Noida Crime: 5 साल पहले मरी मां-बेटी जीवित मिली, पति झेल रहा था हत्या का दंश; सच्चाई जानकर नोएडा पुलिस हैरान

नोएडा से बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक शख्स को पत्नी और बेटी की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता था, लेकिन 5 साल बाद दोनों को जीवित बरामद किया गया है। ऐसे में पति न केवल निर्दोष साबित हुआ है, बल्कि उस पर आरोप लगाने वाले भी संदेह के घेरे में आ गए हैं। बहरहाल, नोएडा पुलिस मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई में जुटी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नोएडा के बरौला गांव निवासी इंजीनियर अवधेश शर्मा की पत्नी अंजू अपनी बेटी के साथ 3 जुलाई 2020 को घर से अचानक लापता हो गई थी। अवधेश ने पुलिस को शिकायत दी, लेकिन दोनों का कहीं कोई सुराग नहीं लगा। 20 जुलाई को पुलिस को सूचना मिली कि शाहदरा में रेलवे ट्रैक पर महिला और बच्ची का शव मिला है। आशंका जताई गई कि दोनों की ट्रेन से कटकर मौत हुई है। ऐसे में पुलिस ने अवधेश वर्मा और अंजू के परिजनों को शवों की शिनाख्त करने के लिए बुलाया।
शिनाख्त को लेकर अलग-अलग दावे
अवधेश सिंह ने कपड़े और अन्य सामान देखने के बाद दावा किया कि ये शव उसकी पत्नी और बेटी के नहीं हैं। वहीं, अंजू के परिजनों ने उसकी पुष्टि बेटी और नाती के रूप में की। आरोप लगाया कि उसकी वजह से उनकी बेटी और नाती की जान चली गई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अवधेश के ससुरालियों ने हत्या का केस दर्ज नहीं कराया, लेकिन आरोप लगाए। उधर, अवधेश दोहराता रहा कि शव उसकी पत्नी और बेटी के नहीं हैं।
हाईकोर्ट तक पहुंचा मामला
पुलिस ने अंजू के परिजनों के बयानों के आधार पर पोस्टमार्टम के बाद केस को बंद कर दिया। वहीं अवधेश सिंह ने हाईकोर्ट में दोबारा से केस खोलने की अपील की। हाईकोर्ट के निर्देश पर दोबारा से जांच हुई, लेकिन स्थिति में कुछ भी बदलाव नहीं आया। हालांकि अब 5 साल बाद यह मामला खुद ही सुलझ गया। पुलिस ने अंजू और उसकी बेटी को सकुशल बरामद कर लिया गया।
ऐसे पता चला मां और बेटी, दोनों जीवित हैं
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अवधेश के मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आया था, जो कि आधार कार्ड केंद्र से लिंक था। इससे अवधेश को पता चला कि उसकी पत्नी और बेटी जीवित हैं। अवधेश ने तुरंत पुलिस को यह जानकारी दी तो तुरंत लोकेशन पता लगाकर दबिश दी। यहां अंजू और उसकी बेटी को जीवित पाकर सब हैरान रह गए।
पति से परेशान होकर छोड़ा था घर
पूछताछ में अंजू ने बताया कि वो अपने पति से परेशान थी। इसलिए वो अपनी बेटी को लेकर घर से निकली और सीधे ट्रेन से जोधरपुर पहुंची। उसने बताया कि वो ब्यूटी पार्लर का काम जानती है और उसी की मदद से भरण पोषण कर रही थी। पुलिस ने बताया कि दोनों को नोएडा लाया गया है। पति-पत्नी के बीच समझौते के प्रयास जारी हैं।
पुलिस ने यहां कर दी गलती?
मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि अंजू जब अपनी बेटी को लेकर घर से निकली थी, उस समय कोरोना महामारी फैली थी। पुलिस को जब शहादरा में मां-बेटी का शव मिला तो उन्होंने डीएनए की जांच कराए बिना मान लिया कि ये अंजू और उसकी बेटी का शव है। बहरहाल, दोनों के मिलने से अवधेश पर लगे दाग धुल चुके हैं।