हुए, जो संभवतः डील की रकम का हिस्सा थे।

भ्रूण जांच नहीं, बल्कि ठगी थी मंशा

जिला PNDT नोडल अधिकारी डॉ. रमेश सभ्रवाल के मुताबिक प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपियों का उद्देश्य भ्रूण लिंग जांच करना नहीं, बल्कि महिला को झांसे में लेकर उससे पैसा ठगना था। हालांकि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि उन्होंने पहले इस तरह की कोशिशें न की हों। इसलिए दोनों की पृष्ठभूमि खंगाली जा रही है।

जांच के घेरे में अस्पताल की भूमिका

स्वास्थ्य विभाग अब इस बात की भी जांच कर रहा है कि क्या अस्पताल के किसी अन्य स्टाफ का भी इस मामले में कोई संबंध रहा है। चूंकि पर्ची कटवाने, अल्ट्रासाउंड कराने और पैसे के लेन-देन में साजिश साफ दिखती है, इसलिए पूरा अस्पताल प्रशासन भी निगरानी में है। फिलहाल दोनों आरोपियों को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। पुलिस अपने स्तर पर पूछताछ कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह के और कौन-कौन सदस्य सक्रिय हैं। PNDT अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।

अनिल विज ने पिछले सप्ताह ही किया था दौरा

मंत्री अनिल विज ने 26 जून को अंबाला कैंट के नागरिक अस्पताल में दौरा किया था। वे अपने पैर के अंगूठे का एक्स रे और सीटी स्कैन कराने पहुंचे थे। इस दौरान अस्पताल में भारी अव्यवस्था को देखकर अनिल विज ने अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि खामियों की जांच कराई जाएगी और दोषियों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। विज ने कहा था कि जो-जो है मैं उन सबको टांग दूंगा, मैं किसी को छोडूंगा नहीं।

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