Operation Sindoor: 'सिंदूर की ललकार' गाना जारी, मनोज तिवारी बोले- मैंने अपना कर्तव्य पूरा किया

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने 'सिंदूर की ललकार' नाम से नया गाना जारी किया।
भारत-पाकिस्तान में सीजफायर के बीच 'ऑपरेशन सिंदूर' जारी है। भारतीय सेना न केवल आतंकियों को ढूंढकर उनके अंजाम तक पहुंचा रही है, बल्कि गद्दारों को भी तलाशा जा रहा है। इसके अलावा, भारतीयों ने पाकिस्तान का समर्थन करने वाले तुर्की और अजरबैजान को पूरी तरह से बायकॉट कर दिया है। सभी अपने स्तर पर ऐसा कदम उठा रहे हैं, जिससे पाकिस्तान, तुर्की और अजरबैजान को सबक मिल सके। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर एक गाना जारी किया है, जिसका शीर्षक 'सिंदूर की ललकार' रखा गया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि हमारी सेना पर गर्व हो रहा है, तो हर गायक को कुछ न कुछ गाना चाहिए। मैंने अपने गायक धर्म का पालन किया है। उन्होंने गाने की शुरुआती लाइनों को गाकर बताया कि भारत ने दुश्मन के हर वार को विफल किया। इतने घमासान के बावजूद पाकिस्तान के सामान्य नागरिकों को नुकसान नहीं होने दिया और मानवता को जिंदा रखा।
उन्होंने बताया कि इस गीत में पहलगाम हमले से लेकर बदला लेने तक का बताया है। उन्होंने कहा कि अभी ऑडियो ही आया है, दो दिन में वीडियो भी जारी किया जाएगा।
#WATCH | Delhi: BJP MP Manoj Tiwari releases a song 'Sindoor Ki Lalkaar', honouring #OperationSindoor
— ANI (@ANI) May 17, 2025
He says, " We are proud of our armed forces, so it is the duty of every singer of the country to sing something for them. I have fulfilled my duty as a singer..." pic.twitter.com/p65nt4VWu9
मनोरंजन जगत ने तुर्की का किया बहिष्कार
बता दें कि देश के व्यापारियों ने तुर्की और अजरबैजान से किसी भी प्रकार के व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ का कहना है कि मनोरंजन जगत से भी अपील की थी कि तुर्की और अजरबैजान में शूटिंग न करें, नहीं तो उस फिल्म का बहिष्कार करेंगे। भाजपा नेता प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि उत्पादों के विज्ञापन के लिए भी शूटिंग की जाती है। अगर की उत्पाद की शूटिंग तुर्की या अजरबैजान में की जाती है, तो उस उत्पाद का भी बहिष्कार किया जाएगा।
उधर, 24 राज्यों के व्यापारी संगठनों की चेतावनी से पहले ही अखिल भारतीय सिने वर्कर्स एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्पलाइज जैसे संगठनों ने भी फिल्म डायरेक्टरों को तुर्की और अजरबैजान में शूटिंग न करने की हिदायत जारी कर दी थी। कहा था कि पाकिस्तान का समर्थन करने वाले देशों में शूटिंग करने से उनकी सुरक्षा से खिलवाड़ हो सकता है, इसलिए वहां शूटिंग नहीं करनी चाहिए।